जब हमारे परिवार में कोई नया सदस्य जुड़ता है, तो न केवल हमारी दिनचर्या और जीवन शैली, बल्कि हमारे विचारों और भावनाओं में भी व्यापक परिवर्तन आ सकता है। एक छोटे-से बच्चे के अनुसार हमारा जीवन चलने लगता है। उसकी देखभाल की हमें हमेशा चिंता करनी पड़ती है। बच्चे के जुड़ने से पार्टनर के साथ हमारे संबंध भी बदल जाते हैं।
यहां कुछ तरीकों का राउंडअप दिया गया है। इससे पता चलता है कि एक बच्चे के आने से हमारा रिश्ता कितना बदलता है।
एक नए सदस्य के जुड़ने के बाद अधिकांश जोड़े एक-दूसरे के साथ शारीरिक अंतरंगता की कमी से पीड़ित हो सकते हैं। यह अक्सर इसलिए होता है, क्योंकि पेरेंट्स छोटे बच्चे की देखभाल करने के दौरान थक जाते हैं। वे दूसरी शारीरिक गतिविधियों में संलग्न होने के लिए एनर्जेटिक नहीं महसूस पाते हैं।
इसके कारण पार्टनर के बीच भावनात्मक समझ के स्तर में कमी आ सकती है। इससे दोनों के बीच लड़ाइयां भी हो सकती हैं।
इससे निपटने का आप एक तरीका अपना सकती हैं। पार्टनर के साथ अकेले समय बिताने के लिए अवसर तलाशें। इसमें आप अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से भी मदद ले सकती हैं। यह मत भूलें कि शारीरिक अंतरंगता स्वस्थ रिश्ते का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
नए बच्चे को निरंतर देखभाल की आवश्यकता होती है। इसके लिए किसी एक का लगातार लगे रहना थकाऊ हो सकता है। दोनों पार्टनर को यह समझने की जरूरत है कि बच्चे केवल एक माता-पिता की जिम्मेदारी नहीं हो सकते हैं। वे दोनों की जिम्मेदारी हैं।
पार्टनर के रूप में घर के कामों के साथ-साथ बच्चे के काम को भी आधे में विभाजित किया जा सकता है। एक टीम के रूप में काम करने के लिए एक-दूसरे की मदद बहुत जरूरी है। जब आपके पार्टनर आपकी हर कदम पर मदद करने लग जाते हैं, तो भविष्य में आने वाले अन्य बड़े बदलावों से निपटने में भी उनकी इस आदत से आपको मदद मिलेगी।
शारीरिक और भावनात्मक पहलुओं में अचानक बदलाव और बच्चे की देखभाल के कारण नई मां अक्सर गर्भावस्था के बाद के अवसाद से गुजरती हैं।
मां के प्रति अधिक चौकस रहकर पार्टनर उनकी मदद कर सकते हैं। यदि पार्टनर के रूप में आप इस आलेख को पढ़ने वाले पुरुष हैं, तो जान लें कि नई मां की पसंद का भोजन और देखभाल करके जहां तक संभव हो सके, उन्हें सभी कामों से एक दिन की छुट्टी देकर उन्हें संपूर्ण आराम दे सकते हैं।
यदि आपको लगता है कि आपके रिश्ते में बहुत अधिक तनाव है या आपके पार्टनर के मेंटल हेल्थ में कोई सुधार नहीं हुआ है, तो किसी पेशेवर से सलाह भी ले सकती हैं। आप उनसे नई जीवनशैली में बदलाव के बारे में बात कर सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंएक बच्चा निश्चित रूप से दिन के एक बड़े हिस्से का उपयोग कर लेता है। यदि थाेड़ी देर भी आपको समय मिलता है, तो आप कुछ और करने की बजाय सोना चाहेंगी। इस कारण आप शायद ही कभी अपने लिए समय निकाल पाती हैं। इससे आप भारी थकान महसूस कर सकती हैं और आराम की भी तलाश करेंगी।
निराश महसूस करने या चिंतित होने की बजाय आप अपने पार्टनर से मदद लें और इस समय का सदुपयोग अपने रुचि के काम के लिए करें। थोड़ी-बहुत एक्सरसाइज कर लें या वॉक पर चली जाएं या फिर मेडिटेशन के लिए समय निकाल लें।
मैं एक टीनएजर की मां हूं। मैं हर दिन अपनी गलतियों से सीख रही हूं। वास्तव में पेरेंट्स बनना चुनौतीपूर्ण है। लगातार परिवर्तन होते रहते हैं और आप गलतियां भी करती रहती हैं। गलतियां सीखने और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सीख देती हैं। जीवन यात्रा के दौरान आपको अपने प्रति सच्चा रहना होगा। जीवन में निरंतर छात्र बन कर सीखना और याद रखना होगा।