जब आप तैयार होती हैं तो अपने चेहरे के लिए क्लीनिंग से लेकर मेकअप की अलग-अलग लेयर्स तक का खूब ख्याल रखती हैं। कपड़े, पर्स सभी कुछ टिपटॉप हो, इसका ध्यान रखा जाता है। मगर पैरों का क्या? सिर्फ ड्रेस से मैचिंग जूते पहन लेना या नेल पेंट लगा लेना ही काफी नही है। बदलते मौसम के साथ इन दिनों आप अपने पैरों पर ज्यादा रूखापन और झुर्रियां देख रही होंगी। अगर ये पैरों में बढ़ रही ड्राईनेस आपकी भी समस्या है, तो जानिए कैसे रखना है अपने पैरों का ख्याल (Dryness on feet)।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ नवराज विर्क का कहना है कि टाइट सैंडिल, बैली और जूते पहनने से पैरों में दुर्गंध और फंगल इंफे्क्शन का जोखिम बना रहता है। खासतौर से सर्दियों के मौसम में वातावरण में शुष्कता बढ़ने लगती है और शरीर में मॉइश्चर की कमी का सामना करना पड़ता है। साथ ही नहाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल भी त्वचा के नेचुरल ऑयल को कम कर देता है। ऐसे में पैरों पर साबुन के इस्तेमाल से बचें और रात को सोने से पहले फुट केयर रूटीन को फॉलो करे।
डाइनेमिक एंकल एंड फुट सेंटर के अनुसार हवा में शुष्कता बढ़ने से सीज़नल ड्राई स्किन का सामना करना पड़ता है। पैरों की त्वचा में खिंचाव महसूस होता है और फटी एड़ियों की समस्या भी बढ़ जाती है। हवा में नमी की कमी इस समस्या का मुख्य कारण साबित होती है। इसके अलावा दिनभर टाइट बैली पहनना पैरों के रूखेपन को बढ़ा देते हैं।
सर्दियों में अक्सर लोग गुनगुने पानी से नहाते हैं, मगर ज्यादा गर्म पानी का प्रयोग करने के त्वचा पर मौजूद नेचुरल ऑयल की कमी बढ़ जाती है और त्वचा की शुष्कता बढ़ने लगती है। साथ ही शरीर पर रैशेज से खुजली की समस्या बनी रहती है। इससे त्वचा फ्लेकी दिखने लगती है और मॉइश्चराइजे़शन के लिए स्वैट ग्लैंड पर निर्भर रहती है।
सर्दी के दिनों में प्यास कम लगने लगती है, जिससे शरीर में निर्जलीकरण का खतरा बना रहता है। डिहाइड्रेट रहने से त्वचा पर उसका प्रभाव दिखने लगता है और स्किन रूखी व बेजान लगने लगती है। ऐसे में भरपूर मात्रा में पानी पीएं, जिससे शरीर में मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट का उचित बैलेंस बना रहता है।
वे लोग जो ठंड के मौसम में रातभर गर्म जुराबें पहनकर सोते हैं, उन्हें पैरों में रूखेपन का सामना करना पड़ता है। इससे पैर पर दबाव बढ़ने लगता है, जो शरीर में रक्त के प्रवाह को बाधित करने लगता है। इसके अलावा टाइट बैली पहनना भी पैरों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पैरों में संक्रमण का खतरा भी बना रहता है।
पैरों में बढ़ने वाले रूखेपन को दूर करने के लिए रात को सोने से पहले पैरों को धोकर मॉइश्चराइज़ अवश्य करें। इससे स्किन का लचीलापन बना रहता है और फ्लेकी स्किन से राहत मिल जाएगी। मॉइश्चर को लाक करने के लिए क्रीमी मॉइश्चराइज़ प्रयोग करें। इसका क्रीमी टैक्सचर देर तक त्वचा पर मौजूद रहता है।
सोने से पहले पैरों को होममेड स्क्रब की मदद से क्लीन करें और डेड स्किन सेल्स को रिमूव कर लें। इससे त्वचा की नमी बनी रहती है। इसके अलावा पैरों की क्लीनिंग के लिए गर्म पानी की जगह गुनगुने पानी की मदद लें। इससे पैरों की क्लीनिंग से लेकर स्किन सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है। साथ ही पैरों की त्वचा मुलायम रहती है।
एमोलिएंट प्रॉपर्टीज़ से भरपूर नारियल के तेल को पैरों पर अप्लाई करने से फटी एड़ियों और शुरूकता से राहत मिलने लगती है। इसमें मौजूद सेचुरेटिड फैटी एसिड स्किन को नर्म और स्मूद बनाए रखती है। नारियल के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से भी पैरों की स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार ओटमील बाथ से स्किन को एंटी ऑक्सीडेंटस और एंटी इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज़ की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली इरिटेशन को कम किया जा सकता है। गुनगुने पानी में ओटमील डालकर उससे नहाएं या फिर उसमें पैरों को 10 से 15 मिनट तक भिगोकर रखें। इससे पैरों को सुकून मिलता है और रूखापन दूर होने लगता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार पेट्रोलियम जेली में मिनरल ऑयल की मात्रा पाई जाती है। इससे त्वचा पर सुरक्षात्मक परत बन जाती है, जो नमी को स्टोर कर लेता है। रात को सोने से पहले पैरों पर इसे लगाने से सूखी और इरिटेटिंग स्किन से राहत मिलने लगती है।
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