आप सभी जानते हैं कि नींद कितनी जरूरी है? रात की बेहतर नींद सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई सारे लाभ आपको देती है। औसतन आपको हर दिन सात से नौ घंटे सोना चाहिए। ताकि आपका शरीर अगले दिन ठीक से काम कर सके।
जब आप सो रहे हैं, तो आप अपने शरीर को खुद को रिपेयर करने का टाइम देते हैं। यह आपको अगले दिन तैयार करता है। लेकिन जब आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती तो आप चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाते हैं।
अगर आपको लगता है कि रात की अधूरी नींद आपको सिर्फ आंखों के नीचे सूजन यानी आई बैग्स देती है, तो आप बिल्कुल गलत हैं। बल्कि इसके और भी बहुत सारे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। पर्याप्त नींद न लेने से आपका शरीर और दिमाग दोनों थकावट का अनुभव करते हैं। जिससे आपको अपने दैनिक कार्यों को करने में कठिनाई होती और आपकी परफॉर्मेंस भी उतनी बेहतर नहीं हो पाती। इससे आप में गुस्सा भी बढ़ सकता है। हां, नींद की कमी आपको कई बीमारियां देने के साथ-साथ आपके गुस्से में भी इजाफा कर सकती है।
नींद की कमी से भावनात्मक नियंत्रण को कमजोर करती है। जिससे आप में थकान, चिंता, अवसाद, क्रोध और नकारात्मक भावनाओं में बढ़ोतरी होती है। जिससे आप में चिड़चिड़ापन आ जाता है। यह आपको अधिक संवेदनशील बना सकता है और आपको आक्रामक होने के लिए ट्रिगर कर सकता है।
मस्तिष्क का एक क्षेत्र-अमिगडाला ‘फाइट या फ्लाइट’ रिएक्शन के लिए ज़िम्मेदार होता है। जब आप में नींद की कमी होती है तो यह आसानी से ट्रिगर हो जाता है। जिससे आप छोटी-छोटी बात पर भी झगड़ने पर आमादा हो जाते हैं। जर्नल ऑफ रिसर्च इन पर्सनेलिटी में प्रकाशित एक अध्ययन में पहली बार यह सामने आया कि नींद की कमी आपके गुस्से को और बढ़ा देती है।
आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी से 2018 में हुए शोध और एक्सपेरीमेंटल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दिखाया गया है कि रात में नींद ठीक से न ले पाने से आप में गुस्सा बढ़ जाता है और आप तनाव देने वाली स्थितियों के साथ ठीक से सामंजस्य नहीं बैठा पाते।
जर्नल ऑफ एडोल्सेंट हेल्थ में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में यह भी पाया गया कि नींद की कम मात्रा और खराब गुणवत्ता आपको आक्रामक बना सकती है।
सबसे पहले आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप अच्छी तरह से आराम करें। इसके बाद, यह जानने की कोशिश करें कि कौन सी चीजें आपका गुस्सा बढ़ाती हैं। इसके बाद खुद के गुस्से को नियंत्रित करने के लिए आप कुछ और चीजें भी कर सकते हैं:
किसी भी टकराव से बचने का प्रयास करें जो आपको आगे चलकर फ्रस्टेट कर सकता है। इसके अलावा, ऐसे किसी भी कार्य से बचें जो आपकी पेशेंस को टेस्ट करे।
यदि कोई ऐसा कार्य है जिसे करना बहुत जरूरी है, तो एक कप कॉफी लें। इसमें मौजूद कैफीन नींद से लड़ता है और आपके मस्तिष्क की सतर्कता में सुधार कर सकता है, जिससे आप थोड़ा शांत महसूस करेंगी। लेकिन दिन ढलने के बाद कैफीन से बचें, क्योंकि यह आपके स्लीप साइकल को प्रभावित कर सकता है।
हां यह सच है, दिन में केवल 20 मिनट की झपकी आपके मस्तिष्क और शरीर को तरोताजा करने में मददगार हो सकती है।
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