क्या आप जानते हैं कि बर्तन भी आपकी सेहत को बनाने या बिगाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? जी हां, आपकी किचन की क्रॉकरी आपके शरीर को पोषण दे सकती है। अक्सर घरों में मेटल या कांच के बर्तनों का उपयोग होता है। खाना बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील के बर्तन से लेकर एल्युमिनियम और पीतल के बर्तनों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
मेरी मम्मी किसी भी आहार के लिए बर्तनों के चयन को लेकर बहुत सलेक्टिव हैं। उनका मानना है कि हम किस बर्तन में खाते हैं, यह उतना ही महत्वपूर्ण है, कि हम क्या खा रहे हैं। इस धनतेरस मैंने अपनी मम्मी के दावे को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चैक करने की कोशिश की है। आप भी जानिए क्या रहे मेरे रिजल्ट।
यह धातु ठंडी प्रकृति की धातु होती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों को अधिक गुस्सा आता हैं, उन्हे चांदी के बर्तनों में भोजन करना चाहिए। यह उनके मन को शांत करने में मदद करता है। चांदी के बर्तनों का प्रयोग आपकी सेहत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
इसके नॉन-टॉक्सिक गुण बैक्टीरिया को दूर रखते हैं। पानी या किसी तरल पदार्थ को चांदी के बर्तन में रखने से उसकी ताजगी लंबे समय तक बरकरार रहती है। आयुर्वेद के अनुसार वात, पित्त और जुकाम से पीड़ित लोगों को चांदी के बर्तन में पानी पीना चाहिए। यह सारी परेशानियों को दूर और नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
आयुर्वेद में तांबे के बर्तन को महत्व दिया गया है। तांबे के गिलास में रखे पानी को सुबह खाली पेट पीने से कब्ज की समस्या दूर होती है, आंखों की रोशनी तेज होती है और शरीर स्वस्थ रहता है। धनतेरस पर कई लोग तांबे के बर्तन खरीदना पसंद करते हैं। इसे अत्यंत शुभ और लाभकारी माना गया है।
इस बर्तन में दूध का सेवन करने से बचें। एनीमिया के रोगियों के लिए तांबे का बर्तन लाभकारी साबित हो सकता है। यह शरीर में आयरन के स्तर को बढ़ाता है जिससे खून की कमी नहीं होती है।
यह गरम प्रकृति के होते हैं। इनमें घी, दूध, नींबू पानी, खीर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए। ये फूड पॉइज़निंग (food poisoning) का कारण बन सकता है। इसमें ज्यादातर पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। पीतल के गिलास में रखा पानी को सुबह खाली पेट पीने से स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह पीलिया, दस्त और अन्य संक्रमनों से बचाने में मदद करता है।
सभी घरों में आमतौर पर स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का उपयोग किया जाता है। लेकिन क्या यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है? लंबे समय तक खराब न होने की वजह से ये बर्तन लोकप्रिय है। लेकिन सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो स्टील के बर्तन में खाने से आपकी सेहत को कोई विशेष फायदा या नुकसान नहीं होता है।
इन बर्तनों में भोजन करने से बचना चाहिए। ये आपके स्वास्थ्य के लिए फायदा कम और नुकसान ज्यादा करता है। जी हां, ये धातु बहुत सक्रिय होता है। इसमें नमक या खटाई युक्त पदार्थ रखने से कुछ टॉक्सिक केमिकल पैदा होता है जो आपके लिए विषैला हो सकता है। अतः एल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग करने से बचें।
ऐसे बर्तन नाजुक होते हैं और अक्सर इनका इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। बाजार में पाए जानें वाले विभिन्न प्रकार के कांच आपकी सेहत पर मिक्स्ड प्रभाव डाल सकते है। गरम पदार्थों को रखने या लापरवाही के कारण कांच टूट भी सकता है। इसके कारण शीशे के टुकड़े आपके शरीर में भी जा सकते है। इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए कांच के बर्तनों को सोच-समझकर इस्तेमाल करना चाहिए।
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रोजाना इस्तेमाल करने वाले बर्तन आपकी सेहत को प्रभावित करते है। इसलिए इनका सही चयन करना बहुत आवश्यक है। अपने बर्तनों को खरीदते समय इन बातों का ख्याल रखें:
1. मेटल या धातु के गरम होने पर उनकी गुणों में क्या परिवर्तन होता है और वे कौन से रसायन छोड़ते है।
2. खाने पीने की गर्म चीजो को स्टोर करने या ऊंचे तापमान पर खाना पकाने के बर्तनों का विशेष तौर ख्याल रखना चाहिए |
3. बर्तनों की शेप, टिकाऊपन, ठोसपन, ऐसी हो, जिससे वे आसानी से साफ किए जा सकें, किसी प्रकार के ऐसिड ना छोड़ते हो और उनका रंग जल्दी ना उतरे।
4. आपका बर्तन भोजन के पोषक तत्व नष्ट न करें और खाद्य सामग्री से कोई रासायनिक प्रतिक्रिया कर उसे विषैला न बनाएं।
5. प्लास्टिक के बर्तन खरीदते समय ध्यान रखें कि वह BFA फ्री, BFR फ्री और लेड फ्री (lead free) हो।
तो लेडीज, धनतेरस के इस शुभ अवसर पर अपने बरतनों को कारीदते समय अपनी सेहत का भी ख्याल रखें।
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