मकर संक्रांति आने वाला है। इस दिन तरह-तरह के पारंपरिक व्यंजनों का सेवन किया जाता है। जाड़े में मनाए जाने वाले इस पर्व को तिल, गुड़, ड्राई फ्रूट्स जैसे कई विंटर फूड्स के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। वहीं आज हम बात करेंगे एक सबसे खास सुपरफूड तिल के बारे में। तिल के छोटे दाने पोषक तत्वों का भंडार होते हैं। वहीं इन्हें सेहत से लेकर सौंदर्य तक को बनाए रखने के लिए काफी प्रभावी माना जाता है। परंतु आज भी कई लोग इसके फायदों से पूरी तरह अवगत नहीं हैं।
इतना ही नहीं अक्सर लोग काले और सफेद तिल को लेकर भ्रमित रहते हैं, कि कौन सा तिल ज्यादा फायदेमंद है? तो आपको बताएं कि दोनों ही तिल अपनी अपनी जगह सामान्य रूप से फायदेमंद होते हैं। इसलिए आज हम लेकर आए हैं, काले और सफेद तिल के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ (health benefits of sesame seeds)। साथ ही जानेंगे इन्हें किस तरह डाइट में शामिल करना है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार दोनों प्रकार के तिल में सेसामोल और सेसामिन कंपाउंड मौजूद होते हैं। जिन्हें उनकी एंटीकैंसर प्रॉपर्टी के लिए जाना जाता है। स्टडी के अनुसार यह कंपाउंड ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और कैंसर डिवेलप करने वाले सेल्स को उत्पन्न होने से रोकते हैं।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार तिल में मौजूद आयरन, जिंक, फैटी एसिड ओर एंटीऑक्सीडेंट त्वचा एवं बालों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। इसके साथ ही काले तिल के तेल का इस्तेमाल कई प्रकार के स्किन केयर प्रोडक्ट्स, शैंपू, साबुन और मॉइश्चराइजर को बनाने में किया जाता है। वहीं तिल का सेवन भी त्वचा से जुड़ी समस्याओं से लेकर बाल झड़ने और टूटने की समस्या में फायदेमंद होता है।
तिल में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो पाचन प्रक्रिया को स्वस्थ रखता है। वहीं यह कब्ज और दस्त जैसे लक्षणों को नियंत्रित रखने के साथ-साथ कोलन की रक्षा करता है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टॉक्सिंस के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
यूएसडीए फूड कंपोजीशन डेटाबेस के अनुसार तिल में कार्ब्स की सीमित मात्रा पाई जाती है। वहीं यह प्रोटीन और हेल्दी फैट्स से भरपूर होता है। जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसमे पिनोरेशनल कंपाउंड मौजूद होते हैं और यह कंपाउंड डायबिटीज की स्थिति में ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करता है। यदि आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो ऐसे में इनका सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
यूएसडीए फूड कंपोजिशन डेटाबेस के अनुसार तिल में जिंक, सेलेनियम, कॉपर, आयरन, विटामिन B6 और विटामिन ई की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करती है। वहीं तिल वाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाता है और इसे एक्टिवेट कर देता है। और वाइट ब्लड सेल्स संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रभाव को रोकते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा तिल को लेकर प्रकाशित एक डेटा के अनुसार तिल में कई ऐसे पोषक तत्व जैसे कि कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और जिंक की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जो हड्डियों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार तिल में सैचुरेटेड फैट, पॉलीअनसैचुरेटेड फैट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट मैजूद होते हैं। वहीं रिसर्च के अनुसार पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट का सेवन शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है। जिस वजह से दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना भी नियंत्रित रहती हैं। इसके साथ ही तिल में मौजूद लिग्नान्स और फाइटोस्टेरॉल्स नामक प्लांट कंपाउंड भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या दिल से जुड़ी बीमारी और हार्ट स्ट्रोक की संभावना को बढ़ा देती हैं। ऐसे में रिसर्च की माने तो तिल में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम मौजूद होते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। वहीं इसमें मौजूद लिग्नान्स, विटामिन ई और अन्य एंटीऑक्सीडेंट आर्टरीज में प्लाक जमा नहीं होने देते, जिस वजह से ब्लड फ्लो सामान्य रहता है और ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती।
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कस्टमाइज़ करेंतिल के लड्डू एवं हलवे का सेवन भी काफी असरदार होता है।
इस मकर संक्रांति तिल गजक, तिल चिक्की, तिल की बर्फी और तिल पापड़ी चिक्की को जरूर ट्राई करें।
तिल को कच्चा खाना काफी फायदेमंद होता है।
इसे रोस्ट करके अन्य सीड्स एवं नट्स के साथ ले सकती हैं।
सलाद में टॉपिंग्स के रूप में या फिर अन्य खाद्य पदार्थों में भी गार्निशिंग के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।
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