अनहेल्दी और अनियमित खानपान पाचन सबंधी समस्याओं का कारण साबित होता है। इसके चलते गट बैक्टीरिया असंतुलित हो जाते हैं, जो डायरिया, ब्लोटिंग, पेट दर्द और अपच के जोखिम को बढ़ा देते हैं। पाचन संस्थान को उचित बनाए रखने के लिए लौंकी आंवला जूस का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करके गट हेल्थ को बूस्ट करने के अलावा वेटलॉस में भी मददगार साबित होते हैं। सबसे पहले जानते हैं आंवला लौकी जूस (Amla lauki juice for gut health) के फायदे और फिर उसे तैयार करने का आसान तरीका भी।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि आंवला-लौकी जूस का सेवन करने से शरीर को प्रचुर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इससे पाचन में सुधार दखिने लगता है और चयापचय दर (Amla lauki juice for gut health) भी बढ़ जाती है, जो शरीर में जमा होने वाली कैलोरीज़ की मात्रा को नियंत्रित करने में मददगार साबित होती है।
इसमें पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में मदद करते है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका सेवन करने से शरीर को डाइटरी फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे आंतों से जुड़ी समस्याओं को हल किया जा सकता है और एसिडिटी का खतरा कम हो जाता है।
आंवला का सेवन करने से डाइटरी फाइबर के अलावा एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती है, जिससे बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा गैस्ट्रिक सूजन से भी राहत मिल जाती है। वहीं लौकी का इस्तेमाल करने से शरीर में लेक्सेटिव गुण प्राप्त होते है, जिससे शरीर निर्जलीकरण की समस्या से बचा रहता है और हाइड्रेशन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे कब्ज से राहत मिलती है। इससे गट हेल्थ को फायदा मिलता है (Amla lauki juice for gut health) ।
लौकी और आंवला लो कैलोरी फूड हैं और इनमें फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। लौकी आंवला जूस का सेवन करने से देर तक भूख नहीं लगती है और शरीर में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है। इसमें पाई जाने वाली विटसामिन सी की मात्रा एजाइम्स को एनर्जी प्रोड्यूज़ करने में मदद करते हैं। एनआईएच के अनुसार लौकी में 96 फीसदी वॉटर केटेंट पाया जाता है, जिससे क्रेविंग्स की समस्या हल हो जाती है और ओवरइटिंग से राहत मिलती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार विटामिन सी से भरपूर आंवला और लौकी का सेवन करने से शरीर में मौसमी संक्रमण का खतरा कम होने लगता है। दरअसल, शरीर को वॉटर सॉल्यूबल विटामिन की प्राप्ति होने से इम्यून सेल्स की फंक्शनिंग में सुधार आने लगता है और फ्री रेडिकल्स का खतरा कम होने लगता है। लौकी में मौजूद एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबियल गुण संक्रमण के खतरे से बचाने में मदद करते हें।
इस जूस को पीने से डिटॉक्सिफिकेशन और क्लींजिंग में मदद मिलती है। दरअसल, आंवले और लौकी में डिटॉक्सिफाइंग गुण पाए जाते हैं,। खाली पेट लौकी और आंवले का जूस पीने से शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इससे इंटेस्टाइन की क्लीजिंग से लेकर उनकी फंक्शनिंग को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इससे पाचन में सुधार आने के अलावा कैलोरीज़ को बर्न करने में भी मदद मिलती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार लौकी और आंवले का जूस पीने से शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह उचित बना रहता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल किया जा सकता है। जहां लौकी का सेवनद करने से शरीर को पोटैशियम की प्राप्ति होती है, तो वहीं आंवला में विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है।
इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड्स की मात्रा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखती है। इससे ब्लड में बढ़ने वाली थिकनेस को कम किया जा सकता है, जिससे आर्टरीज़ में ब्लाकेज का खतरा कम होने लगता है
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