क्या वाकई इम्युनिटी बूस्ट करने में मददगार है च्यवनप्राश? जानिए आखिर क्या है इसमें खास

जाड़े के दिनों में अधिक खाया जानेवाला च्यवनप्राश इम्युनिटी बूस्टर है। आइये विशेषज्ञ से जानते हैं इसके ख़ास फायदों और घर पर तैयार करने की विधि को।
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च्यवनप्राश को लगभग 50 औषधीय जड़ी-बूटियों और उनके अर्क को संसाधित करके तैयार किया जाता है। चित्र : एडोब स्टॉक
Published On: 13 Dec 2022, 08:10 pm IST
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जब विज्ञापनों का जोर नहीं था च्यवनप्राश उससे भी पहले से घरों में प्रयोग में लाया जाता रहा है। हालांकि तब किसी बड़े ब्रांड के नाम से नहीं, बल्कि आयुर्वेद विशेषज्ञों से लोग देसी च्यवनप्राश बनवाया करते थे। च्यवनप्राश के बारे में प्रचलित है कि बूढ़े ऋषि च्यवन खुद को युवा बनाना चाहते थे। उन्होंने कई तरह की जड़ी-बूटियों को पीसकर एक मिश्रण तैयार किया। इससे न सिर्फ वे दोबारा युवा बन गये, बल्कि उनकी आंखों की रोशनी भी ठीक हो गई। मां कहती हैं कि पोषक तत्वों से भरपूर जड़ी-बूटियों और मिनरल्स से तैयार च्यवनप्राश रोग प्रतिरोधक (chyawanprash benefits) क्षमता बढ़ाता है। जिससे आप मौसमी संक्रमण से बचे रहते हैं। क्या वाकई इम्युनिटी बूस्ट करने में मददगार है च्यवनप्राश? आइए जानते हैं वेदास क्योर के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विकास चावला से।

क्या कहती हैं च्यवनप्राश पर की गई रिसर्च 

च्यवनप्राश पर कई रिसर्च की जा चुकी हैं। बायोमॉलिक्यूल जर्नल में प्रकाशित यह शोध विशेष है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद विभाग के रोहित शर्मा और अन्य शोधकर्ताओं ने च्यवनप्राश पर अध्ययन किया। यह एक आयुर्वेदिक सप्लीमेंट है। यह पोषक तत्वों से भरपूर जड़ी-बूटियों और मिनरल्स के मिश्रण से बना है।

यह उम्र बढ़ने के क्रम को रोकने में मदद कर सकता है। यह जीवन शक्ति (ओजस) को बहाल करने और जीवन शक्ति को बनाए रखने में सक्षम है। च्यवनप्राश को लगभग 50 औषधीय जड़ी-बूटियों और उनके अर्क को संसाधित करके तैयार किया जाता है। इसमें प्रमुख घटक, आंवला (Indian Gooseberry) शामिल है, जो विटामिन सी का सबसे समृद्ध स्रोत है। च्यवनप्राश में जड़ी-बूटियों का काढ़ा और अर्क तैयार कर मिलाया जाता है। इसे शहद और सुगंधित जड़ी-बूटियों के पाउडर (लौंग, इलायची और दालचीनी) के साथ भी मिलाया जाता है। इसमें मिलाये जाने वाले हर्ब विटामिन सी से समृद्ध होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने में सक्षम है।

आयुष मंत्रालय भी करता है च्यवनप्राश की सिफारिश

वेदास क्योर के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विकास चावला कहते हैं, ‘च्यवनप्राश का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। खासकर सर्दी के मौसम में उत्पन्न होने वाले विकारों से निजात दिलाने में यह रामबाण की तरह काम करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करता है।

आयुष मंत्रालय ने भी कोरोना वायरस महामारी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना च्यवनप्राश के सेवन की सलाह दी। कोरोना वायरस महामारी के दौरान टीका उपलब्ध नहीं होने पर कई अन्य निवारक उपाय करने के अलावा, लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश लेने को कहा गया।

यहां हैं सेहत से जुड़ी समस्याओं के लिए च्यवनप्राश के फायदे (chyawanprash benefits) 

डॉ. विकास बताते हैं, ‘ च्यवनप्राश में इम्युनिटी बढाने वाले पोषक तत्व मौजूद हैं। इसलिए ठंड में इसे नियमित रूप से खाया जाता है। इसके कई फायदे हैं।

च्‍यवनप्राश रक्त को शुद्ध करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। चित्र : शटरस्टॉक

1 यह श्वसन नली को साफ करता है।
2. पाचन में सुधार और कब्ज को कम करता है।
3. यह ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।
4. रक्त को शुद्ध करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।
5. यह रक्तचाप को सामान्य करता है।
6. कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है।
7. सर्दी, खांसी, फ्लू और कफ हो जाने पर च्यवनप्राश खाना फायदेमंद होता है।
8 अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो च्यवनप्राश खाने से फायदा मिल सकता है।
9 छोटे बच्चों में होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं का बचाव कर सकता है च्यवनप्राश।’

घर पर भी आसानी से तैयार हो सकता है च्यवनप्राश (How to make chyawanprash at home) 

डॉ. विकास बताते हैं, ‘ घर पर च्‍यवनप्राश बनाने में मात्र 40 मिनट का समय लगेगा। इसे 10 महीने से अधिक उम्र के बच्‍चे से लेकर वयस्कों तक को दिया जा सकता है।

च्‍यवनप्राश बनाने के लिए आधा किलो आंवला, एक कप गुड़, 5 चम्‍मच घी, मुट्ठीभर किशमिश (बिना बीज के) और 11 से 12 मुलायम खजूर (बिना बीज के) की जरूरत होगी।

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च्‍यवनप्राश बनाने के लिए आंवला, गुड़, घी, किशमिश और खजूर की जरूरत पड़ती है । चित्र : शटरस्टॉक

इसमें मसाले के तौर पर 6 -8 हरी इलायची, 9 -10 काली मिर्च के दाने, एक चम्‍मच दालचीनी पाउडर, एक चम्‍मच सौंफ, तीन-चार केसर के टुकड़े, आधा चक्र फूल (स्‍टार अनीस), एक चम्‍मच जीरा और 8 -9 लौंग लें। उपरोक्त सामग्रियों से 100 ग्राम च्‍यवनप्राश आसानी से बनाया जा सकता है।’

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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