दूध एक शिशु का पहला आहार होता है। बच्चे के पोषण के लिए दूध पर मां का भरोसा बाद तक बरकरार रहता है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी होते हैं जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं। मगर जब कभी बच्चों के सामने दूध का नाम लिया जाता है, तो वे नाक-भौं चढ़ाने लगते हैं। एक मां की इस समय सबसे बड़ी चिंता यही है कि दूध (milk for child growth) में ऐसा क्या मिलाया जाए जो उसे और पौष्टिक बना सके। अगर आप भी बाज़ार के फ्लेवर्ड पाउडर्स के ट्रेप में नहीं आना चाहतीं , तो हेल्थ शॉट्स का यह लेख आप ही के लिए है। यहां हम कुछ ऐसे सुपरफूड्स बता रहे हैं जिन्हें दूध में मिलाकर उसकी पौष्टिकता और बढ़ाई जा सकती है।
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली में पीडियाट्रिक कंसलटेंट, डॉ. रोली मुंशी, बताती हैं कि दूध लंबे समय से बड़े और मजबूत होने के साथ जोड़ा गया है। बच्चों की ग्रोथ और विकास के लिए दूध बहुत फायदेमंद होता है। इसमें निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि दूध का सेवन और बच्चों के विकास के बीच सकारात्मक संबंध आंशिक रूप से इसके द्वारा प्रदान किए गए पोषक तत्वों की विविधता के कारण है। दूध में कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक, और विटामिन A, जो बच्चों के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ दूध उत्पादों में विटामिन D भी मिलाया जाता है।
दूध एक हार्मोन, इंसुलिन-लाइक ग्रोथ फैक्टर 1 (IGF-1), के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है। IGF-1 हड्डी और मांसपेशी ऊतकों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बच्चों के विकास को बढ़ावा देने वाले पोषक तत्व प्राप्त करने का एक सस्ता और सुविधाजनक विकल्प हो सकता है। इसलिए, यह बढ़ते बच्चों के लिए एक स्वस्थ डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है।
ई-कॉमर्स कंपनियों को भारत सरकार द्वारा निर्देश दिया गया है कि ड्रिंक मिक्स पाउडर को हेल्थ ड्रिंक्स की कैटेगरी में रखकर नहीं बेचा जा सकता। इसके लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) का हवाला दिया गया है। NCPCR की जांच में पाया गया कि ये ड्रिंक्स फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) और मॉन्डेलेज इंडिया फूड प्राइवेट लिमिटेड के तय किए मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। NCPCR के पास पहले भी ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं, जिसमें कई तरह के फेमस ड्रिंक मिक्स समेत बच्चों के कई तथाकथित हेल्थ ड्रिंक्स से जुड़े खतरों को लेकर आगाह किया गया है।
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डॉ. रोली आगे जोड़ती हैं कि सिर्फ दूध पीने से ही सभी पोषण की जरूरतें पूरी नहीं होती, इसीलिए इसमें कुछ और चीजें मिलाई जा सकती हैं। जो इसके न्यूट्रिएंट्स बढ़ाने के साथ स्वाद भी बेहतर बना सकते हैं।
अगर बच्चा एक साल से ज्यादा का है, तो आप दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर उसे दे सकते हैं। शहद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं और यह बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है।
इसके अलावा 1-2 बादाम और अखरोट पीसकर दूध में मिलाने से दूध में ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन और विटामिन ई बढ़ जाते हैं, जो बच्चे की दिमागी विकास और शारीरिक ताकत के लिए अच्छे होते हैं।
हल्दी वाला दूध बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत करता है क्योंकि हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो बच्चे को संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
दूध में काजू और खजूर मिलाकर देना भी बच्चे को एनर्जी देने के साथ-साथ उनके न्यूट्रिशन को बढ़ाता है। ऐसे में इस तरह के पोषक तत्व मिलाकर आप बच्चों की ग्रोथ को अच्छी करने में मदद कर सकते हैं।
दूध में केसर के रेशे डालने से न केवल इसका स्वाद और खुशबू बढ़ती है, बल्कि यह बच्चों के लिए ऊर्जा, इम्युनिटी और पाचन स्वास्थ्य को भी सुधारता है। केसर में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो विकास और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
दूध में चॉकलेट देखकर आपका बच्चा वैसे ही खुश हो जाएगा। इसे डालने से बच्चों को ऊर्जा मिलती है और यह उन्हें स्वादिष्ट तरीके से कैल्शियम और प्रोटीन प्रदान करता है। चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
इन सुपरफूड्स को दूध में मिलाने से उसके स्वाद और पौष्टिकता में इजाफा होता है। पर अगर आपके बच्चे को दूध पीने से स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। तो हो सकता है वो लैक्टोस इनटाॅलरेंट हो। इस स्थिती में आप नारियल दूध, बादाम का दूध जैसे विकल्प अपना सकते हैं। गंभीर परिस्थितियों में डाक्टर से तुरंत सलाह लें।
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