दर्द से राहत के लिए मेरी मम्मी आजकल इस्तेमाल कर रहीं हैं स्पाइक बॉल्स, क्या ये वाकई काम करती हैं? आइए चेक करते हैं

रसोई में लगातार खड़े रहने या कुछ काम करते हुए लगातार बैठने से जब मेरी मम्मी की पीठ, कंधा या पैर अकड़ने लगते हैं, तो वे स्पाइक बॉल से मसाज करना शुरू कर देती हैं। उन्हें इससे राहत भी मिलती है। पर क्या ये वाकई इफेक्टिव है?
स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से मांसपेशियों में दर्द कम किया जा सकता है। चित्र शटरस्टॉक
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मेरी मम्मी के कमरे और रिलैक्सिंग एरिया में आजकल एक सॉफ्ट बॉल रखी रहती है। इन दिनों यही उनकी बेस्ट फ्रेंड है। मैं अकसर उन्हें दोपहर में या शाम के समय से इस बॉल के साथ अपने हाथ, पैर और कंधों की मसाज करते देखता हूं। उनका कहना है कि इस बॉल की सॉफ्ट मसाज से उन्हें दर्द से राहत मिलती है और वे आराम महसूस करती हैं। बिना दवा, बिना एक्सरसाइज, क्या वाकई कोई बॉल दर्द से राहत दिला सकती है? यह जानने के लिए मैंने एक फिटनेस एक्सपर्ट से बात की। आइए जानते हैं फिटनेस एक्सपर्ट स्पाइक बॉल के फायदों (spike ball benefits) के बारे में क्या बता रहे हैं।

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क्या है स्पाइक बॉल (Spike Ball)

यह एक सॉफ्ट फोम की तरह की बॉल होती है। जिसका प्रयोग लोग अपने ऑफिस या एक्सरसाइज के बाद मांसपेशियों के तनाव को दूर करने के लिए करते हैं। स्पाइक बॉल का प्रयोग से आप रीढ़ की हड्डी में दर्द, कंधा, गर्दन, पैर, लोअर बैक, सहित अन्य जगहों में हो रहे मांसपेशियों के तनाव को कम कर सकते हैं।
जर्नल ऑफ फिजिकल एजुकेशन, रिक्रिएशन एंड डांस की ओर से 2019 में प्रकाशित अध्ययन में लॉरेन जे लिबरमैन ने बताया है कि स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से मांसपेशियों में दर्द कम किया जा सकता है। इसके प्रयोग से शरीर में फ्लैक्सिबिलिटी को भी बढ़ाया जा सकता है।

स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से मांसपेशियों में तनाव कम किया जा सकता है। चित्र शटरस्टॉक

स्पाइक बॉल के बारे में क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट

कानपुर के जिम एंड फिटनेस ट्रेनर अजय यादव बताते हैं कि अगर आप एथलीट हैं, तो जाहिर है कि आप अधिक समय स्ट्रेंथ को बढ़ाने, कंडीशनिंग और वर्कआउट में ही बिताते होगें। एथलीट अधिकतर समय यही करता रहता है। लेकिन अधिक वर्कआउट करने से शरीर में दबाव बढ़ जाता है। जिससे मांसपेशियों में दर्द, स्ट्रेस और फ्लैक्सबिलिटी में कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से मांसपेशियों में तनाव कम किया जा सकता है।

यहां जानिए आपके लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है स्पाइक बॉल का प्रयोग करना

1 स्ट्रेस कम कर सकती है

अधिक व्यायाम या वर्कआउट करने से बॉडी में स्ट्रेस और जकड़न हो जाती है। यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हालांकि हेल्दी रहने के लिए व्यायाम, कसरत और वर्कआउट करना जरूरी है। स्ट्रेस की समस्या होने पर स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से जकड़न व स्ट्रेस दोनों समाप्त हो जाते हैं। अजय कहते हैं प्रतिदिन इसका प्रयोग करना चाहिए। जिससे मांसपेशियों का तनाव कम हो सके।

2 ब्लड सर्कुलेशन सही रखने में मदद करे

यह तो हर कोई जानता है कि मालिश करने से रक्त परिसंचरण यानि ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। ऐसे में स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से ब्लड सर्कुलेशन सही होता है। जिस जगह आपको चोट या अंदरूनी दर्द हो रहा है, उसके आसपास जगह में ब्लड सर्कुलेनशन को बढ़ाने के लिए स्पाइक बॉल का प्रयोग करने से रक्त परिसंचरण बढ़ेगा और दर्द कम होगा।

3 कंधे और गले की मसल्स में आराम

गले की मांसपेशियां बहुत नाजुक होती हैं। यहां आप कुछ भ ट्राई नहीं कर सकते। जबकि यहां किसी भी तरह की असुविधा आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है। ऐसी स्थिति में नर्म स्पाइक बॉल से गले की हल्की मालिश करने से आराम मिलता है। कंधें में जकड़न होने पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।

4 फ्लैक्सबिलिटी बढ़ाने में मदद करे

स्पाइक बॉल न सिर्फ मसल्स के तनाव को कम करती है बल्कि लिगामेंट, टाइट टेंडन्स और पैरों की मांसपेशियों में फ्लैक्सबिलिटी में हुई कमी को बढ़ाने में मदद करती है। यह सभी एथलीट और हेल्दी जीवन जीने के लिए बेहतरीन चीज है। इसका प्रयोग चोट को रोकने में मदद करता है। इसका अधिक प्रयोग शरीर की जकड़न को कम कर सकता है। जिससे आप अधिक फ्लैक्सबिलिटी हासिल कर सकते हैं।

स्पाइक बॉल की मदद से आप शारीरिक तनाव से दूर कर सकती हैं। चित्र शटरस्टॉक

5 एक्यूप्रेशर भी कर सकती है स्पाइक बॉल

ट्रिगर पॉइंट थेरेपी और एक्यूप्रेशर के लिए स्पाइक बॉल का प्रयोग प्रयोग किया जाता है। इस बॉल का नियमित प्रयोग आपके लचीलेपन को बढ़ाने के साथ दर्द और चोट को भी रोकता है। इससे शरीर में जहां भी मांशपेशियों में तनाव महसूस हो रहा हो, वहां प्रयोग करने से आपको राहत मिल सकती है।
अधिकतर यह एथलीट्स के लिए फायदेमंद होती है, पर कोई भी आवश्यकता पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर सकता है। मसाज बॉल जकड़न, टेंडन, लिगामेंट्स में समस्या को कम कर सकती है। एक जगह बैठकर काम करने वालों को फुर्सत के समय इसका प्रयोग करना उचित रहेगा।

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लेखक के बारे में

कानपुर के नारायणा कॉलेज से मास कम्युनिकेशन करने के बाद से सुमित कुमार द्विवेदी हेल्थ, वेलनेस और पोषण संबंधी विषयों पर काम कर रहे हैं। ...और पढ़ें

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