सालों से काली मिर्च का इस्तेमाल मसाले के तौर पर खाने मैं फ्लेवर ऐड करने के लिए होता चला रहा है। हालांकि, इसके पोषक तत्वों की वजह से इसे फ्लेवरिंग एजेंट से हटकर विभिन्न प्रकार की दवाइयों को बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए कई रूपों में फायदेमंद हो सकता है। ठीक इसी प्रकार ब्लैक पेपर एसेंशियल ऑयल (Black pepper essential oil benefits) का इस्तेमाल भी शारीरिक समस्याओं में कारगर माना जाता है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करने के साथ हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में भी कारगर होता है। ऐसे में आप इसे शरीर से जुड़ी तमाम समस्याओं के उपचार के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं, इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से।
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काली मिर्च का तेल कॉन्स्टिपेशन डायरिया गैस जैसी पाचन संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं में असरदार होता है। विट्रो और वीवो एनिमल रिसर्च के अनुसार ब्लैक पेपर ऑयल की एंटीडायरियाल और एंटीस्पेज्मोडिक एक्टिविटी पाचन क्रिया को स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। इसके साथ ही इसका इस्तेमाल गैस और एसिडिटी की दवाइयों को बनाने में भी किया जाता है।
ब्लैक पेपर ऑयल एचडीएल (HDL) यानी कि गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और एलडीएल (LDL) यानी कि बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। ऐसे में हार्ट ब्लॉकेज और दिल से जुड़ी अन्य बीमारी का खतरा भी नहीं होता।
रिसर्च गेट के अनुसार ब्लैक पेपर ऑयल को साइनस और नसल कंजेशन के लिए एक प्रभावी घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल रेस्पिरेट्री सिस्टम में मौजूद म्यूकस को नरम करके बाहर निकालने में मदद करता है। जिससे साइनोसाइटिस, सर्दी जुकाम और नसल ब्लॉकेज से आपको फौरन आराम मिलता है।
इसके साथ ही सेल बायोकेमेस्ट्री एंड बायो फिजिक्स द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इसका इस्तेमाल ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है। साथ ही ब्लड ग्लूकोस टॉलरेंस को बढ़ाता है और इन्फ्लेमेशन को कम करते हुए लिवर फंक्शन को बूस्ट करता है। इन सभी सकारात्मक परिणामों को देखने के बाद यह सामने आया कि ब्लैक पेपर ऑयल शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकालकर, इन्फ्लेमेशन को कम करता है और शरीर के मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षण को कंट्रोल करने में कारगर होता है।
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ब्लैक पेपर ऑयल सिगरेट की क्रेविंग्स और स्मोकर्स में देखी जाने वाली एंग्जाइटी के लक्षण को कंट्रोल करने में मदद करता है। ड्रग और अल्कोहल डिपार्टमेंट द्वारा प्रकाशित एक स्टडी में 48 स्मोकर्स को ब्लैक पेपर ऑयल का इस्तेमाल करने को कहा गया। उनमें से ज्यादातर लोगों ने सिगरेट की क्रेविंग्स में कमी महसूस की। साथ ही इसके नेगेटिव साइड इफ़ेक्ट जैसे कि एंग्जाइटी पर भी नियंत्रित पाने की क्षमता में वृद्धि देखने को मिली। ब्लैक पेपर के इस्तेमाल से बार-बार स्मोकिंग करने की तलब को कम किया जा सकता है।
ब्लैक पेपर ऑयल में एंटी अर्थराइटिस प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसका इस्तेमाल ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देता है और जोड़ों के दर्द से राहत पाने में मदद करता है। वहीं इसका इस्तेमाल शरीर से यूरिक एसिड जैसे टॉक्सिंस को बाहर निकालता है, इस प्रकार यह अर्थराइटिस की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ब्लैक पेपर ऑयल में एंटीवायरल, एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज पाई जाती है। जो त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले हार्मफुल बैक्टीरिया से लड़ने में असरदार होती हैं। इसके साथ ही यह बंद पोर्स को खोल देता है और उसमें जमें एक्स्ट्रा ऑयल और अन्य बैक्टीरियल इंप्योरिटीज को बाहर निकालता है।
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कस्टमाइज़ करेंजिसकी वजह से पिंपल्स और एक्ने की समस्या नहीं होती। साथ ही ये डेड स्किन सेल्स से भी छुटकारा पाने में मदद करता है। इसकी एंटी एजिंग प्रॉपर्टी स्किन इलास्टिसिटी को बनाए रखती है और आपकी त्वचा को एक फ्लालेस ग्लो देती है।
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