सोशल मीडिया पर इन दिनों फिटनेस फ्रीक विभिन्न रंगों और आकारों वाले मुट्ठी भर सप्लीमेंट खाती हुई दिख जाती हैं। वे साथ में यह बताती भी हैं कि सप्लीमेंट उन्हें फिट और फाइन रखते हैं। पहले लोग बीमारियों के लिए दवाइयों और सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल किया करते थे। पर अब हर कोई सोचता है कि स्वस्थ रहने के लिए उन्हें इन सभी सप्लीमेंट की आवश्यकता है। ये शरीर के सभी अंगों को तंदुरुस्त रखते हैं। पर क्या लिवर हेल्थ के लिए भी सप्लीमेंट जरूरी है? विशेषज्ञ बताते हैं कि लिवर के लिए आर्टिफिशियल सप्लीमेंट (Supplement for Liver) जरूरी नहीं है। फिर शरीर के इस ख़ास अंग के लिए क्या जरूरी (fasting benefits for liver) है?
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रेखा राधामोनी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘ लिवर नॉर्मल फ़ूड, जंक फ़ूड, सप्लीमेंट,
मेडिसिन और यहां तक कि आपके इमोशन को भी डिटोक्सिफाय करता है। लिवर का काम बहुत जिम्मेदारी वाला और बहुत अधिक परिश्रम वाला (Liver Hectic job) है।
डॉ. रेखा राधामोनी बताती हैं, ‘अपने काम के बदले में लिवर हमसे कुछ नहीं चाहता है, लेकिन उसे अपने काम से थोड़ा ब्रेक जरूर चाहिए। फास्टिंग कर लिवर को आराम दिया जा सकता है। इस दौरान वह खुद की मरम्मत और खुद को ऊर्जावान बना पाता है। फास्टिंग ही लिवर के लिए बेस्ट सप्लीमेंट ( Fasting is the best supplement for liver) है। यह बिना किसी मूल्य के मिलती है।
नेचर जर्नल की स्टडी के अनुसार लीवर एंजाइम का हाई लेवल अक्सर लीवर की क्षति या बीमारी का संकेत देता है। रुक-रुक कर उपवास करने से लीवर एंजाइम कम हो सकते हैं, जो लीवर के स्वास्थ्य में सुधार का संकेत देता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन को कम करता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इन्फ्लेमेशन लीवर को नुकसान पहुंचाते हैं।
फास्टिंग के दौरान यकृत या लिवर ग्लाइकोजेनोलिसिस प्रक्रिया के द्वारा ग्लाइकोजन और ग्लूकोनियोजेनेसिस के माध्यम से डे नोवो ग्लूकोज सिंथेसिस होता है। ये दोनों टूट कर अपने माध्यम से ग्लूकोज स्रावित करते हैं। लंबे समय तक उपवास के दौरान हेपेटिक ग्लूकोनियोजेनेसिस एंडोजीनस ग्लूकोज उत्पादन का प्राथमिक स्रोत है।
लीवर डैमेज्ड टिश्यू को नई कोशिकाओं से बदलने में सक्षम है। टाइलेनॉल ओवरडोज़ जैसी गंभीर स्थिति में तीन से चार दिनों के भीतर 50 से 60 प्रतिशत तक लीवर कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं। इसके कारण कोई जटिलता उत्पन्न नहीं होने पर 30 दिनों के बाद लीवर पूरी तरह से ठीक हो जाएगा।
जूस क्लींज के माध्यम से लिवर को डिटोक्स किया जा सकता (fasting benefits for liver) है। इसे अक्सर जूस फास्ट कहा जाता है। यह एक डिटॉक्स आहार है, जिसमें 3 दिनों तक केवल कच्ची सब्जियों और फलों का रस पीना शामिल है। जूस क्लींज के विशेषज्ञों के अनुसार, आहार शरीर को फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट से भर देता है। शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाता है और विषाक्त पदार्थों को खत्म करता है।
लिवर के लिए किसी भी प्रकार के सप्लीमेंट लेने की बजाय कुछ सुपरफ़ूड को अपने आहार में शामिल करें। ब्रोकोली, फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, पत्तागोभी और केल जैसी सब्जियों में ग्लूटाथियोन होता है, जो लीवर के विषाक्त पदार्थों को साफ करने वाले एंजाइम को सक्रिय करता है। इन्हें खाने से सिस्टम में ग्लूकोसाइनोलेट का उत्पादन बढ़ेगा, जो कार्सिनोजेन्स और अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद (fasting benefits for liver) करता है।
डॉ. रेखा राधामोनी के अनुसार, जितना अधिक आप स्वास्थ्य को जटिल बनाएंगी, उतना ही अधिक आप शरीर के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ लेंगी है। जो नितांत आवश्यक है उसे लें। अनावश्यक सप्लीमेंट (fasting benefits for liver) लेना बंद करें। चाहे वह हर्बल हो, आयुर्वेदिक हो या आर्टिफिशियल।
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