खानपान में बरती जाने वाली लापरवाही डायबिटीज़ के जोखिम को दिनों दिन बढ़ा रही है। इस लाइफ़स्टाइल डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगों में अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ने लगता है। आमतौर पर खाने से स्वाद को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला धनिया ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में भी मददगार साबित होता है। ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए दादी रात को सोने से पहले धनिए को पानी में भिगोना नहीं भूलती हैं। उनका ये नुस्खा इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है, जिससे संक्रामक रोगों का खतरा भी टल जाता है। अगर आप भी इस सुपरफूड के फायदों को जानना चाहती हैं, तो इस लेख को पढ़ें और पता लगाएं कि कैसे ढ़ेरों फायदों से भरपूर धनिया डायबिटीज़ को कंट्रोल करने में मददगार साबित होता है (Dhania to control diabetes)।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए धनिया के बीज फायदेमंद साबित होते है। इनमें मौजूद एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण शुगर स्पाइक को नियंत्रित करके एंजाइम्स को एक्टीवेट करते हैं। इसमें पाई जाने वाली डाइटरी फाइबर की मात्रा शरीर के वज़न को कम करने में मदद करती है। साथ ही ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो होने से पोषक तत्वों के पाचन से लेकर अवशोषण में मदद मिलती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार धनिए का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा कम हो जाता है। दरअसल, आहार में इसे शामिल करने से कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म से जुड़े प्रमुख एंजाइमों की गतिविधियों को प्रभावित करता है। इससे ग्लाइकोजेनेसिस और ग्लाइकोलाइसिस को बढ़ाकर ग्लूकोज के इस्तेमाल में वृद्धि करता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार धनिया के सेवन से शरीर में उन एंजाइम की सक्रियता बढ़ जाती है, जो शरीर में रक्त शर्करा को उचित ढंग से प्रोसेस करने में मदद करते हैं। ऐसे में हाई ब्लड शुगर का सामना करने वाले लोगों को अपने आहार में धनिया शामिल करने से लाभ मिलता है।
इसमें एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की चूहों पर हुई एक रिसर्च में पाया गया है कि धनिया का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन स्राव उत्तेजित हो जाता है। दरअसल, ये क्लोनल बी सेल लाइन से इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है। रिसर्च के मुताबिक धनिया खाने से मोटापे और हाई ब्लड शुगर वाले चूहों में रक्त शर्करा को 6 घंटे में 4 एमएमओएल तक कम पाया गया।
आहार में धनिए को शामिल करने से डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। यूएसडीए के अनुसार इसका ग्लाइसेमिक इडैक्स 33 होता है, जो लो माना जाता है। इससे खाने को पचाने और अवशोषण में मदद मिलती है। लो जी आई वाले खाद्य पदार्थों की मदद से ब्लड शुगर स्पाइक से बचाने में मदद करते हैं।
इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा वेट मैनेजमेंटे में मददगार साबित होने के अलावा रक्त शर्करा को भी नियंत्रित रखती है। डाइटरी फाइबर की उच्च मात्रा के चलते शुगर से ग्रस्त लोगों को बढ़ने वाली कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही वज़न को भी नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है।
यूएसडीए के अनुसार 100 ग्राम धनिया के बीज में 41 ग्राम फाइबर की मात्रा पाई जाती हैं। इसके सेवन से पाचन संबधी समस्याएं हल हो जाती है और गट हेल्थ बूस्ट होती है। डाइटरी फाइबर से क्रेविंग से बचा जा सकता है, जिससे कैलोरी स्टोरेज़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
डाइट में एक चम्मच धनिया शामिल करने से 5.4 कैलोरीज़ की प्राप्ति होती है। इस लो कैलोरी फूड के सेवन से शरीर में लिपिड ब्रेकडाउन में मदद मिलती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व पेट में मौजूद एंजाइम्स को बूस्ट करते हैं, जिससे वज़न को कम होने लगता है।
एक चम्मच धनिए के बीज को एक गिलास पानी में डालकर ओवरनाइट सोक करने के लिए रख दें। अब अगली सुबह पानी को छानकर पी लें। इसके अलावा उस पानी का पैन में छानकर सीड्स के साथ कुछ देर उबालें और फिर छानकर पीएं।
कोरिएंडर सीड्स को पीसकर पाउडर तैयार कर लें। अब उसे सब्जी, सूप और सैलेड में प्रयोग करें। साथ ही पानी में उबालकर पीने में भी फायदेमंद है। इससे स्वास्थ्य उचित बना रहता है और डायबिटीज़ से राहत मिलती है।
इसे बनाने के लिए सीड्स को रोस्ट कर लें। अब पैन में चने की दाल, उड़द की दाल और मूंगफली डालकर अलग से भून लें। अब इन्हें ब्लैंड कर दें। उसी पैन में प्याज, टमाटर, हरी मिर्च और धनिया की पत्ती डालकर हिलाएं। इन्हें भी ब्लैंडर में डालकर एक साथ पीस लें और आवश्यकतानुसार शक्कर एड कर दें। तैयार चटनी का सेवन करें।
काजू, बादाम, पिस्ता और मखानों को रोस्ट करने के बाद पाउडर तैयार कर लें। इसके अलावा धनिए के बीज भी पीसकर अलग कर लें। आटे या बेसन को भूनकर उसमें मेल्डिट गुड़ को एड कर दें और पिसा हुआ धनिया व सूखे मेवों और मखानों का पाउडर मिला दें। इसका सेवन करने से डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
धनिया की पत्तियों में डयूरेटिक गुण पाए जाते है। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर और शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। डाइजेशन को बूस्ट करने में मददगार इन पत्तियों को धोकर सुबी उठकर खाली पेट चबाएं। इससे एंजाइम्स एक्टिव होते है, जो शुगर स्पाइक के खतरे से बचाते हैं।