ड्राई फ्रूट्स यानि की सूखे मेवे की बात आते ही सबसे पहले हम सभी के दिमाग में काजू, किशमिश, बादाम, अंजीर, आदि आते हैं। पर शयद ही कोई ऐसा होगा जो चिरौंजी के बारे में जनता हो। जी हां, चिरौंजी एक ड्राई फ्रूट्स है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता पाई जाती है (Chironji Benefits)। इसके माध्यम से शरीर को कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त करने में मदद मिलती है, जो सेहत संबंधी तमाम समस्यायों में कारगर होते हैं। मणिपाल हास्पिटल, गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा ने इस खास ड्राई फ्रूट्स के कुछ महत्वपूर्ण फायदे बताए हैं (Chironji Benefits)। यदि आप अभी तक इसकी गुणवत्ता से वाकिफ नहीं हैं, तो आज हम आपको बताएंगे चिरौंजी क्या है और ये आपकी सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकती है (Chironji Benefits)।
चिरौंजी को चारोली भी कहते हैं, यह भारत में उपजाई जाती है और इसे उत्तरी, पूर्वी और मध्य भारत के ट्रॉपिकल जंगलों में पाया जाता है। इसे ड्राईफ्रूट यानि की सूखे मेवे के रूप में अधिक इस्तेमाल किया जाता है। वहीं बहुत से लोग इसे बादाम का विकल्प मानते हैं। चिरौंजी को इसके मीठे और नमकीन स्वाद के लिए जाना जाता है।
चिरौंजी में कई महत्वपूर्ण प्राकृतिक पोषक तत्वों की मात्रा पाई जाती है, जो एक मजबूत इम्युनिटी के निर्माण में आपकी मदद करते हैं। नियमित रूप से चिरौंजी का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसमें मौजूद विटामिन ई और अन्य मैक्रोन्यूट्रिएंट्स इम्युनिटी का समर्थन करते हैं। चिरौंजी इम्युनिटी को बढ़ाकर और शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करके संक्रमण और मौसमी फ्लू से लड़ने में मदद करती है।
चिरौंजी के बीज कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करते हैं, और एक स्वस्थ हृदय के निर्माण में मदद के लिए जाने जाते हैं। ये बीज मांसपेशियों की ताकत बढ़ाते हैं, जिससे ब्लड को प्रसारित करने के लिए शरीर और हृदय को पर्याप्त ताकत मिलती है। वहीं यह हृदय की रुकावट, जैसे थक्कों, स्ट्रोक, जमाव और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
चिरौंजी में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता पाई जाती है, जो शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और ब्लड को प्यूरीफाई करने में मदद करती है। चिरौंजी ब्लड से इम्प्योरिटीज को बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे लीवर की सेहत में सुधार होता है। ये बीज शरीर और ब्लड को डिटॉक्स कर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में भी मदद करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट शरीर पर फ्री रेडिकल्स का प्रभाव कम कर देती है, जिससे त्वचा को नुकसान नहीं होता।
चिरौंजी में अच्छी मात्रा में फाइबर की गुणवत्ता पाई जाती है, जो मल त्याग को बेहतर बनाने में मदद करते है। इसका नियमित सेवन कब्ज सहित अन्य पाचन संबंधी समस्यायों को रोकने में मदद करता है। चिरौंजी की एंटीएसिड गुणवत्ता पेट की एसिडिटी को रोकने में मदद करती है, जिससे हार्ट बर्न या एसिडिटी पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती है। यह आंतों के माध्यम से पोषक तत्वों के अवशोषण को भी बेहतर बनाता है।
चिरौंजी में मौजूद फाइबर की मात्रा वेट मैनेजमेंट में आपकी मदद करती है। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से आप लंबे समय तक संतुष्ट रहती हैं, और आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती। इसके सेवन से आपको अनहेल्दी क्रेविंग्स को नियंत्रित करने में मदद मिलती है और आपका वजन भी नियंत्रित रहता है।
चिरौंजी के बीज को अन्य ड्राई फ्रूट्स की तरह कच्चा या रोस्ट करके खाया जा सकता है। वहीं आप चाहें तो इन बीजों का पाउडर बना लें, और इसे दूध में डालकर पियें। शेक एवं स्मूदी का स्वाद और पोषण मूल्य बढ़ाने के लिए इस पाउडर का उपयोग किया जा सकता है। हम पाउडर के लड्डू भी बना सकते हैं, या चावल में ये बीज डालकर पौष्टिकता से भरपूर चटपटा स्वाद ले सकते हैं।
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हां, आप डायबिटीज में चिरौंजी खा सकती हैं, लेकिन मात्रा का ध्यान रखें। चिरौंजी में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है।
हां, 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को चिरौंजी खिला सकते हैं। बच्चों को चिरौंजी देने के लिए इसे पीसकर पतला कर लें। साथ ही बच्चों को एक सिमित मात्रा में चिरौंजी दें।
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