गर्मी में दही से बेहतर कुछ भी नहीं लगता। सुबह-सुबह छाछ पीनी हो या लंच में रायता शामिल करना हो, जब तक दही अच्छा नहीं होगा, तब तक इन चीजों का स्वाद नहीं आएगा। भारतीय घरों में हर रोज़ दही जमाया जाता है। मगर कई बार यह इतना पतला और खट्टा होता है कि इसे खाने का मन ही नहीं करता। ज्यादातर लोगों को यह शिकायत होती है कि उनका जमाया दही पानी छोड़ देता है। अगर आपके लिए भी दही जमाना एक झंझट बन गया है, यहां जानिए गाढ़ा दही जमाने का सही तरीका।
गर्मियों में दही खाने से शरीर को ठंडक मिलती है, पाचन में सहायता मिलती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें प्रोबायोटिक्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं और गर्मी से जुड़ी समस्याओं को रोकते हैं। दही शरीर को हाइड्रेट भी करता है और कैल्शियम और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है, जिससे यह गर्म मौसम के दौरान एक ताज़ा और पौष्टिक विकल्प बन जाता है।
दही एक दूध आधारित भारतीय व्यंजन है जो स्वस्थ और स्वादिष्ट दोनों है। दही, भारतीय घरों में लोकप्रिय रूप से खाया जाता है, साइड डिश के रूप में या कभी-कभी विभिन्न व्यंजनों में एक सामाग्री के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। दही के कई फायदे हैं। आपके पेट के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद करने से लेकर गर्मी के दिनों में हल्का भोजन विकल्प होने तक, हर किसी को दही किसी न किसी तरह से पसंद होती है।
आपको लगता होगा कि इसमें इस्तेमाल होने वाले दूध के कारण ऐसा होता होगा। लेकिन ऐसा नहीं है बल्कि दही जमाने का एक तरीका होता है जिससे आपकी दही पानी नहीं छोड़ती है। दही जमाते समय अगर कुछ गलतियां हो जाए तो भी टाइट दही नहीं जमती है।
हर 30 मिनट में दही को चेक करने से बचें, यह देखने के लिए कि यह अभी तक जमा है या नहीं। कटोरे को हिलाने से संभवतः दही जमने की प्रक्रिया खराब हो जाएगी। दही के बैक्टिरिया बढ़ने तक एक दो घंटे तक दी को न छुए।
अपने इनक्यूबेटिंग दही को जमने से पहले कभी भी हिलाएं या परेशान नहीं करें। इसे छलनी या किसी दूसरे कंटेनर में डालने से इनक्यूबेशन प्रक्रिया रुक जाती है। जिससे दही के खराब होने का खतरा बढ़ सकता है।
दही बनाने के लिए पुराना दूध इस्तेमाल करना उसे बचाने का सही तरीका नहीं है। दूध जितना ताज़ा होगा, उसका स्वाद उतना ही बढ़िया होगा। तैयार दही भी लंबे समय तक टिकेगा। घर का बना दही कम से कम दो हफ़्ते तक फ़्रिज में ताज़ा रहेगा।
काफ़ी लोग जब दूध बाज़ार से लाकर गर्म करते है तो उसी समय दही के लिए भी दूध अलग कर लेते है। लेकिन ये ग़लत तरीक़ा है दही के लिए दूध को बहुत ज़्यादा गर्म नहीं करना होता है। दही में जामन को तभी डालना चाहिए जब दूध बहुत ज़्यादा गर्म ना हो बल्कि हल्का गर्म हो।
कई लोग दूध को गर्म करने से पहले उसमे बहुत ज़्यादा पानी मिला देते हैं ताकि दूध की मात्रा बढ़ जाए। लेकिन अगर आप इसी दूध का इस्तेमाल करके दही जमाते है तो निश्चित रूप से आपकी दही भी पानी वाली वाली ही जमेगी। गढ़ी दही के लिए दूध बिना किसी मिलावट के होना चाहिए।
जब गर्मियों में मौसम में दही जमती है तो उसे मिट्टी के बर्तन में जमना सही होती है इससे मिट्टी का बर्तन पानी सोख लेता है। लेकिन सर्दियों में स्टील के बर्तन में ही दही दमाना सही होता है क्योंकि मिट्टी के बर्तन में दही जमने में काफी समय लग सकता है।
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कस्टमाइज़ करें1. एक दूध के बर्तन में 1 लीटर दूध गरम करना शुरू करें। यह इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें 1 लीटर दूध आ सके।
2. जब यह उबल जाए और झागदार हो जाए, बर्तन के ऊपर आ जाए तो स्टोव बंद कर दें। ढक्कन से ढक दें। ठंडा होने के लिए अलग रख दें।
3. दूध को केवल इतना ही गर्म होना चाहिए जिसे आप अपनी उंगली से आराम से छू सकें और आपकी उंगली भी न जले। अगर आप दूध को अपनी उंगली से नहीं छू पा रही है इसका मतलब दूध दही जमाने के लिए काफी गर्म है।
4 ठंडा होने पर दूध को उस बर्तन में डालें जिसमें आप दही जमाने जा रहे हैं। बेहतर होगा कि वह बर्तन कुछ देर के लिए तापमान बरकरार रख सके।
5 इसके बाद, दूध में लगभग 2 बड़े चम्मच अच्छी तरह फेंटा हुआ दही मिलाएं और अच्छी तरह से हिलाएं। एक चम्मच से इसे अच्छे से मिलाएं और सुनिश्चित करें कि यह अच्छी तरह से मिल जाए।
6 अच्छे से ढक कर किसी गर्म जगाह पर रख दें, लगभग 6 घंटे बाद दही पूरी तरह से जम जाएगा। आस-पास के तापमान के आधार पर, समय बीतने के साथ यह जमना और गाढ़ा होना शुरू हो जाता है।
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