बारिश की हल्की फुहारों के बीच चाय की चुस्की मौसम के मज़े को दोगुना कर देती है। ऐसे में अगर चाय को तैयार करने के दौरान पानी में तुलसी की पत्तियों को मिला दिया जाए, तो मॉनसून में संक्रमण से शरीर का बचाव करने में भी मदद मिलती है। ये फायदेमंद हर्ब स्वास्थ्य के अलावा स्किन के लिए भी बेहद कारगर है। बगीचे में लगे तुलसी के पौधे की पत्तियों की रिफ्रेशिंग महक तन और मन को एक्टिव रखने में मदद करती है। क्वीन ऑफ हबर्स के नाम से मशहूर तुलसी शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाने लगती है। जानते हैं तुलसी की चाय के फायदे (Basil leaves tea)।
जर्नल ऑफ आयुर्वेदा एंड इंटीग्रटिव मेडिसिन के अनुसार सदियों से तुलसी अपनी मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ के लिए बेहद प्रचलित है। तुलसी के पौधे को ओसिमम सेंक्टम एल (Ocimum sanctum lin) के नाम से भी जाना जाता है, जो बॉडी और माइंड के लिए एक टॉनिक के रूप में कार्य करता है। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर तुलसी की पत्तियों में विटामिन ए, सी, कैल्शियम, जिंक, आयरन और क्लोराफिल की मात्रा पाई जाती है।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट अनिल बंसल बताते हैं कि तुलसी की चाय पीने से शरीर में मुक्त कणों का प्रभाव कम होने लगता है। इसके अलावा शरीर में तनाव और नींद की कमी हल हो जाती है। इसके लिए तुलसी की पत्तियों को पानी में उबाल लें और उसमें नींबू व शहद मिलाकर पीने से शरीर में मौजूद ऑक्सिक पदार्थों से मुक्ति मिलती है।
बरसात के मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में तुलसी का अर्क शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा व्हाइट ब्लड सेल्स की संया बढ़ जाती है। इससे सर्दी-जुकाम के लक्षणों को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा कोलॉइटिस की समस्या भी हल होने लगती है। इसके अलावा स्किन इरीटेशन से भी राहत मिल जाती है।
बारिश के साथ हवा में संक्रमण का प्रभाव बढ़ने लगता है। इसके चलते खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या का सामना करना पड़ता है। तुलसी का सेवन करने से शरीर को फाइटोकेमिकल्स, बायोफ्लेवोनोइड्स और एंटी.ऑक्सीडेंट कंपाउड की प्राप्ति होती हैं। तुलसी में पाया जाने वाला रोसमेरिनिक एसिड रेस्पीरेटरी ट्रैक में संक्रमण के इलाज के लिए एंटी.माइक्रोबियल एजेंट के रूप में कार्य करता है। तुलसी की चाय का सेवन करने से गले में बढ़ने वाली खराश, दर्द और खांसी से राहत मिलती है।
मानसून के दस्तक देते ही पाचनतंत्र संबधी समस्याएं बढ़ने लगती है। दरअसल, बासी और जंक फूड खाने से शरीर में माइक्रोऑर्गेनिज्म का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में डाइजेस्टिव एंजाइम्स को बढ़ाने में तुलसी की चाय बेहद कारगर साबित होती है। तुलसी का सेवन करने से पेट में बनने वाले एसिड को कम किया जा सकता है, जिससे डाइजेशन को इंप्रूव किया जा सकता है।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से शरीर में मौजूद टॉक्सिक केमिकल्स से मुक्ति मिल जाती है। तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण शरीर को एक्टिव और हेल्दी रहते हैं। तुलसी की चाय का सेवन करने से शरीर का इम्यून सिस्टम बूस्ट होने लगता है।
मॉनसून में हेल्थ संबधी समस्याओं के साथ साथ स्किन का ख्याल रखना आवश्यक होता है। दरअसल, त्वचा पर बढ़ने वाली घमोरियों की समस्या, इचिंग और जलन से त्वचा पर लालिमा बढ़ने लगती है। ऐसे में त्वचा को क्लीन और मुलायम बनाए रखने के लिए तुलसी की चाय या तुलसी का काढ़ा बेहद कारगर उपाय है। इससे स्किन पर ग्लो रहता है और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा भी कम होने लगता है।
जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटेग्रेटिड मेडिसिन के अनुसार तुलसी की पत्त्यिं को चाय में उबालकर पीने या फिर कुछ देर चबाने से मन को शांति मिल जाती है। दरअसल, तुलसी में एडेप्टोजन तत्वा पाया जाता है। इससे मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे बार बार भूलने, ओवरथिंकिंग और डिप्रेशन से बचने में मदद मिलती है। तुलसी में पाई जाने वाली एंटी एंग्ज़ाइटी प्रॉपर्टीज शरीर को एक्टिव बनाए रखती हैं।
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