कपूर को इसके पेड़ के तने से प्राप्त किया जाता है। यह सफेद रंग का एक उड़नशील तैलीय पदार्थ है जिसे आसानी से जलाया जा सकता है। सालों से इसका इस्तेमाल धार्मिक रूप से पूजा-पाठ में होता चला आ रहा है। परंतु सफेद रंग का यह पदार्थ न केवल धार्मिक, बल्कि चिकित्सीय रूप से भी काफी प्रचलित है। आयुर्वेद से लेकर मॉडर्न साइंस तक इसके फायदों से सहमत हैं। पर शायद आप नहीं जानतीं कि जब इसे नारियल तेल के साथ मिलाया जाता है, तो ये कॉम्बिनेशन बहुत कमाल हो जाता है। आइए जानते हैं ऐसे 4 घरेलू नुस्खे।
कपूर (Camphor) की खुशबू मूड फ्रेश करने और मन को शांत रखने में मदद करती है। कई घरों में त्वचा पर होने वाले जलन और इन्फेक्शन की समस्या में कपूर और नारियल तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं कपूर कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी फायदेमंद होता है। हालांकि, इसके बावजूद भी अक्सर लोगों के मन में यह सवाल बना रहता है कि कपूर कितना फायदेमंद है और इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है या नहीं? तो आज हम इन सभी सवालों का जवाब लेकर यायें हैं। तो चलिए जानते हैं कपूर आखिर किस तरह फायदेमंद होता है।
जर्नल ऑफ़ एथनोफार्मोकोलॉजी के अनुसार कपूर में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती है। जो त्वचा पर होने वाले इंफेक्शन और एलर्जी की समस्या का उपचार करती हैं। इसे इस्तेमाल करने के कई तरीके हैं, परंतु कपूर का पानी या कपूर और नारियल तेल को मिलाकर इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। यह त्वचा पर बैक्टीरियल ग्रोथ को रोकता है जिस वजह से इन्फेक्शन को नियंत्रित रखना आसान हो जाता है।
इसके साथ ही बात यदि स्कैल्प स्किन की करें, तो यह उससे जुड़ी समस्याएं जैसे डैंड्रफ, खुजली, ड्राई स्कैल्प, जुएं, इत्यादि में काफी फायदेमंद होता है। प्रभावी परिणाम के लिए कोकोनट ऑयल में इसे मिला लें और फिर अपने स्कैल्प को हल्के हाथों से मसाज दें।
साथ ही आयुर्वेद के अनुसार भी कपूर का इस्तेमाल स्किन इन्फेक्शन में काफी फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद रूपन यानी कि हीलिंग प्रॉपर्टी त्वचा पर हुए खुजली और इन्फेक्शन को कम करने में मदद करते हैं।
एशियन जर्नल ऑफ़ फार्मास्यूटिकल एंड क्लीनिकल रिसर्च द्वारा ओरल हेल्थ को लेकर की गई एक स्टडी के अनुसार कपूर आपके दांतो से जुड़ी समस्या को दूर करने और ओरल हाइजीन तक को बनाए रखने में मदद करता है।
इसके साथ ही कई सालों से कोकोनट ऑयल ओरल हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए इस्तेमाल होता चला आ रहा है। कपूर और नारियल के तेल को एक साथ मिलाकर दांतों की कैविटी पर लगाएं। यह दर्द को कम करने के साथ ही कैविटी फैलाने वाले बैक्टीरिया और जर्म्स को भी बढ़ने से रोकता है।
त्वचा पर कपूर और नारियल तेल का इस्तेमाल स्किन पोर्स में छिपे बैक्टीरिया से लड़ता है, और एक्ने की संभावना को काफी हद तक कम कर देता है। इसके साथ ही यह बाहरी धूल और गंदगी को पोर्स के अंदर तक जाकर साफ करता है। वहीं इसकी एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी एक्ने से हुए स्किन रेडनेस और दर्द को कम करने में मदद करती हैं।
इस मौसम सर्दी खांसी और कफ की समस्या होना बिल्कुल आम है। ऐसे में कपूर आपकी मदद कर सकता है। इसे नारियल तेल में मिलाकर अपने चेस्ट को मसाज दें। साथ ही इसे सूंघने से भी फायदा होता है। इसके साथ ही आप इसे पानी में मिलाकर भाप ले सकती हैं। जो छाती में जमे बलगम को बाहर निकालने में मदद करेगा।
नाखूनों में होने वाले फंगल इन्फेक्शन में कपूर और नारियल तेल का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि इनकी एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी इंफेक्शन फैलाने वाले फंगस को फैलने से रोकती हैं। साथ ही कपूर की हीलिंग प्रॉपर्टी इंफेक्शन को समय से भरने में मदद करती हैं।
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