मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर नारियल तेल जहां बालों की मज़बूती और चेहरे के ग्लो को बरकरार रखता है, तो वहीं इसे नाभि पर लगाने पर भी कई फायदे मिलते हैं। दरअसल, नाभि में तेल डालने की प्रथा सदियों पुरानी है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मज़बूत बनाए रखने में मदद करने वाला नारियल का तेल मां की रसोई में हर दम मौजूद रहता है। बच्चों से लेकर बड़ों हर कोई इसे अप्लाई कर सकता है।
आयुर्वेद की दृष्टि से बेहद कारगर नारियल के तेल को नाभि पर लगाने से शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है। बचपन में मां नाभि में नारियल के तेल को लगाने के लिए कई फायदे गिनवाया करती थी। दरअसलए नेवल ऑयलिंग से नाभि के चक्र को बैलेंस करने में मदद मिलती है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च डिटॉक्सीफिकेशन के अनुसार पेचोटी ग्लैंड बैली बटन के पीछे स्थित है जिसके ऊपर 72,000 से अधिक नसें होती हैं। नाभि में नारियल का तेल डालने से आंखों का सूखापन, आंखों की कम रोशनी, पैंक्रिया की समस्या और फटी एड़ियों की समस्या को दूर करते हैं। इसके अलावा होंठ, चेहरे की चमक, चमकदार बाल और शरीर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। रात में सोने से पहले नाभि में नारियल के तेल की 2 से 3 डालकर मसाज करें। इससे शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट अनिल बंसल बताते हैं कि कोकोनट ऑयल से नेवल ऑयलिंग करने से शरीर के सभी अंगों को फायदा मिलता है। नाभि में नारियल के तेल को लगाने से एब्जॉर्बशन में मदद मिलती है। नारियल का तेल नेवल में अप्लाई करने से त्वचा को हेल्दी बनाने से लेकर दर्द से राहत दिलाने तक मदद करता है। इसके अलावा शरीर को तनावमुक्त रखने में भी सहायता करता है।
दरअसल, गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए नाभि एक जीवन रेखा के समान होती है। गर्भनाल के माध्यम से ही बच्चे भोजन और ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। दरअसल, नाभि रक्त वाहिकाओं की मदद से शारीरिक अंगों और नसों के ज़रिए पूरे शरीर से जुड़ा हुआ है। ऐसे में जब नाभि पर तेल लगाया जाता है, तो यह आपके पूरे शरीर को फायदा पहुंचा सकता है।
आयुशक्ति की को फाउंडर डॉ समिता नरम बताती हैं कि नाभि में नारियल तेल लगाने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। आयुर्वेद की दृष्टि से नाभि एक महत्वपूर्ण बिंदु है। शिशु नाभि के ज़रिए मां के संपर्क में रहता है और जन्म के दौरान गर्भनाल को अलग कर दिया जाता है।
नाभि पर मौजूद मनिपुर चक्र समस्त स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है। ऐसे में नाभि में नारियल तेल डालने से वात को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इससे व्यक्ति का शरीर सुरक्षित, आरामदायक और हेल्दी महसूस करता हैं। नाभि में तेल डालने से वात और पित्त को शांत करने में मदद मिलती है।
नारियल का तेल में मॉइश्चराइजिंग गुण पाए जाते हैं। इसे नाभि में लगाने से त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। इसे लगाने के लिए सीधे लेट जाएं और फिर नाभि में 3 से 4 बूंद नारियल का तेल टपकाएं। 10 मिनट तक लेटे रहें औार नाभि के आसपास मसाज करें। 3 से 4 दिन लगातार इस अभ्यास को करने से त्वचा पर दिखने वाला रूखापन, इचिंग और जलन की समस्या से राहत मिलने लगती है।
शरीर में पाचनतंत्र को मज़बूत बनाने के लिए नाभि में नारियल का तेल डालकर मसाज करे। इससे पेट में ऐंठन, कब्ज, ब्लोटिंग, एसिडिटी और अपच से राहत मिल जाती है। इसके अलावा गट इंफ्लामेशन और आईबीएस से राहत मिल जाती है। रेगुलर नेवल ऑयलिंग से डाइजेशन को उत्तेजित करने में मदद मिलती है।
अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए अन्य थेरेपीज़ के अलावा नारियल तेल का इस्तेमाल कारगर साबित होता है। इसे नेवल में सर्कुलर मोशन में लगाने से शरीर में हार्मोन असंतुलन से मुक्ति मिलती है और शरीर हेल्दी व फिट बना रहता है। इसे नियमित तौर पर लगाने से एकाग्रता, चिंतन और लर्निंग पावर बढ़ने लगती है।
नारियल तेल में मौजूद फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा स्किन नरिशमेंट में मदद करती है। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। साथ ही त्वचा में बढ़ने वाली फ्री रेडिकल्स की समस्या हल हो जाती है। नेवल ऑयलिग से त्वचा मॉइश्चराइज़ रहती है और स्किन संबधी समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है।
इसके लिए सबसे पहल नाभि को क्लीन कर लें और मौजूद डस्ट को साफ कपड़े की मदद से हटा दें। इसके बाद गुनगुने पानी में कपड़े को भिगोकर नाभि के आसपास रगड़े ताकि बैड बैक्टीरिया से बचा जा सके। इसके बाद नारियल का तेल लें और उसकी 3 से 4 बूंदों को नाभि में टपकाएं। अगर खुजली महसूस होने लगे, तो रूक जाएं। नाभि में तेल डालने के बाद 10 मिनट तक लेटे रहें। इससे तेल शरीर में पहुंचने में मदद मिल जाती है।
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