क्या आपको अक्सर अनहेल्दी क्रेविंग्स (unhealthy cravings) यानि कि फ्राइड, जंक और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के लालशा होती रहती है? इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। कुछ प्रकार के पोषक तत्वों की कमी, तनाव, हार्मोनल असंतुलन आदि। क्रेविंग को नियंत्रित करने के लिए इसके कारकों पर फौरन नियंत्रण पाना मुमकिन नहीं होता। वहीं कई बार व्यक्ति को कुछ प्रकार के खाद्य पदार्थों को खाने के बाद भी उनकी क्रेविंग होती रहती है, या बहुत से लोग इमोशनल होने पर भी खाद्य पदार्थों की क्रेविंग्स का अनुभव करते हैं। ऐसे में इनपर तुरंत नियंत्रण पाना चाहती हैं, तो ये 7 घरेलू नुस्खे आपकी मदद कर सकते हैं (natural remedies to control cravings)।
कुछ दिनों पहले मुझे लगातार फ्राइड और ऑयली खाने की इच्छा हो रही थी। हालांकि, उस वक्त मैं किसी बात को लेकर अधिक तनाव में थी। तब मेरी मां ने मुझे कुछ खास घरेलू नुस्खे आजमाने की सलाह दी, जिसकी मदद से मेरी लालसा फौरन कम हो जाती थी। इस प्रकार मैने रोजाना इन नुस्खों को आजमाना शुरू किया (natural remedies to control cravings)। ये न केवल क्रेविंग कम करते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी कई अन्य रूपों में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में अधिक विस्तार से (natural remedies to control cravings)।
भीगे हुए मेथी के बीज ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और शुगर क्रेविंग को कम करने में मदद कर सकते हैं। जब आपको अनहेल्दी खाद्य पदार्थों की इच्छा हो, तो मेथी के बीज एक बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं। इनसे रक्त शर्करा का स्तर स्थिर रहता है, जिससे अक्सर भूख लगने की वजह से होने वाले उतार-चढ़ाव दूर हो जाते हैं। मेथी के बीज तब अधिक प्रभावी रूप से काम करते हैं, जब उन्हें रात भर के लिए पानी में भिगो कर छोड़ दिया जाता है।
आंवला, बिभीतकी और हरीतकी तीन ऐसे फल हैं, जो त्रिफला नामक प्राचीन आयुर्वेदिक हर्बल मिश्रण बनाते हैं। अगर आपको अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों की लालसा होती रहती है, तो ऐसे में त्रिफला इनपर नियंत्रण पाने में आपकी मदद कर सकता है। अनहेल्दी क्रेविंग्स को रोककर यह तीन जड़ी बूटियों का मिश्रण पाचन को आसान बना देते हैं, शरीर को डिटॉक्स करते हैं और वेट मैनेजमेंट में आपकी सहायता करते हैं। सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें। या जब कभी क्रेविंग्स हो तो एक चम्मच त्रिफला को गर्म पानी के साथ लें, इस प्रकार आपको इनपर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।
हल्दी को इसके मजबूत एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभावों के लिए जाना जाता है। हल्दी पित्त दोष को संतुलित करने और तले और मसालेदार भोजन की लालसा को कम करने में मदद कर सकती है। अपने नियमित भोजन में हल्दी शामिल करें, या इसका दैनिक खुराक लेने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पीएं। लालसा महसूस होने पर एक कप गर्म पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर पीएं।
स्ट्रेस अक्सर अनहेल्दी क्रेविंग्स और इमोशनल ईटिंग को ट्रिगर कर सकता है। अश्वगंधा नामक एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी स्ट्रेस और एंजायटी मैनेजमेंट में आपकी सहायता करती है, इतना ही नहीं ये डाइट संबंधी निर्णयों पर नियंत्रण को बढ़ा देती है। क्रेविंग्स कंट्रोल करने के लिए आप इसे सप्लीमेंट के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। वहीं एक कप पानी में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर ऐड करें और इन्हें उबालकर चाय की तरह एंजॉय करें। यह क्रेविंग की स्थिति में बेहद फायदेमंद साबित होंगे।
एलोवेरा पाचन में मदद करता है और त्वचा की देखभाल के लिए उपयोगी होने के अलावा पित्त दोष को नियंत्रित करने के लिए भी जाना जाता है। एलोवेरा का जूस पेट की परेशानी को कम कर सकता है, और खट्टे एवं मसालेदार भोजन की लालसा को नियंत्रित करने में मदद करता है। क्रेविंग्स महसूस होने पर आप एलोवेरा का जूस पी सकती हैं। या ताजे एलोवेरा जेल को अपनी पसंदीदा स्मूदी में ऐड करके एंजॉय कर सकती हैं।
सौंफ के बीज को संतुष्टि प्रदान करने के लिए एक पारंपरिक आयुर्वेदिक उपचार के रूप में जाना जाता है। भोजन के बाद, उन्हें चबाने से उचित पाचन में मदद मिलती है और मीठे स्नैक्स की इच्छा कम होती है। अगर आपको भी खाने के बावजूद मीठे खाद्य पदार्थों की क्रेविंग होती रहती है, तो खाने के बाद एक चम्मच सौंफ का सेवन करें या फिर सौंफ को पानी में उबालकर इसकी चाय पिएं।
सोने से पहले थोड़ी मात्रा में घी (स्पष्ट मक्खन) फैट और पित्त दोष को संतुलित करने में मदद कर सकता है। बेहतर पाचन को बढ़ावा देने के लिए और रात के समय की लालसा को कम करने के लिए थोड़ी मात्रा में घी लें। आप एक कप गर्म पानी में एक चम्मच घी डालकर पी सकती हैं।
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