लहसुन मेरी मम्मी का और शहद मेरे पापा का फेवरिट इंग्रीडिएंट है। वे किसी न किसी बहाने से इस अपने आहार में जरूर शामिल करते हैं। फिर चाहें लहसुन के तड़के वाली दाल-सब्जी हो या नींबू के साथ शहद मिला गुनगुना पानी पीना। ये दोनों इंग्रीडिएंट लगभग हर मौसम में हमारी रसोई में उपलब्ध रहते हैं। इन दिनों कुछ ऐसे वीडियोज आ रहे हैं, जो दावा करते हैं कि फर्मेंटेड लहसुन और शहद खाने से सर्दी और फ्लू का उपचार किया जा सकता है। क्या वास्तव में लहसुन और शहद फ्लू और सर्दी से बचाव कर सकते हैं? चलिए चेक करते हैं।
आयुर्वेद में लहसुन और शहद दोनों को ही औषधीय गुणों वाला माना गया है। वहां अलग-अलग तरीके से इन दोनों ही सामग्रियों के सेवन के लाभ बताए गए हैं। पर इन्हें मिलाकर फर्मेंट करने से भी कोई फायदा होता है या नहीं चलिए जानते हैं।
लहसुन और शहद दोनों के अपने अलग-अलग लाभ हैं। शहद का उपयोग सदियों से औषधि के रूप में किया जाता रहा है। शहद में सूजनरोधी, रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं।
2021 में कई अध्ययनों में पाया गया है कि शहद सर्दी, खांसी के लक्षणों को कम करने में प्रभावी साबित होता है। शहद आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ा सकता है। इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है कि आप कौन से शहद का इस्तेमाल कर रहें है। मनुका शहद फ्लू वायरस से लड़ने के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
जबकि लहसुन के अर्क की गोलियां आपके रक्त में टी कोशिकाओं को बढ़ा सकती हैं। ये कोशिकाएं आपके शरीर से वायरस को दूर रखती हैं। एक अध्ययन यह भी बताता है कि लहसुन का अर्क सर्दी और फ्लू की गंभीरता को कम कर सकता है। हालांकि लहसुन पूरी तरह से सर्दी को रोक नहीं सकता है या उसका इलाज नहीं कर सकता है, लेकिन यह एक निवारक के रूप में जरूर काम कर सकता है।
सबसे सरल शब्दों में समझें तो फर्मेंटेड लहसुन-शहद कच्चे शहद और लहसुन की कलियों का मिश्रण है, जिसे कई हफ्तों तक खमीर के लिए छोड़ दिया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि शहद कच्चा और बिना किसी प्रोसेस के उपलब्ध हो। शहद में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले बैक्टीरिया बहुत कम या बिल्कुल नहीं होते हैं। जो खमीर के लिए आवश्यक होते हैं।
डॉ. राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी है। वो बताती है कि ऐसा कोई शोध नहीं है जो शहद और लहसुन को फर्मेंटेड करके सर्दी और फ्लू के लिए सही बताता है। कच्चे शहद और लहसुन दोनों में बोटुलिज़्म का जोखिम हो सकता है। शहद में कीटनाशक, एंटीबायोटिक्स, धातुएं और अन्य जहरीले पदार्थ कंटैमिनेट हो सकते हैं। जिससे ये आपके लिए जहरीला भी हो सकता है।
एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद का सेवन नहीं करवाना चाहिए। यह उन लोगों के लिए भी सुरक्षित नहीं है जिनकी प्रतिरक्षा कमजोर है। जिन्हें मधुमक्खी पोलन से एलर्जी है, उन्हें भी इससे बचने की जरूरत है।
जब आप बीमार हों तो चिकन सूप मदद करता है। शोध से पता चलता है कि चिकन सूप आपके ऊपरी श्वसन संक्रमण को कम करने में सबसे प्रभावी है। कम सोडियम वाला सूप आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है। ये आपको अंदर से गर्म करने का काम भी करता है।
लेमन टी जिसमें शहद को मिलाया गया हो, आपके गले के दर्द को शांत करने में मदद करती है। शहद कफ निवारक के रूप में भी काम करता है। सोने से पहले शहद का सेवन करें, यह गले में दर्द और जलन को कम करने और आरामदायक नींद देने में सहायता कर सकता है।
आपके आस-पास नमी बढ़ने से इन्फ्लूएंजा का जोखिम कम हो जाता है, जो सूखे वातावरण में आसानी से फैलता है। ह्यूमिडिफ़ायर नाक की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही आप भाप भी ले सकते है। ये खांसी को कम कर सकती है और गले में नमी बना सकती है।
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