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ज्यादा अचार खाने की आदत भी बढ़ा सकती है सेहत के लिए जोखिम, जानिए कैसे

ज्यादा अचार खाने की आदत भी कर सकती है आपको बीमार। अचार की शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए इसमें ज्यादा मात्रा में नमक और तेल मिलाया जाता है। इसके कारण हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और लो बोन डेंसिटी भी हो सकती है।
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ज्यादा अचार खाने की आदत आपको बीमार कर सकती है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 3 Oct 2023, 07:00 pm IST
Dr.Shrey srivastav
इनपुट फ्राॅम

आम का अचार, नींबू, करोंदे, आमला, गोभी, गाज़र, मूली करेले का अचार। हेल्दी फूड्स से तैयार अचार की फेहरिस्त बहुत लंबी हो सकती है। अचार शब्द सुनते ही मुंह में पानी आने लगता है। अक्सर हम भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए एक पीस अचार भी थाली में डाल लेते हैं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की गरज से अपने मन को यह भी समझा लेते हैं कि ऊपर बताई गई सारी चीजें हेल्दी होती हैं। इन्हें खाने से हमारे शरीर को फायदा पहुंचेगा। पर क्या आप जानती हैं कि ज्यादा अचार खाने की आदत भी आपको बीमार कर सकती है। ये हम नहीं, विशेषज्ञ बता रहे हैं। आइये जानते हैं कि अचार किस तरह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता (Side effects of too much pickle) है।

पोषक तत्व कम हो जाते हैं (Low Nutritional Value of Pickle)

अचार बनाने की जो प्रक्रिया अपनाई जाती है, उससे पोषण मूल्य (Side effects of too much pickle) कम हो जाता है। इसके दौरान फलों या सब्जियों को काट लिया जाता है और धूप में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। फल या सब्जियों में पानी की कोई मात्रा नहीं रहने दी जाती है। धूप में सुखाने से ज्यादातर पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। सुखाने की प्रक्रिया के दौरान उन पर नमक का लेप भी लगाया जाता है।

सोडियम बढ़ा देता है ब्लड प्रेशर (Sodium increases Blood Pressure)

अचार या अचार जैसे कई अन्य नमकीन खाद्य पदार्थ में मौजूद सोडियम प्राकृतिक क्रिया के माध्यम से ब्लड प्रेशर बढ़ा देते हैं। एक अचार खाने से किसी व्यक्ति की मौत तो नहीं हो सकती है, लेकिन एक्स्ट्रा सोडियम क्लोराइड के सेवन की नियमित आदत हाई ब्लड प्रेशर और अन्य क्रोनिक बीमारियों को भी जन्म दे सकती है।

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अचार बनाने की जो प्रक्रिया अपनाई जाती है, उससे पोषण मूल्य कम हो जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

ब्लड प्रेशर कैसे प्रभावित होता है (High Blood Pressure Causes)

हमारी आंत पाचन के दौरान सोडियम को अवशोषित करती है, तो सोडियम इलेक्ट्रोलाइट्स की वृद्धि हो जाती है। इसके कारण इसे पतला (Dilute) करने के लिए ब्लड स्ट्रीम में फ्लूइड माइग्रेशन होता है। अधिक फ्लूइड ब्लड वेसल्स की दीवारों पर अधिक बल लगाता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जब पोटेशियम का सेवन सोडियम सेवन से अधिक होता है, तो शरीर इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखता है। इस अनुपात में, पोटेशियम सोडियम की गतिविधि को नरम करने का काम करता है। यदि शरीर को पोटेशियम से अधिक सोडियम मिलता है, तो सोडियम तंत्र अनियंत्रित हो जाता है।

किडनी पर प्रभाव (Sodium Affects Kidney Health)

एक रेगुलर मीडियम साइज़ आम के अचार में 569 मिलीग्राम सोडियम होता है। डेली रिक्वायरमेंट 2,300 मिलीग्राम होता है। अचार में नमक के अत्यधिक उपयोग से हमारे आहार में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे वाटर रिटेंशन, पेट में सूजन, हाई ब्लड प्रेशर और किडनी पर काम के बोझ में वृद्धि जैसे खराब स्वास्थ्य प्रभाव (Side effects of too much pickle) पड़ते हैं। अधिक नमक वाला आहार कैल्शियम के अवशोषण को भी कम कर देता है, जिससे हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाती है

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अधिक नमक वाला आहार कैल्शियम के अवशोषण को भी कम कर देता है, जिससे हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण (Pickles cause High Cholesterol)

सब्जियों को तेल में डुबाकर अचार बनाया जाता है, जो नमी अवरोधक के रूप में कार्य करता है और उन्हें संरक्षित करता है। यही तेल कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ा देता है। इससे हृदय रोग विकसित होने या बिगड़ने का खतरा होता है। लंबे समय में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल लीवर को नुकसान पहुंचाता है। अचार में इस्तेमाल होने वाले तेल में ट्रांस फैट होता है। यह हाइड्रोजीनेशन के कारण होता है। ट्रांस फैट से अचार की शेल्फ लाइफ तो बढ़ जाती है, लेकिन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को बढ़ा देता है और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) को कम कर देता (Side effects of too much pickle) है। ये ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को भी बढ़ाते हैं।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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