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पहले मानसून में आपके बेबी की स्किन को है एक्स्ट्रा केयर की जरूरत 

बारिश के मौसम में न्यू पैरेंट्स के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि वे अपने नए जन्मे बच्चों की त्वचा की देखभाल किस तरह करें। 
Published On: 9 Jul 2022, 05:00 pm IST
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Bachcho ke liye product chunte waqt laparwahi na karen.
बच्चे को स्किन प्रॉब्लम से बचाने के लिए नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। चित्र: शटरस्टॉक

उम्र में बड़े लोगों के लिए मानसून गर्मी की चिलचिलाती धूप से राहत देने वाला हो सकता है, लेकिन नवजात शिशुओ के लिए, बारिश का मौसम पूरी तरह सुखद नहीं हो सकता है। यह मौसम उनके लिए कुछ न कुछ परेशानी लेकर जरूर आता है। इसलिए जहां बारिश गर्मी से राहत देती है, वहीं हवा में नमी की मौजूदगी से बच्चों में रैशेज, स्किन इंफेक्शन या नैपी रैशेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जब भी मौसम बदलता है, बच्चे की स्किन के लिए परेशानी लेकर आता है।

यहां सरीन स्किन सॉल्यूशंस की फाउंडर और एमडी डॉ. जुश्या भाटिया सरीन दे रही हैं नवजात शिशुओं को स्किन संबंधी समस्याओं से बचाने के लिए कुछ टिप्स।

एक तरफ ह्यूमिडिटी, तो दूसरी तरफ मानसून की ठंडक, पेरेंट्स का चिंतित होना लाजिमी है। मानसून के दौरान शिशु की त्वचा जल्दी संक्रमित होती है और उसे अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। इसलिए उनकी अच्छी तरह देखभाल जरूरी है।

मानसून में बच्चे की त्वचा की सुरक्षा के लिए आप इन सुझावों का पालन कर सकती हैं:

  1. बच्चे की त्वचा की मालिश अच्छे प्राकृतिक तेलों जैसे कि वर्जिन कोकोनट ऑयल बेस्ड बेबी ऑयल से करें। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जो मां के दूध में भी पाए जाते हैं, जो आपके बच्चे की स्किन को आवश्यक और सुरक्षित पोषण प्रदान करते हैं।
  2. मानसून के दौरान अपने बच्चे को धूल-मिट्टी वाले परिवेश से या किसी बीमार व्यक्ति से दूर रखें। मौसम परिवर्तन के दौरान आपके शिशु को संक्रमण होने का खतरा हो सकता है, विशेष रूप से मानसून के दौरान तापमान में लगातार परिवर्तन से उसे दिक्कत हो सकती है।
  3. बारिश के मौसम में हर कुछ घंटों में मौसम की नमी और ठंडक में उतार-चढ़ाव के साथ, अपने बच्चे को सही तरीके से कपड़े पहना कर रखें। अपने बच्चे को लपेटने के लिए हमेशा एक स्वैडल संभाल कर रखें।
  4. वातावरण में नमी बढ़ने से शिशुओं को भी डायपर रैशेज होने का खतरा होता है। अपने बच्चे के डायपर को समय-समय पर बदलती रहें। उन्हें कुछ देर तक डायपर-मुक्त रखें। साथ ही हवा की आवाजाही के लिए कॉटन डायपर का प्रयोग करें।
  5. वर्जिन कोकोनट बेबी ऑयल, जिसे बाहरी रूप से लगाया जा सकता है, बच्चे की त्वचा में लिपिड परत के निर्माण को बढ़ावा देता है और माइक्रोब-रिपेलिंग फैटी एसिड के स्तर को बढ़ावा देता है। इसका प्रयोग बच्चे की स्किन हेल्दी रखने में मदद करता है। इससे स्किन संबंधी कइ तरह की समस्या से भी बचाव हो पाता है।

    bachcho ka khyal
    बारिश के दिनों में बच्चों की साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक
  6. बच्चे को सिंथेटिक कपड़े पहनाने से पूरी तरह बचें, क्योंकि इससे पसीना अधिक निकलता है और ह्यूमिड मौसम के दौरान बच्चे को होने वाली परेशानी भी बढ़ जाती है।
  7. अपने बच्चे की स्किन के लिए केवल सूती कपड़ों पर भरोसा करें। ऐसे किसी भी कपड़े को न पहनाएं, जिससे रंग छूटता हो।
  8. मानसून के मौसम में अपने बच्चे को जितना हो सके घर के अंदर रखें। मच्छरदानी का उपयोग करें ताकि वेक्टर जनित संक्रमणों को रोका जा सके।

इन सभी उपायों के बावजूद यदि बच्चे को स्किन संबंधी कोई प्राॅब्लम होती है, तो तुरंत स्किन एक्सपर्ट से मिलें। 

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स
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