दिन प्रति दिन भारत में डायबिटीज के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ये हम सभी की लाइफस्टाइल पर एक बहुत बड़ा सवाल है। यह एक प्रकार का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जिसमें अचानक से ब्लड शुगर स्पाइक हो सकता है। डायबिटीज के साथ ही कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे की ओबेसिटी, हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन, किडनी डिजीज, स्किन प्रॉब्लम्स आदि का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इसपर ध्यान देना बहुत बेहद महत्वपूर्ण है, जिसमें कई प्राकृतिक नुस्खें आपकी मदद कर सकते हैं, इन्ही नुस्खों में से एक है पनीर फूल (paneer phool)।
आयुर्वेद में पनीर फूल को इसके चिकित्सीय गुणों के लिए जाना जाता है। वहीं सालों से इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में किया जा रहा है। तो क्यू न आप भी इसे ट्राई करें! यह डायबीटिक पेशेंट में ब्लड शुगर स्पाइक को रोकता है। वहीं यदि आप प्री डायबीटिक हैं, तो यह आपके ब्लड शुगर को संतुलित रखता है। तो चलिए जानते हैं, पनीर के फूल डायबिटीज में किस तरह काम करते हैं, साथ ही जानेंगे इन्हें कैसे इस्तेमाल करना है (Paneer phool doda)।
पनीर का फूल सोलानसेआए परिवार का एक फूल है, यह मुख्य रूप से भारत में पाया जाता है। पनीर के फूल को भारतीय रेनेट, विथानिया कोगुलन या पनीर डोडा के रूप में भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इसे इसकी चिकित्सीय गुणों के लिए जाना जाता है। वहीं कई आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में इसे इस्तेमाल किया जाता है। यह आयुर्वेदिक स्टोर में उपलब्ध होता है आप इसे वहां से ले सकती हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है, जिसमें पेनक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देते हैं। इसलिए जब खाद्य पदार्थ शुगर में टूट जाते हैं और हमारे ब्लड फ्लो में प्रवेश करते हैं, तो यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देता है। मधुमेह के लिए पनीर डोडा के लाभों का आयुर्वेद में व्यापक रूप से उपयोग किया गया है।
पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार यह आपके पेनक्रियाज की बीटा-सेल्स को ठीक करता है, जो रक्त शर्करा के स्तर के प्रबंधन और आपके शरीर में इंसुलिन के बेहतर उपयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण होती हैं। यदि प्रतिदिन इसका सेवन संयम से किया जाए, तो पनीर के फूल हाइ ब्लूड शुगर के स्तर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।
पनीर के फूल में रीजेनरेटिव प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो इन्हें घाव भरने के लिए बेहद प्रभावी बनाती हैं। इस जड़ी बूटी का पेस्ट घावों पर लगाया जा सकता है, जो जर्म्स को मार कर हीलिंग स्पीड को बूस्ट करते हैं।
पनीर डोडा के कई लाभों में से एक प्रमुख लाभ प्रदूषकों से रक्त को शुद्ध करने और साफ करने में इसकी भूमिका है। इस जड़ी बूटी में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो हानिकारक फ्री रेडिकल से लड़ते हैं और आपकी त्वचा को लंबे समय तक जवां रहने में मदद करते हैं।
इसे लेकर पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार पनीर के फूल का उपयोग आपके शरीर में मूत्र के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। औषधीय जड़ी-बूटी के ड्यूरेटिक गुण पेशाब के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाते हैं।
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पनीर के फूल के फायदे जोड़ों में सूजन, रेडनेस और अकड़न जैसे सूजन के लक्षणों से राहत दिलाने में भी मदद करते हैं। यह गठिया या गाउट से पीड़ित व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंनेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार पनीर फूल के अनेकों फायदों में पीरियड संबंधी समस्याओं पर इसका नियंत्रण भी शामिल है। मासिक धर्म की समस्याओं को कम करने के लिए दवाएं आती हैं, परंतु उनके कई साइड इफेक्ट भी होते हैं। इसलिए हमेशा नेचुरल और आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करना सुरक्षित माना जाता है।
यदि आपकी इरेगुलर पीरियड, या फिर पीरियड के दौरान अत्यधिक दर्द से परेशान रहती हैं, तो इसमें पनीर के फूल का पानी आपकी मदद कर सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार यह ब्लूड फ्लो को बेहतर बनाने और गर्भाशय को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
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