मैं मम्मी के नए-नए साइंस प्रेम का फायदा उठाकर उनके कुछ हेल्थ हैक्स को अपने पर लादने से बचना चाहती थी। (वैसे साइंस ने हर बार उनके हेल्थ हैक्स को प्रूव ही किया है।) इसके लिए मेरे पास एक लेटेस्ट प्लान था।
विज्ञान के साथ मम्मी के नए नवेले प्रेम को बर्बाद करने और उसे और भी ज्यादा प्रभावशाली तरीके से खारिज करने का मेरेे पास एकदम लेटेस्ट आइडिया था। हालांकि साइंस ने हमेशा से मम्मी के नुस्खों पर मुहर ही लगाई है।
मैं मम्मी को जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन की मार्फत चिड़ाना चाहती थी, जिसमें यह कहा गया था कि ठंडा पानी पीने से आपको वजन घटाने में मदद मिलती है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए कोई तर्क बाकी नहीं छोड़ा था।
जबकि मम्मी हमेशा कहती हैं कि हमें सर्दियों में गुनगुना पानी पीना चाहिए और गर्मियों में भी ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए वरना इससे मोटापा बढ़ता है।
इस अध्ययन के शोधकर्ताओं ने यह साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि ठंडा पानी पीने से आप वास्तव में अपना वजन कम कर सकते हैं क्योंकि शरीर को अपना स्थिर तापमान बनाए रखने के लिए उस वक्त ज्यादा कैलोरी बर्न करनी पड़ती हैं। जबकि साइंस भी हर बार मम्मी की बात ही मानता है।
उन्हें चिढ़ाने का एकमात्र फायदा यह हुआ कि वे चीजों को गुगल करना सीख गईं। अपने इस नए-अर्जित कौशल से उनका आत्मविश्वास काफी बढ़ गया और दुर्भाग्य से वे अपने उसी दावे का प्रमाण ढूंढ लाईं।
अब कहने की जरूरत नहीं है, कि उन्होंने वे सारे प्रमाण फिर से मेरे ही सामने ला पटके। उन्होंने शब्दश: मुझे ‘द कम्प्लीट बुक ऑफ आयुर्वेदिक होम रेमेडीज’ के उस खास अंश को पढ़कर सुनाया जिसमें कहा गया है कि भोजन के दौरान या किसी अन्य समय में ठंडा पानी पीना अस्वास्थ्यकर होता है और इससे आपका वजन बढ़ता है, साथ ही कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
इसके पीछे तर्क यह है कि हमारे शरीर का सामान्य तापमान लगभग 37 डिग्री सेल्सियस होता है। जब हम ठंडा पानी पीते हैं, खासकर खाना खाते समय, तब यह शरीर के तापमान को कम कर देता है। नतीजतन, शरीर अपनी एनर्जी का इस्तेमाल भोजन पचाने की बजाए शरीर को वापस सामान्य तापमान पर लाने के लिए करता है।
पुस्तक में यह भी बताया गया है कि ठंडा पानी और अन्य ठंडे पेय पदार्थ कैसे आपकी रक्त वाहिकाओं और पेट को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे पेट ठीक से भोजन को तोड़ने में असमर्थ हो जाता है और हजम न हुआ भोजन फर्मेटिड होने लगता है, जिससे गैस्ट्रिक समस्या, पेट फूलना, पेट में दर्द और वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है।
ठंडा पानी आपके समग्र स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। आयुर्वेदिक और चीनी दर्शन पर भरोसा करें तो ठंडा पानी शरीर में असंतुलन पैदा करता है और मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। अगर सिर्फ इस कारण से ठंडा पानी पीने की अपनी आदत को छोड़ने को तैयार नहीं हैं, तो हम आपको कुछ और भी नुकसान बताते हैं।
एक अध्ययन के अनुसार, ठंडा पानी पीने से आपका बलगम गाढ़ा हो सकता है और सर्दी-जुकाम की समस्या बढ़ जाती है। खासकर सर्दियों में- जब गर्म पानी पीना ही ज्यादा आरामदायक होता है।
पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में कहा गया है कि ठंडा पानी भोजन को फूड पाइप से गुजरना मुश्किल बना देता है। जिससे भोजन सीधा पेट में पहुंच जाता है। सुनने में भले ही यह सामान्य लगे पर यह स्थिति काफी दर्दनाक होती है।
तो बहनों, अगली बार जब ठंडे पानी का गिलास उठाएं या मम्मी की सलाह पर सवाल उठाएं तो आयुर्वेद के बारे में जरूर सोच लें।