नीम का पेड़ एक ऐसा पेड़ है जिसका हर हिस्सा आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गर्मियों के मौसम में होने वाली कई समस्याएं जैसे मीजल्स और चिकन पॉक्स से बचाव के लिए भी नीम का पेड़ काफी लाभदायक है। इस मौसम में नीम के पेड़ की पत्तियां गिरने के बाद अब पेड़ों में नई पत्तियां और फूल निकलना शुरू हो गए हैं। मम्मी कहती हैं, इस मौसम में इन पत्तियों का सेवन काफी लाभदायक है। यह कई ऐसे रोगों से आपको निजात दिला सकती हैं, जो इस मौसम में आपको काफी परेशान कर सकते हैं। पर पत्तियों के अलावा नीम के फूल भी बहुत खास होते हैं। आइए जानते हैं नीम के फूलों के औषधीय लाभ।
नीम के फूल और इस मौसम में निकलने वाली छोटी ताजी हरी पत्तियां आपकी डायबिटीज की समस्या से लेकर आपकी स्किन की परेशानियों तक को दूर करने में प्रभावी मानी गई हैं। आयुर्वेद में इन पत्तियों और फूलों को एक अहम स्थान दिया गया है। आज हेल्थशॉट्स के इस लेख में हम आपसे नीम के फूलों और इन छोटी हरी पत्तियों के फायदों के बारे में बात करेंगे। ताकि आप आसानी से इनका लाभ उठा सकें।
हालांकि इस बात पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पहले चिकित्सकीय सलाह ली जाए और किसी भी आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क किया जाए।
नीम के पेड़ को Azadirachta indica के नाम से संबोधित किया गया है। अगर नीम के पेड़ को गांव की फार्मेसी के तौर पर जाना जाए तो यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा क्योंकि। नीम की जड़ से लेकर नीम के बीज तक कई रोगों का इलाज करने में सक्षम है। और भारत की कई ग्रामीण इलाकों में आज भी नीम की पत्तियों का आयुर्वेदिक उपचार लोग आजमाते है।
एनसीबीआई के अनुसार नीम के पेड़ को 140 बांटा गया है जिसमें यौगिक पाए जाते है। ये सक्रिय यौगिक नीम को इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीपैरासिटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक और घाव भरने वाले गुण देते हैं।
आयुर्वेद में नीम के फूल और पत्तियों को एक ऐसा घटक माना गया है जो आपके सिस्टम से पित्त को शांत करता है। यही कारण है कि भारत में गर्मियों की शुरुआत से पहले इन छोटी पत्तियों और फूलों का सेवन किया जाता है। नीम के फूल को एक एंटीसेप्टिक माना जाता है जो आपके साफ कर सकता है। यह त्वचा पर लगाने पर त्वचा की अशुद्धियों को ठीक करने के लिए भी जाना जाता है।
डायबिटीज की समस्या में नीम के फूल आपकी बहुत सहायता कर सकते हैं। यदि मौसम निकल जाए तो आप इन फूलों को जमा कर इनका पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकती हैं। आयुर्वेद में डायबिटीज के रोगियों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। और साइंस भी इस पर विश्वास करता है।
एनसीबीआई पर मौजूद एक अध्ययन बताता है कि कुछ जानवरों के अध्ययन से संकेत मिलता है कि नीम की पत्ती का अर्क मधुमेह की नई दवाओं के तौर पर प्रयोग किया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नीम का अर्क इंसुलिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकता है। वह हार्मोन जो रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
लिवर और किडनी की कई समस्याओं में भी नीम का अर्क आपके काम आ सकता है। हालांकि इस समस्या में किसी भी उपचार का पालन करने से पहले चिकित्सा सलाह लेना बहुत अनिवार्य होता है। नीम के एंटीऑक्सीडेंट और विरोधी भड़काऊ गुण ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जो बदले में हमारे लिवर और किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। ऑक्सीडेटिव तनाव अस्थिर अणुओं के निर्माण के कारण होता है जिन्हें मुक्त कण कहा जाता है।
गर्मियों के मौसम में त्वचा से संबंधित समस्याएं अक्सर हमें अपनी चपेट में ले लेती है जिनके कारण दाने,फोड़े, फुंसी के अलावा मीजल्स और चिकन पॉक्स जैसे रोग सबसे आम है। नीम हमारी त्वचा के लिए एक औषधि है। आजकल कई कॉस्मेटिक्स में भी नीम का अर्क शामिल किया जाता है। इन सब में नीम के फूलों से, पत्तियों से और बीज से निकाला गया तेल इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सोरायसिस और एक्जिमा के इलाज के लिए होता है। हालांकि बहुत कम अध्ययन इसका समर्थन करते हैं।
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