मसूर दाल का इस्तेमाल लगभग भारत के सभी घरों में होता है। इसका प्रयोग कई प्रकार के व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। यह आपकी सेहत के लिए अधिक फायदेमंद है। सिर्फ इतना ही नहीं यह कई तरह की बीमारियों से लड़ने में भी आपकी मदद कर सकती है। मसूर दाल त्वचा को नमी पहुंचती है और आपके त्वचा के बालों को कम करने में मदद करती है। साथ ही इसके सेवन से हृदय रोगों का भी खतरा कम होता है। इसके बावजूद कुछ लोग इसे खाने से डरते हैं। उनके मन में इसे लेकर कई मिथ्स हैं। जिन्हें दूर किया जाना बहुत जरूरी है।
मसूर दाल प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन सी, बी6, बी2, फॉलिक एसिड, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का खजाना है।
मसूर दाल में मौजूद विटामिन ई त्वचा में नमी बनाये रखने में मददगार है, जो त्वचा को मुलायम करता है। वहीं इसके एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मुहांसों के दाग धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। मसूर दाल में मिनरल्स पाए जाते हैं जो आपकी स्किन के लिए अत्यधिक जरूरी हैं।
दांत के दर्द में मसूर की दाल का सेवन लाभदायक होता है। इसे जला कर भस्म के रूप में बना लें। इस भस्म से रोजाना दो बार हल्के हाथों से मसूड़ों की मसाज करें। ऐसा करने से दांतो के विकार दूर होते हैं।
मसूर दाल में विटामिन ई और सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन आपकी आंखों के लिए फायदेमंद होते हैं। जिनकी आंखों की रोशनी कम है, उन्हें रोजाना मसूर दाल का सेवन करना चाहिए।
मसूर की दाल में आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम मौजूद होता हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। मसूर के दानों को सिरके के साथ पीस कर गुनगुना करके, हल्के हाथों से पीठ और कमर की मसाज करने से आपको दर्द से राहत मिलेगी।
मसूर दाल कब्ज की समस्या को ठीक कर सकती है। मसूर दाल का पानी पेट को साफ रखता है। इसमें लघु गुण होने के कारण यह सुपाच्य होती है। यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में मददगार है।
इतने सारे स्वास्थ्य लाभों के बावजूद कुछ लोगों को लगता है कि मसृर दाल सभी के लिए नहीं है। इनमें सबसे ज्यादा प्रचलित मिथ है, उसका यूरिक एसिड से कनैक्शन। क्या यह सच है कि मसूर की दाल खाने से यूरिक एसिड बढ़ सकता है? इसे जानने के लिए हेल्थ शॉट्स से न्यूट्री हब की डायटीशियन अंकिता श्रीवास्तव से संपर्क किया। आइए अंकिता से सुनते हैं इन सभी मिथ्स की सच्चाई –
मसूर दाल शरीर मे यूरिक एसिड के स्तर को नहीं बढ़ाती। इसमें मौजूद प्रोटीन की उच्च पाचनशक्ति होने के कारण यूरिक एसिड शरीर मे संचय नही कर पाता। यह एक मिथ है कि मसूर दाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।
मसूर दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (कोई पदार्थ कितनी मात्रा में शुगर को बढ़ाता है) कम है। यह विभाजित होकर खून में अच्छी तरह घुल जाती है, जिसके कारण खून में ग्लूकोज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपके पैंक्रियाज की कोशिकाओं को प्रभावित होने से बचाती हैं। साथ हीं खून में ग्लूकोज के स्तर को प्रबंधित करती है।
मसूर दाल में भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जो आपको प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। यह औरतों में प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया को रोकती है। इसमें फोलेट होता है, जो भ्रूण के नर्वस सिस्टम को विकसित करता है।
मसूर दाल का सेवन किडनी के लिए स्वस्थ हो सकता है, क्योंकि इसमें नेफ्रोंप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स किडनी की कोशिकाओं को मुक्त कणों की क्षति से बचाता है। साथ ही यह ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करता है।
मसूर दाल विटामिन बी से युक्त होती है, जो आजकी त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करती है। मसूर दाल का पेस्ट चेहरे पर लगाने से उसके एन्टी इन्फ्लेमेटरी गुण मुहांसे और उससे होने वाले दाग को कम करते हैं। इसमें मौजूद फोलेट और जिंक स्किन टिश्यू की मरम्मत करने में मदद करते हैं। मसूर को भिगोने के लिए उपयोग किया गया पानी मिनरल युक्त होता है। इस पानी से चेहरा धोना स्किन के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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