एंटीसेप्टिक गुणों के कारण हल्दी को किचन का डॉक्टर (Kitchen doctor turmeric) कहा जाता है। ज्यादातर डिश में प्रयोग की जाने वाली हल्दी न सिर्फ स्वाद बढ़ाती है, बल्कि कई रोगों से भी हमें दूर रखती है। एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण हम स्किन पर भी इसका प्रयोग करते हैं। आयुर्वेद एक्स्पर्ट हल्दी के पानी को खाली पेट लेने की सलाह देते हैं। इससे कई बीमारियों की रोकथाम में मदद (haldi water benefits) मिलती है। सबसे पहले जानते हैं कि हल्दी का पानी किस तरह तैयार होता है।
हल्दी का पानी दो तरह से तैयार किया जा सकता है। कुछ ताजी हल्दी और पानी से यह तैयार होता है। हल्दी के एक छोटे टुकड़े को पानी में भिगो दें। इसे रात भर छोड़ दें। हल्दी पानी तैयार हो गया। सुबह उठकर इस पानी को खाली पेट पी लें। इसके अलावा, 1/ 2 टी स्पून हल्दी को एक ग्लास गुनगुने पानी में घोल लें। इस तरह हल्दी का पानी तैयार हो गया। सुबह खाली पेट इसे पी लें।
100 ग्राम हल्दी में 390 किलो कैलोरी, 10 ग्राम टोटल फैट, 3 ग्राम सैचुरेटेड फैट, 0 मिलीग्राम कोलेस्ट्रॉल, 0.2 ग्राम कैल्शियम, 0.26 ग्राम फॉस्फोरस, 10 मिलीग्राम सोडियम, 25 मिलीग्राम पोटेशियम, 47.5 मिलीग्राम आयरन, 0.9 मिलीग्राम थायमिन होता है। 0.19 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 4.8 मिलीग्राम नियासिन, 50 मिलीग्राम एस्कॉर्बिक एसिड, 69.9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 21 ग्राम डाइटरी फाइबर भी होता है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नीतू भट्ट बताती हैं, आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग तीनों दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करने के लिए किया जाता है। अधिक मात्रा में इसे लेने पर पित्त और वात दोष बढ़ सकता है। हल्दी का स्वाद कड़वा और पाचन के बाद तीखा और गर्म प्रभाव डालता है।
हल्दी में मौजूद एंटी इन्फ्लामेटरी गुण रुमेटीइड आर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस के उपचार में मदद करते हैं। इस मसाले में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को नष्ट करते हैं। क्रोनिक सूजन की बीमारी या जोड़ों के दर्द से पीड़ित होने पर प्रतिदिन हल्दी पानी का सेवन करना चाहिए। इससे दर्द कम होगा और राहत मिलेगी।
कच्ची हल्दी का सेवन चयापचय को बढ़ा सकता है। यह पाचन विकारों को प्रबंधित करने में मदद कर सकता है। हल्दी में मौजूद करकुमिन कंपाउंड गॉलब्लेडर को पित्त को स्रावित करने के लिए प्रेरित करते हैं। पित्त पाचन में मदद करते हैं। यह लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करती है। नियमित रूप से खाली पेट हल्दी का पानी पीने से गैस और सूजन के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
हल्दी के प्राकृतिक एंटी-बैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण इसे एक प्रभावी डिसइन्फेक्टेंट बनाते हैं। सीने में जलन, पेट खराब होने या चोट लगने पर इसका प्रयोग किया (haldi water benefits) जाता है। हल्दी का पानी घाव या संक्रमण को तेजी से ठीक करने में मदद करता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
हल्दी में एरोमैटिक टरमेरोन यौगिक होता है। यह क्षतिग्रस्त मस्तिष्क स्टेम कोशिकाओं की मरम्मत करता है। स्टेम सेल की क्षति अल्जाइमर और स्ट्रोक जैसे कई न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों के लिए जिम्मेदार है। रोज हल्दी के पानी के सेवन से इन स्थितियों के विकसित (haldi water benefits) होने का खतरा कम हो सकता है। यह याददाश्त में सुधार कर सकता है। उन खाद्य पदार्थों के बारे में और पढ़ें जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।
खाली पेट हल्दी का पानी पीना उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है, जो वजन घटाना चाहते हैं। हल्दी पानी में थोड़ा सा अदरक का रस भी मिलाएं। इसे उबाल लें। ठंडा होने पर चाय की तरह पियें। यह वजन कम करने में मदद करेगा। इसके अलावा, कैंसर से लड़ने, हृदय को स्वस्थ रखने और तनाव भगाने में भी हल्दी मदद करती है।
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