एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर आलूबुखारे का फल लोग खाना खूब पंसद करते है। हल्की खट्टास लिए इस जूसी फल को खाने से शरीर को कई फायदे मिलते है। मगर साथ ही आलूबुखारे से तैयार तेल बालों की ग्रोथ को स्टीम्यूलेट (tips to stimulate hair growth) करने में मदद करता है। इसमें मौजूद लिनोलिक एसिड बालों को कई प्रकार से फायदा पहुंचाता है। दरअसल, बारिश के मौसम में बालों का टूटना और झड़ना जारी रहता है। ऐसे में आलुबूखारे के तेल को बालों में अप्लाई करने से फायदा मिलता है। जानते हैं आलूबुखारे के तेल के फायदे और इसे बालों में अप्लाई करने का तरीका ( Plum oil for hair)।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि प्लम यानि आलूबुखारे में बायोएक्टिव कंपाउड पाए जाते हैं। इसके अलावा आलूबुखारे में माइक्रोन्यूट्रिंएंटस (micronutrients) और एंटीऑक्सीडेंटस (antioxidants) की मात्रा पाई जाती है। पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में आलूबुखारे के तेल का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। ये स्किन और बालों दोनों के लिए कारगर है। दरअसल, इसमें रेटिनॉल और विटामिन ई की मात्रा पाई जाती है। इससे हेयरग्रोथ में मदद मिलती है और सेल्स को स्टीम्यूलेट करने में मदद मिलती है।
आलूबुखारे के तेल में नियोक्लोरोजेनिक एसिड, क्लोरोजेनिक एसिड और क्रिप्टोक्लोरोजेनिक एसिड जैसे बायोएक्टिव्स कंपाउंड पाए जाते है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके बालों के रोम की रक्षा करते हैं। इससे बालों का विकास तेज़ी से होता है।
इसमें पाई जाने वाली विटामिन ई की मात्रा स्कैल्प के लिए फायदेमंद साबित होती है। इससे त्वचा में मॉइश्चर को लॉक करके स्कैल्प के रूखेपन को दूर किया जा सकता है। आलूबुखारे (benefits of plum) के तेल को अप्लाई करने से हेयर सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ाकर हेयरग्रोथ में मदद मिलती है। इससे हेयरशाइन को रिस्टोर करने में मदद मिलती है।
रेटिनॉल यानि विटामिन ए एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है, जो आलूबुखारे के तेल में पाया जाता है। विटामिन ए सेलुलर डैमेज का कम करके बालों को टूटने से बचाता है और कोलेजन को उत्तेजित करता है। इससे बालों को मज़बूती मिलती है और सफेद बालों की समस्या को भी दूर किया जा सकता है। नियमित रूप से इसे बालों में लगाने से फायदा मिलता है।
इसमें पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम, आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है। इससे हेयरफॉल को कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद आयरन और कैल्शियम ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके बालों का रूखापन कम करता है और बालों की शाइन बरकरार रहती है।
एस्कॉर्बिक एसिड यानि विटामिन सी से स्कैल्प संक्रमण को कम करके बालों के पिगमेंट को बरकरार रखने में मदद मिलती है। इससे ग्रे हेयर्स से बचा जा सकता है और बाल हेल्दी नज़र आते है। इसके अलावा हेयर वॉल्यूम भी बढ़ जाता है। सप्ताह में 2 से 3 बार बालों में लगाने से सफेद बालों से बचा जा सकता है।
बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए आलूबुखारे के तेल में बराबर मात्रा में ऑलिव ऑयल मिला लें। अब इसे बालों की जड़ों में लगाकर बालों को गर्म गीले तौलिए से 15 मिनट के लिए बांधकर रखें। इसके बाद बालों को नेचुरल शैम्पू से धो लें। इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है।
हेयर फॉलिकल्स को स्टीम्यूलेट करके बालों के नेचुरल कलर को रिस्टोर करने के लिए आलूबुखारे के तेल की कुछ बूंदों में प्याज का रस मिला दें। अब इसे बालों के बीचों बीच लगाएं। 30 मिनट तक बालों में लगाने के बाद बालों को धो दें।
चावल के पानी में कुछ बूंद प्लम ऑयल की मिलाकर स्प्रे बॉटल में डालें। बालों को धोने से पहले इससे बालों में स्प्रे करें। इससे स्कैल्प हाइड्रेट बना रहता है और बालों में बढ़ने वाली रूसी को भी कम किया जा सकता है।
स्पिल्ट एंडस की समस्या को हल करने के लिए 1 चम्मच आंवले के पाउडर में आवश्यकतानुसार पानी और कुछ बूंद प्लम ऑयल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब इस मास्क को बालों में अप्लाई कर लें। इससे बाल मुलायम और ग्लोई नज़र आने लगते है। साथ ही स्पिल्ट एंडस से बचा जा सकता है।