scorecardresearch

बालों को जल्दी सफेद होने से बचाना है तो ट्राई करें कलौंजी और भृंगराज हेयर मास्क, हेयर फॉल भी रुकेगा

भृंगराज आयुर्वेद की वह सदियों पुरानी हर्ब है जो बालों के लिए सबसे ज्यादा इफेक्टिव मानी जाती है। इसमें जब आप कलौंजी मिक्स करते हैं, तो इससे न केवल हेयर फॉल रुकता है, बल्कि बालों का नेचुरल कलर भी बरकरार रहता है।
Published On: 23 Oct 2024, 04:01 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
डॉ अंकुर तंवर
इनपुट फ्राॅम
hair mask ke fayde
हेयर मास्क बालों की कंडीशनिंग में मदद करता है। इससे स्कैल्प पर पनपने वाले संक्रमण को दूर किया जा सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

आधुनिकता के इस दौर में हेयर स्टाइलिंग के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है, जो सफेद बालों का कारण बन रहा है। एक वो दौर था, जब बालों को काला और घना बनाए रखने के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल किया जाता था। अक्सर मां बालों का कालापन बढ़ाने के लिए कलौंजी और भृंगराज से तैयार मास्क को अवश्य लगाया करती थी। इसमें मौजूद पोष्टिक तत्व बालों की जड़ों को न केवल फायदा पहुंचाते थे बल्कि इससे हेयर क्वालिटी भी मेंटेन रहती थी। जानते हैं कलौंजी और भृंगराज से तैयार हेयरमास्क (Kalonji and bhringraj hair mask) के फायदे और इसे बनाने से लेकर अप्लाई करने की विधि।

हांलाकि बालों का कालापन बढ़ाने के लिए डाई या हेयर कलर की मदद ली जाती है। मगर केमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल बालों की जड़ों को कमज़ोर बनाकर स्कैल्प की स्किन को नुकसान पहुंचाने लगता हैं। इससे स्कैल्प का पीएच गड़बड़ा जाता है, जो सफेद बालों का कारण बन जाता है। ऐसे में सफेद बालों से बचने और स्कैल्प की नरिशमेंट लिए घरेलू नुस्खों की मदद ली जा सकती है। रसोईघर में मौजूद कलौंजी और भृंगराज से तैयार हेयरमास्क बालों के लिए फायदेमंद साबित होता है।

क्यों और कब बढ़ने लगती है ग्रे हेयर की समस्या (Why and when does the problem of gray hair start increasing)

इंडियन जर्नल ऑफ डर्माटोलॉजी की रिपोर्ट की मानें, तो भारत में 30 वर्ष की उम्र या उसके बाद लोगों को सफेद बालों का सामना करना पड़ता है। वे लोग जिनकी उम्र 20 साल से कम है, उनमें बढ़ने वाली समस्या प्रीमेच्योर ग्रे हेयर प्रोबल्म कहलाती है। हेयर फॉलिकल्स में मेलानोसाइट्स की कमी का बढ़ना ग्रे हेयर का कारण बनने लगता हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार समय से पहले बाल सफ़ेद होने का मुख्य कारण जेनेटिक्स यानि आनुवंशिकता माना जाता है। इसके अलावा फ्री रेडिकल्स का प्रभाव भी इस समस्या को बढ़ा देता है। इसके अलावा शरीर में विटामिन बी12, विटामिन डी3 और कैल्शियम जैसे तत्वों की कमी से भी इसे जोड़कर देखा जाता है।

gray hair kyu badhte hain
कलौंजी में मेलानिन की मात्रा पाए जाने से बालों में ब्लैक पिगमेंट बढ़ने लगता है, जिससे ग्रे हेयर्स की समस्या हल होने लगती है। चित्र शटरस्टॉक।

जानते हैं कलौंजी और भृंगराज क्यों है बालों के लिए फायदेमंद (Benefits of Kalonji and bhringraj for hair)

इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि कलौंजी में ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा पाई जाती है। इससे स्कैल्प पर बढ़ने वाले रूखेपन को कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन की मात्रा कोशिकाओं की मात्रा को बढ़ाकर हेयरग्रोथ में मदद करती है। इसमें लिनोलिक एसिड की मात्रा भी पाई जाती है, जिससे मेलेनिन के प्रभाव को कम करके सफेद बालों से राहत मिलती है। वहीं आयुर्वेद में भृंगराज को केशराज कहा जाता है। इससे बालों में बढ़ने वाले संक्रमण को रोककर काला और घना बनाए रखने में मदद मिलती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार भृंगराज में एंटी फंगल और हेयर डार्कनिंग प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। इससे सफेद बालों की समस्या हल होने लगती है और फंगल कोलोनाइजे़शन से होने वाली रूसी को भी कम किया जा सकता है।

1. बालों के नेचुरल कलर को बनाए रखें

इसमें मौजूद फैटी एसिड की मात्रा जड़ों की नरिशमेंट में मदद करती है, जिससे बालों में मेलेनिन का प्रभाव कम हो जाता है और प्राकृतिक पिगमेंट को मेंटेन रखा जा सकता है। इसका अलावा बालों में कॉपर, प्रोटीन और विटामिन की कमी पूरी होती है।

bhrinraj balon ko majboot banata hai
भृंगराज स्कैल्प को ठंडा रखता है। आयुर्वेद में भृंगराज को केशराज कहा जाता है। इससे बालों में बढ़ने वाले संक्रमण को रोककर काला और घना बनाए रखने में मदद मिलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2. फ्रिज़ीनेस को करे कम

सर्द हवाओं के चलते से बालों का रूखापन बढ़ता है, जो हेयरफॉल का कारण साबित होता है। ऐसे में भृंगराज और कलौंजी को मिलाकर लगाने से स्कैल्प की नमी बरकरार रहती है, जिससे हेयर मॉइश्चराइज़ रहते है और डेंसिटी को बढ़ाते हैं।

3. हेयरग्रोथ को बढ़ाएं

एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर ये जड़ी बूटियां सेल्स की रिपेयरिंग में मदद करते है, जिससे हेयरग्रोथ बूस्ट होती है। साथ ही मौसमी परिवर्तन के कारण स्कैल्प पर होने वाले इंफैक्शन का जोखिम कम हो जाता है। नेचुरल हेयरमास्क को सप्ताह में दो बार लगाने से बालों कह मज़बूती बढ़ जाती है।

4. डैंड्रफ को करे कम

ऑयलिंग की कमी और ऑक्सीडेटिव तनाव का बढ़ना ड्राई स्कैल्प का कारण बनने लगता है। इससे बालों में डैंड्रफ की समस्या का सामना करना पड़ता है। एंटीमाइक्रोबियल, एंटी फंगल और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर कलौंजी और भृंगराज हेयरमास्क से बाल मुलायम और हेल्दी बनते हैं।

balon ke liye faydemand hai kalonji
इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन की मात्रा कोशिकाओं की मात्रा को बढ़ाकर हेयरग्रोथ में मदद करती है। चित्र : शटरस्टॉक । चित्र: शटरस्टॉक

कलौंजी और भृंगराज हेयर मास्क तैयार करने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स (Follow these steps to prepare Kalonji and bhringraj hair mask)

  • इसे बनाने के लिए सबसे पहले रसोई में मौजूद कलौजी के सीड्स को तवे पर डालकर रोस्ट कर लें। उसके बाद उसका पाउडर बना लें।
  • उसके बाद एक बाउल में कलौजी पाउडर डालकर उसमें आंवला पाउडर और भृंगराज पाउडर को एड कर दें।
  • पाउडर में आवश्यकतानुसार गाढ़ा दही मिलाएं और उससे एक थिक पेस्ट तैयार कर लें।
  • बालों को मुलायम बनाने के लिए मास्क को जड़ों से लेकर लेन्थ पर लगाकर छोड़ दें और हेयर्स को कवर करके रखें।
  • 15 से 20 मिनट तक बालों में लगा रहने दें और उसके बाद माइल्ड शैम्पू की मदद से बालों का धो लें।
  • सप्ताह में एक से दो बार इस मास्क को लगाएं और बालों को काला बनाने के अलावा डेंसिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख