बालों को उचित देखभाल न कमलने से जहां हेयरफॉल का सामना करना पउ़ता है, तो वहीं इससे डैंड्रफ की समस्या बढ़ जाती है। हेयरकेयर रूटीन की कमी स्कैल्प में होने वाली खुजली और रूखेपन का कारण साबित होती हैं, जो सेल्प की त्वचा को पपड़ीदार बनाकर डैंड्रफ को बढ़ा देती है। बालों में स्वच्छता की कमी पपड़ी को बढ़ा देती है। इस स्थिति से निपटने के लिए अधिकतर लोग कई तरह के शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर आप नेचुरल तरीके से रूसी की समस्या को हल करना चाहती है, तो घरेलू नुस्खे अपनाएं। जानते हैं वो टिप्स, जिनकी मदद से डैंड्रफ (How to reduce Dandruff) की समस्या होगी हल।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार जिंक पाइरिथियोन, सल्फर, सैलिसिलिक एसिड और सेलेनियम सल्फाइड जैसे तत्व स्कैल्प पर बढ़ने वाली डैंड्रफ को कम करने (How to reduce Dandruff) में मदद करते हैं। इससे बालों की रूखापन कम होने लगता है। साथ ही हेयरग्रोथ भी बूस्ट होती है। हार्मोनल बदलाव और सनबर्न के कारण होने वाले हेयरलॉस से भी बचा जा सकता है।
इस बारे में स्किन एक्सपर्ट नेहा खुराना बताती हैं कि डैंड्रफ (How to reduce Dandruff) स्कैल्प की उस स्थिति को कहा जाता है इसमें स्कैल्प की त्वचा पर रूखेपन से परत बनने लगती है, जिससे खुजली और जलन बढ़ने लगती है। इसके चलते पीले या सफेद रंग की पपड़ी के टुकड़े बालों से झड़कर कभी चेहरे, कभी पीठ, तो कभी कंधों पर गिरने लगते हैं। इससे स्कैल्प की त्वचा को नुकसान होता है। साथ ही चेहरे पर भी मुहांसों की समस्या बनी रहती है।
मलसेज़िया फंगस के साथ फंगल संक्रमण स्कैल्प डैंड्रफ की समस्या (How to reduce Dandruff) बढ़ने लगती है। इससे हर दम स्कैल्प पर खुजली का सामना करना पड़ता है। वे लोग जिनकी त्वचा और स्कैल्प ऑयली होती हैं, उन्हें भी डैंड्रफ होने का खतरा होता है। दरअसल, सीबम के बढ़ते सिक्रीशन से स्कैल्प पर गंदगी और प्रदूषकों का प्रभाव बढ़ने लगता है, जिससे एक लेयर बनने लगती है।
एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल एजेंट टी ट्री ऑयल बालों की रूसी को कम करने में मदद करता है। एलोवेरा जेल में कुछ बूंद टी ट्री ऑयल की मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करें। 5 से 10 मिनट तक स्क्रबिंग करने के बाद बालों को धो दें। जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी के अनुसार पाँच प्रतिशत टी ट्री ऑयल रूसी के उपचार में प्रभावी है। इसे नारियल तेल और जैतून के तेल जैसे केरियर ऑयल में मिलाकर इस्तेमाल करने से भी फायदा मिलता है। इसे शैम्पू में भी मिला सकते हैं।
बालों के रूखेपन को कम करने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। मेथीदाना में मौजूद प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड डैंड्रफ को कम करने में मददगार साबित होता है, जिससे बालों की स्मूदनेस बढ़ जाती है। इसके लिए मेथीदाना को रातभर भिगोकर रखें और उसके बाद अगली सुबह उसे पीसकर पेस्ट बना लें। उसमें गुड़हल की पत्तियों का लेप बनाकर मिलाएं और स्कैल्प पर लगाएं। 30 मिनट के बाद बालों को धो दें।
हेयर डैंड्रफ से बचने के लिए सल्फर युक्त प्याज का रस फायदेमंद साबित होता है। प्याज के रस में नारियल तेल मिलाकर स्कैल्प पर मसाज करने से रूसी पैदा करने वाली फंगस से राहत मिल जाती है। बालों को धोने से पहले इस मिश्रण को 30 से 40 मिनट तक स्कैल्प पर लगाकर रखें और फिर हेयरवॉश करें।
शहद त्वचा के साथ साथ बालों के लिए एक हाइड्रेटिंग एजेंट के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है। ऐसे में दो चम्मच दही में एक चम्मच शहद को मिला लें और फिर उसे सिर पर लगाएं। उंगलियों से मसाज करें और बालों को धो दें।
नींबू में जहां साइट्रिक एसिड पाया जाता है, तो वहीं नीम के पत्ते में मौजूद एंटीफंगल गुण बालों को हेल्दी और मुलायम बनाते हैं। इसके लिए नीम की कुछ पत्तियां लें और पानी में उबाल लें। कुछ मिनटों तक पानी उबलने के बाद उसे छालकर अलग कर लें और उसमें नींबू का रस मिलाएं। अब इसे बालों में लगाएं।
पोषक तत्वों से भरपूर एवोकाडो से बालों को प्रोटीन की प्राप्ति होती है, जिससे स्कैल्प की त्वचा हेल्दी और नमी युक्त बनी रहती है। इसे बालों में लगाने के लिए नर्म एवोकाडो लेकर उसे मैश कर लें और उसमें ऑलिव ऑयल डालें। अब इस पेस्ट को स्कैल्प पर लगाकर छोड़ दें और 30 मिनट तक लगे रहने दें। इसके बाद हेयरवॉश करें। सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल त्वचा को फायदा पहुंचाता है।
फॉलिकल्स की मज़बूती से लेकर स्कैल्प संक्रमण को दूर करने के लिए त्रिफला कारगर उपाय है। इससे स्कैल्प के रूखेपन को दूर करके बालों में नरिशमेंट को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए त्रिफला चूरन में बटर मिल्क मिलाकर लेप बना लें और स्कैल्प पर लगाएं। इससे हेयरलॉस से बचा जा सकता है।
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