आमलेट, नूडल्स और सुशी तक, सभी को खाने के लिए अलग-अलग कटलरी सेट आपके घर में भी होगा। पर जब बात चपाती या चावल खाने की आती है, तब आप क्या करती हैं? क्या आप अपनी पसंदीदा स्पून उठाती हैं या फिर अपने पारंपरिक अंदाज में उसे हाथ से खाना पसंद करती हैं? असल में हाथ से खाना खाने का अपना पारंपरिक भारतीय अंदाज न सिर्फ हमारे घर के बड़े-बुजुर्गों को पसंद है, बल्कि ये आपके टमी को भी पसंद है। जी हां, क्योंकि यह आदत आपको बैली फैट से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं तक से छुटकारा दिलाती है।
हम काफी तेजी से वेस्टर्न कल्चर को अपना रहे हैं और अपना कल्चर खोते जा रहे हैं। भारत में ज्यादातर लोगों को चम्मच और कांटे से खाने की आदत है। लेकिन क्या आप यह बात जानती हैं कि चम्मच के बजाय हाथ से खाना खाने के कई लाभ होते हैं। जो हमारी सेहत को दुरुस्त कर सकते हैं। इसमें वेट लॉस भी शामिल है। हालांकि आज भी भारत के कई हिस्सों में हाथ से खाना खाने की प्रथा है। हाथ से खाना खाने के सभी फायदों को विशेषज्ञों ने भी माना है। और आज हम आपको कुछ ऐसे ही फायदों के बारे में बताएंगे।
मेरी मम्मी हमें हमेशा अपनी प्राचीन भारतीय परंपरा की याद दिलाती हैं। उनके अनुसार यह न केवल भारतीय परंपरा का एक अभिन्न अंग है, बल्कि भोजन करने का सबसे सरल तरीका भी है। आयुर्वेद में भी इसी तरीके को हेल्दी माना गया है।
जबकि दादी मां इसे शरीर में पंचतत्वों के समन्वय का प्रतीक मानती हैं। वे अकसर कहती हैं, “हाथों की पांचों उंगलियां पांच तत्वों की ओर इशारा करती हैं। इनमें हमारा अंगूठा अंतरिक्ष, छोटी उंगली पानी, और बाकी की 3 उंगलियां हवा, अग्नि और पृथ्वी की प्रतीक हैं। हमारा शरीर भी इन्हीं पांच तत्वों से बना है। इनके संतुलन से ही हम स्वस्थ रह सकते हैं।”
हजारों वर्ष पुराने ग्रंथ आयुर्वेद में भी हाथ से खाने के विशेष फायदे बताए गए हैं। दरअसल हाथ से खाना खाने का विवेकपूर्ण तरीका है। यह ओवरईटिंग से बचाता है और पाचन को बढ़ावा देता है। जब हम खाने को छूते हैं, तो उसकी बनावट, सुगंध और स्वाद के बारे में हमारे मस्तिष्क को संदेश जाता है। यह काम हमारी अंगुलियों में मौजूद नर्व्स करती हैं। जिससे हम खाने के प्रति और जागरूक हो जाते हैं। उंगलियों का इस्तेमाल ब्लड सरकुलेशन को भी बेहतर बनाता है।
अगर आप वेट लॉस करने की तैयार कर रहीं हैं, तो अपने फिटनेस रुटीन में हाथ से भोजन करना भी शामिल करें। एपेटाइट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि जब लोग हाथ से खाते थे, तो उन्हें नाश्ते के समय कम भूख लगती थी। अध्ययन बताता है कि हाथ से खाने में ज्यादा तृप्ति होती है जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वेट लॉस में मदद मिलती है।
अपने हाथों से खाना खाना एक बहुत ही अच्छा व्यायाम है। यह आपके ब्लड सर्कुलेशन में मदद करता है। फिर चाहे वह किसी भी प्रकार का खाना क्यों न हो। रोटी से निवाला बनाना हो या चावल में दाल मिक्स करनी हो, इससे आपकी उंगलियों की अच्छी कसरत होती है।
चम्मच का सीधा संबंध जल्दी खाने से है। जल्दी-जल्दी खाने से हमारा ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो सकता है। जिससे टाइप टू डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ता है। क्लिनिकल न्यूट्रिशन’ नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज के मरीज जो चम्मच से खाना खाते थे वह हाथ और चॉपस्टिक के मुकाबले काफी तेजी से खाना खाते थे।
वहीं दूसरी तरफ यह पहले से सिद्ध हो चुका है कि हाथ से खाना खाने की प्रक्रिया धीमी होती है। यानी टाइप टू डायबिटीज का जोखिम कम हो सकता है।
हाथ से खाना खाने की प्रक्रिया में हाथ, आंख और मुंह तीनों का समन्वय होता है। जिससे मस्तिष्क तक तृप्ति के संदेश जाते हैं। यह हमें ओवरईटिंग से बचाता है और हमारा पाचन तंत्र बेहतर रहता है।
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