बदलते मौसम की सामान्य बीमारियों का उपचार हैं ये 7 घरेलू नुस्खे, दवा से पहले करें ट्राई

सर्दी, जुकाम और गले में खराश जैसे लक्षण बच्चों में आम देखने को मिलते हैं। जानते हैं आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से कि किस प्रकार आयुर्वेद की मदद से बच्चों को मौसमी बीमारियों से बचाया जा सकता है।
kaise hain ayurvedic remedies faydemand
पेट में जमा टॉक्सिक पदार्थों का पूरी तरह से डिटॉक्स न होना कब्ज की समस्या का कारण साबित होता है। । चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 4 Nov 2023, 08:00 am IST
  • 141

मौसम में आने वाली तब्दीली जहां एक तरफ सुहानी लगती हैं, तो वहीं स्वास्थ्य को उसके अनुसार ढ़लने होने में थोड़ा वक्त लगता है। इसके चलते सर्दी, जुकाम और गले में खराश जैसे लक्षण बच्चों में आम देखने को मिलते हैं। इसके अलावा वायु प्रदूषण इस समस्या को गंभीर बनाने का काम करता है। मगर आयुर्वेदिक जड़ीबूटियां इसमें बेहद कारगर साबित होती है। बिना किसी दुष्प्रभाव के कुछ साधारण आयुर्वेदिक नुस्खों से इस समस्या को हल किया जा सकता है। जानते हैं आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से कि किस प्रकार आयुर्वेद की मदद से बच्चों को मौसमी बीमारियों से बचाया जा सकता है (home remedies for seasonal infection)।

इस बारे में बातचीत करते हुए छाया परिक्षक एवं नाड़ी विशेषज्ञ, वैद्य चंद्रशेखर का कहना है कि 1 से 3 माह के बच्चों को कोई औषधी देने का विधान नहीं है। वहीं मौसम की छोटी.मोटी बीमारियों से बचने के लिए 2 साल से अधिक आयु के बच्चों के लिए कुछ सामान्य घरेलु नुस्खों का प्रयोग किया जाता है। वे बच्चे जो खांसी जुकाम से ग्रस्त हों उन्हें खासतौर से केला और चावल न खिलाएं। इससे कफ की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा योगवाही गुणों से भरपूर शहद को अगर आप किसी भी जड़ीबूटी या खाद्य पदार्थ के साथ मिलाकर बच्चे को खिलाते हैं, तो उससे उसका असर तेज़ी से होने लगता है।

Jaanein mausmi bimaariyon ke gharelu nuskhe
छोटी.मोटी बीमारियों से बचने के लिए बच्चों के लिए कुछ घरेलु नुस्खों का प्रयोग किया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

मौसमी बदलाव से होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए इन आयुर्वेदिक नुस्खों को अपनाएं

1. देसी घी का लेप

2 साल से लेकर 12 साल तक के बच्चों को यदि सर्दी, जुकाम या गले खराश की समस्या हो जाती हैं। तो ऐसे में देसी घी का प्रयोग करके राहत मिल सकती है। इसके लिए एक चम्मच घी को कुछ बूंद गुनगुने पानी में मिलाकर बच्चे के शरीर पर लेप लगाएं। इस लेप को गले से लेकर चेस्ट तक अच्छी तरह से लगाएं। रात में सोते वक्त इस लेप को लगाने से बच्चे को जल्दी राहत मिलती है।

2. जावित्री और जायफल

रसोई के मसालों में मौजूद जायफल और जावित्री औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनमें एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। छाती में जमा कफ और जुकाम से निपटने के लिए जायफल और जायपत्री को बराबर मात्रा में पीसकर पीसकर शहद के साथ बच्चों को चटाने से आराम मिलता है।

3. अदरक, हल्दी और पुराना गुड़

गले में जमा कफ और बंद नाक बच्चों की परेशानी का कारण बनने लगता है। इससे निजात पाने के लिए 1 इंच अदरक को 1 चुटकी हल्दी और पुराने गुड़ के साथ दूध में उबालें। कुछ देर बॉइल करने के बाद ठण्डा करके बच्चे को पिला दें। इससे बच्चे को जल्द राहत मिलने लगती है।

Jaanein beemariyon se bachne ke liye gharelu upaay
बीमारियों से बचने के घरेलू नुस्खे। चित्र : शटरस्टॉक

4. अदरक का रस और शहद

एक्सपर्ट के अनुसार गले में होने वाली खराब को कम करने के लिए एंटी इंफलामेटरी गुणों से भरपूर अदरक का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए 1 इंच को कसकर उसका रस निकाले लें। आधा चम्मच अदरक के रस में 2 से 3 बूंद शहद की टपकाएं और बच्चे को खाने के लिए दें। ध्यान रखें कि इसका सेवन धीरे धीरे करें। अन्यथा शहद गले में चिपकने का भय रहता है।

5. मुलेठी का पानी

गले में बढ़ने वाली खराश और कफ की समस्या को दूर करने के लिए मुलेठी का सेवन अवश्य करें। इसमें मौजूद औषधीय गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखते हैं। जो विटामिन, आयरन और फासफोरस से भरपूर है। इसे चबाकर भी खा सकते हैं। इसके अलावा आधा चम्मच मुलेठी के पाउडर को पानी में उबालकर पीने से भी राहत मिल जाती है। बच्चों को 1 चौथाई कप मुलेठी का हल्का गुनगुना पानी पीने के लिए दें। इससे खांसी और चंस्ट कंजेशन की समस्या से बचा जा सकता है।

6. नमक के पानी के गार्गल

1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नमक डालकर कुछ देर गार्गल करने से भी गले में मौजूद संकमण का आसानी से कम किया जा सकता है। कफ के जमने से नाक से सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। वायु में मौजूद पॉल्यूटेंटस मौसमी तब्दीली के चलते छाती में जमने लगते हैं। ऐसे में रोज़ाना दिन में दो बार गार्गल करके गले की समस्या को सुलझाया जा सकता है।

7. अजवाइन और लहसुन का तेल

अजवाइन और लहसुन की तासीर गर्म होने से उन्हें सरसों के तेल में कुछ देर पकाकर चेस्ट और पैरों पर लगाने से बेहद फायदा मिलता है। अगर आप ओवर द कांउटर मेडिसिन से परेशान हैं, तो कुछ आसान नुस्खे इस समस्या को हल कर सकते हैं। आधा कप सरसों के तेल को अच्छी तरह से पकाकर उसमें पिसा हुआ लहसुन और 1 चम्मच अजवाइन का मिलाएं और पकने दें। इससे ठण्ड, खांसी और जुकाम की समस्या अपने आप हल हो जाती है। रात को सोते वक्त इसे लगाकर कुछ देर के लिए पंखा बंद कर दें।

ये भी पढ़ें- Chest Congestion: बढ़ता प्रदूषण और सर्दी बच्चों में बढ़ा सकती है चेस्ट कंजेशन, एक्सपर्ट बता रहे हैं सही उपचार

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

  • 141
लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख