पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Ex Prime Minister Dr. Manmohan Singh) पिछले कुछ दिनों से बीमार हैं। उन्हें बुखार के बाद कमजोरी की शिकायत पर दिल्ली के एम्स (AIIMS) में भर्ती करवाया गया। जहां उनका उपचार किया जा रहा है। पर इसी दौरान उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। जिस पर परिवार ने आपत्ति दर्ज की और इसे निजता में हनन का मामला बताया।
जी हां, आपकी सेहत और आपकी उपस्थिति पूरी तरह से आपकी निजता का मामला है। ऐसे समय में जब हम डिजिटल दुनिया के पंखों पर सवार होकर एक-दूसरे के लाइक, कमेंट से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं तब आपको जानना चाहिए कि सेहत के मामले में कहां शुरू होती है निजता की सीमा रेखा।
समाचार एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले बुधवार को 89 वर्षीय डॉ. सिंह को एम्स के कार्डियो-न्यूरो केंद्र के निजी वार्ड में भर्ती कराया गया था। डॉक्टर नीतीश नाइक के नेतृत्व में ह्रदय रोग विशेषज्ञों की टीम उनकी देखभाल कर रही है।
डॉ. सिंह को सोमवार को बुखार आ गया था और वह उससे उबर भी गए थे। मगर उन्हें कमजोरी महसूस होने लगी थी और वह केवल तरल चीजों का सेवन कर पा रहे थे। जिसके कारण उनके परिवार और शुभचिंतकों की चिंता बढ़ गई। हालांकि एम्स के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पूर्व पीएम की हालत स्थिर है और सेहत में सुधार हो रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया पूर्व प्रधानमंत्री का हाल जानने एम्स गए और उनके जल्दी स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने इस आशय का एक ट्वीट भी किया, जिसमें डॉ. सिंह की फोटो भी पोस्ट की गई।
इस पर डॉ. सिंह की बेटी दमनदीप सिंह ने आपत्ति जताई और कहा कि मेरे पेरेंट्स वरिष्ठ नागरिक हैं, किसी चिड़ियाघर में मौजूद जानवर नहीं। इस तरह सोशल मीडिया पर उनकी फोटो आना परिवार की निजता का हनन है।
डॉ. सिंह देश की जानी-मानी शख्सियत हैं। उनके बारे में लोग चिंता करते हैं और जानना चाहते हैं। पर उनकी बेटी दमनदीप सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट के बाद यह सवाल उठाया जाने लगा है कि क्या सेहत के बारे में सूचना और निजता की सीमा रेखा आखिर कहां से शुरू होती है। इस पर हमने फोर्टिस हेल्थ केयर में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. कामना छिब्बर से बात की।
डॉ. कामना कहती हैं, “जब आपके स्वास्थ्य से संबंधित मामलों का खुलासा करने की बात आती है तो आपको अपने विवेक के आधार पर यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि आपके लिए क्या सुविधाजनक है। अक्सर व्यक्ति ऐसी जानकारी देने या साझा करने का दबाव महसूस करते हैं, जो उनके कल्याण की भावना से समझौता कर सकती है। परिणामस्वरूप आप इसके बाद परेशान या तनावपूर्ण महसूस करने लगते हैं।“
वे आगे कहती हैं, “आपको अपने स्वास्थ्य से संबंधित पहलुओं को साझा करने या चर्चा करने के लिए अपने आराम, पारस्परिक संबंध और तालमेल की प्रकृति के आधार पर चुनाव करना चाहिए।“
सामाजिक समर्थन निस्संदेह एक अभिन्न पहलू है, जो आपके स्वास्थ्य में योगदान करता है, लेकिन समर्थन ऐसे लोगों से आना चाहिए जिन पर आपको लगता है कि आप भरोसा कर सकते हैं।
“एक और पहलू जो प्रभावित कर सकता है वह यह है कि जरूरत से ज्यादा शेयरिंग। टू मच शेयर या अति साझाकरण आपके दिमाग में चीजों की ओवरडोज कर सकता है। स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए जहां चीजों को शेयर किया जाना जरूरी है, वहीं जरूरत से ज्यादा शेयरिंग आपके मूड और एक्टिविटीज को प्रभावित कर सकती है। जिससे आप नकारात्मकता के शिकार हो सकते हैं।“
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कस्टमाइज़ करेंहालांकि परिवार की आपत्ति के बाद फोटो सोशल मीडिया से हटा ली गईं हैं। अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. मनमोहन सिंह की तबियत अब स्थिर बताई जा रही है। पर दमनदीप सिंह की पोस्ट ने हम सभी को यह सोचने पर मजबूर जरूर किया है कि सेहत और शेयरिंग के मामले में हर एक निजता का सम्मान करना जरूरी है।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि किसी की निजी सहमति के बगैर उसके बारे में कोई भी सूचना या फोटो सोशल मीडिया पर शेयर न करें। हो सकता है जो बात आपको शेयर करके और लोगों तक पहुंचाने के लिए जरूरी लग रही हो,वही किसी अन्य के मानसिक या शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाले।
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