सर्दी में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों को आहार में शामिल किया जाता है। इससे न केवल मौसमी संक्रमण का खतरा कम होता है बल्कि पोषण की प्राप्ति होती है। इन्हीं सुपरफूड्स में शामिल हैं आंवला और कच्ची हल्दी। इससे तैयार कांजी न केवल स्वाद को बढ़ाती है बल्कि पाचन समेत कई तरह से शरीर को फायदा पहुंचाने में मदद करती है। अगर आप भी मौसमी बीमारियों से बचकर गट हेल्थ को मज़बूत बनाना चाहते हैं, तो जानें आंवला कच्ची हल्दी कांजी के फायदे और इसे तैयार करने की आसान रेसिपी (Amla haldi Kanji recipe)।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर आंवला और हल्दी से तैयार प्रोबायोटिक पेय पदार्थ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैलेरी बर्न करने में मदद करते हैं। डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि इस पेय पदार्थ का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और कैलेरीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन व हृदय रोगों के खतरे को भी कम किया जा सकता है। विटामिन सी से भरपूर आंवला मौसमी संक्रमण दूर करता है और करक्यूमिन से ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका सेवन करने से शरीर को लाभ मिलता है।
कच्ची हल्दी का सेवन करने से शरीर को बीटा-कैरोटीन, फ्लेवोनोइड्स और पोटेशियम समेत कई पोष तत्वों की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में संक्रमण के खतरे से बचा जा सकता है। वहीं आंवले में एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। इससे मौसमी फ्लू के लक्षणों से राहत मिलती है।
इसका सेवन करने से शरीर को एरोमैटिक टरमेरोन कंपाउड की प्राप्ति होती है। इससे एनर्जी का लेवल उचित बना रहता है। वहीं आंवला से शरीर को विटामिन सी मिलता है, जो आयरन के एबजॉर्बशन में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन बी 6 की मात्रा खाने को एनर्जी में कनवर्ट करने में मदद करता है। साथ ही फ्री रेडिकल्स का खतरा कम हो जाता है। आंवला कच्ची हल्दी कांजी का सेवन करने से शरीर दिनभर एक्टिव रहता है।
आंवला को आहार में शामिल करने से डाइजेस्टिव एंजाइम्स की मात्रा बढ़ती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इस लो कैलोरी फूड में फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। वहीं कच्ची हल्दी का सेवन करने से बॉडी टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे कैलोरी स्टोरेज से बचा जा सकता है। साथ ही वेटलॉस में मदद मिलती है।
हल्दी गॉलब्लैडर को ज्यादा बाइल बनाने के लिए उत्तेजित करती है। साथ ही पोषक तत्वों को पचाने में भी मददगार साबित होती है। इसके सेवन से शरीर में गुड बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने लगती है। साथ ही आंवला का सेवन करने से शरीर को डाइटरी फाइबर की प्राप्ति होती है। इससे पाचन क्रिया उचित बनी रहती है और बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है।
आहार में शामिल की जाने वाली कच्ची हल्दी से शरीर को करक्यूमिन कंपाउंड की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को घटाने में मदद मिलती है। इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों की प्राप्ति होती हे। वहीं आंवला से ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में गिरावट पाई जाती हे।
कच्ची हल्दी 2 चम्मच
कटे हुए आंवला 2
हरी मिर्च 1 से 2
पीली सरसों 1 चम्मच
नमक स्वादानुसार