आमतौर पर मिठाइयों में इस्तेमाल की जाने वाली अंजीर एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर होती है। कुछ लोग इसे खीर और पुडिंग में इस्तेमाल करते हैं, तो कुछ इसे पानी में भिगोकर खाना पसंद करते है। शरीर को उच्च मात्रा में आयरन प्रदान करने वाला ये सूपरफुड यूं तो शरीर को कई फायदे पहुंचाता है। लेकिन अगर आप इसके पोषण मूल्य को बढ़ाना चाहते हैं, तो दूध में अंजीर को सोक करके खाना एक बेहतरीन विकल्प है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि दूध में अंजीर को भिगोकर (Anjeer soaked in milk) खाने से मिलते हैं कौन से लाभ।
इस बारे में डॉ अंकुर तंवर बताते है कि अंजीर को दूध में भिगोकर उसका सेवन करने से दुध के गुणों में बढ़ोतरी होती है। इससे दूध का पॉलीफेनोलिक कंटेट बढ़ने लगता है, जो एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा को बढ़ाता है। शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत हो जाता है और विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा बायोएक्टिव प्रॉपर्टीज़ की भी प्राप्ति होती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार अंजीर को दूध में पकाकर खाने से एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ जाता है। इससे दूध में बायोएक्टिव प्रॉपर्टीज़ बढ़ जाती है और पेपटाइड का स्तर बढ़ने लगता है। इसका सेवन करने से फ्लेवोनोइड्स में बढ़ोतरी होती है और एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज़ भी पाई जाती है।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार दूध में अंजीर की प्यूरी एड करने से दूध की बनावट में बदलाव आने के अलावा उसकी गुणवत्ता बढ़ जाती है। साथ ही पॉलीफेनोलिक कंटेंट में वृद्धि होने लगती है, जिससे एंटीऑक्सीडेंटस का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही हेक्सानोइक एसिड, एसीटोइन और ब्यूटेनोइक एसिड पाया जाता है।
अंजीर को दूध में भिगोकर खाने से शरीर को फाइबर के अलावा उच्च मात्रा में आयरन, मैंगनीज, जिंक और मैग्नीशियम की प्राप्ति होती है। इससे महिलाओं के शरीर में बढ़ने वाले हार्मोन असंतुलन से बचा जा सकता है। साथ ही प्रजनन क्षमता में सुधार होता है। इसके अलावा प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम से जूझ रही महिलाओं के लिए अंजीर का सेवन फायदेमंद है।
आहार में इसको शामिल करने से शरीर को पोटैशियम की प्राप्ति होती है। साथ ही इसमें पाई जाने वाली बायोएक्टिव प्रॉपर्टीज़् भी शुगर स्पाइक के खतरे को कम कर देता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार अंजीर में प्राकृतिक मिठास पाई जाती है। मगर साथ ही इनमें फाइबर की भी उच्च मात्रा होती है। फाइबर कंटेट रक्तप्रवाह में चीनी के एबजॉर्बशन को स्लो कर देता है। इसके अलावा अंजीर में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड शुगर पेशेंटस में ग्लूकोज के चयापचय में सुधार लेकर आता है।
इसमें पाई जाने वाली डाइटरी फाइबर की मात्रा इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम को दूर करके पाचन को मज़बूती प्रदान करती है। दूध में अंजीर को सोक करके पीने से प्राबायोटिक्स की प्राप्ति होती है, जिससे गट हेल्थ में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाती है। इसके सेवन से कब्ज, पेट दर्द और ब्लोटिंग से बचा जा सकता है।
पोटेशियम की उच्च मात्रा के चलते हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद मिलती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंटस फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम करके ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करता है। अंजीर और दूध को मिलाकर पीने से शरीर को मैग्नीशियम की भी प्राप्ति होती है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
इस लो कैलोरी मिल्क से जहां मसल्स को मज़बूती मिलती है, तो वहीं मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है। इसके अलावा प्रोटीन और फाइबर की प्राप्ति होने से एपिटाइट निंयत्रित होता है और क्रेविंग्स से भी राहत मिलती है।
दूध और अंजीर को मिलाकर पीने से शरीर को बायोएक्टिव कंपाउड, मैग्नीशियम और कैल्शियम की प्राप्ति होती है। इससे हड्डियों को मज़बूती मिलती है और मसल्स पेन को भी दूर किया जा सकता है। साथ ही चोटिल होने का खतरा भी कम हो जाता है। इसे दूध में स्मूदी के तौर पर लेने के अलावा ओटस और सैलेड में एड करके भी खाया जा सकता है।
6 से 7 घंटे के लिए अंजीर को दूध में भिगोकर रख दें। एक गिलास दूध में 2 अंजीर डाल लें। अब सुबह दोनों चीजों को ब्लैंड कर दें और खाली पेट उसका सेवन करें। इसे स्मूदी के रूप में ले सकते हैं और इसके अलावा दोनों चीजों को उबालकर लेने से भी फायदा मिलता है। इससे पाचन को मज़बूती मिलती है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से शरीर हेल्दी और एक्टिव बना रहता है।