दुनिया भर में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो प्रोफेशनल रेट रेस के बावजूद ‘ज़ेन स्टेट ऑफ माइंड’ पाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने रोजमर्रा के तनाव के साथ इस तरह सामंजस्य बैठा लिया है, कि खुश और तनावमुक्त रहना बहुत आसान हो गया है।
नहीं, हम किसी बौद्ध भिक्षु की बात नहीं कर रहे हैं, जिसने ध्यान लगाने का गहन प्रशिक्षण लिया है, बल्कि यह मेरे और आपके जैसे आम जन की बात है। जिन्होंने अनुशासन, सद्भाव और ज़ेन के सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात किया है।
‘ज़ेन स्टेट ऑफ माइंड’ यानी मन को शांत अवस्था में ले जाने के लिए आपको न तो अपने कॅरियर को छोड़ने की जरूरत है और न ही अपने जीवन को पूरी तरह से बदल देने की जरूरत है, बल्कि इस तरह आप खुद को रोजमर्रा के तनाव और जिम्मेनदारियों के बीच भी कूल रख पाती हैं।
मन की ज़ेन स्थिति को पा लेने के बाद आप अपनी फेवरिट कॉफी या प्रिय पुस्तक के उन भावुक नोट्स को और ज्यादा गहनता से एन्जॉय कर पाती हैं, जिन्हें हर रोज की भागदौड़ के कारण आप अभी तक नहीं कर पा रहीं थीं। एलन वाट्स अपनी पुस्तक ‘द वे ऑफ़ ज़ेन’ में लिखते हैं, यह आपको खुशियों को महसूस करने से रोकता नहीं है, बल्कि यह आपको खुद को खुश महसूस करवाने की कोशिश करता है।
अगर आप भी मन को ऐसी ही ज़ेन अवस्था में ले जाना चाहती हैं, तो हमारे ये टिप्स कर सकते हैं आपकी मदद –
जैसे आपको कुछ भी लिखना शुरू करने के लिए एक साफ पेज की जरूरत होती है, वैसे ही ‘ज़ेन स्टेट ऑफ माइंड’ तक पहुंचने के लिए आपको एक साफ दिमाग (और साफ स्थान) की जरूरत होती है। सबसे पहले अपनी डेस्कक और कमरे पर नजर डालें और उन चीजों को हटा दें, जिनकी आपको बिल्कुल जरूरत नहीं है। ऐसा ही एक सख्त रवैया अपने डेली शेड्यूल पर भी रखें और उन चीजों को अपने रूटीन से बाहर कर दें, जिनका आपके जीवन में वाकई कोई मतलब नहीं है। (जैसे सोशल मीडिया पर माइंडलेस स्क्रॉलिंग)। अपने बैंक अकाउंट, मोबाइल और इनबॉक्स पर भी एक नजर डालें और उन अनावश्यसक सब्सक्रिप्शन से खुद को बाहर कर लें जो बेवजह आपके पास कचरा बढ़ा रहे हैं।
टेबल पर पड़े कचरे को हटाना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल है दिमाग में पड़े बेकार कचरे को बाहर निकालना। हमें इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि अपने आसपास की घटनाओं और लोगों के कारण हम अपने दिमाग को कितने सारे अनुभवों और आवाजों से भर देते हैं। मन की एक ज़ेन स्थिति को प्राप्त करने के लिए, आपको मानसिक अव्यवस्था को साफ़ करने की आवश्यकता है। उन लोगों से धीरे-धीरे अलग हो जाइए, जो आपको डाउन करते हैं। गपशप में बर्बाद होने वाले टाइम को सीमित करें और नकारात्मक विचारों से दूर रहने की कोशिश करें।
यह आपको अपनी मम्मीे की हर बार दी जाने वाली सीख की तरह लग सकता है, पर इसका यह मतलब नहीं कि यह गैरजरूरी है। कुछ भी करने से पहले अच्छी तरह सोचना ज़ेन सिद्धांतों का एक जरूरी हिस्सा है। क्योंकि इस तरह आप किसी भी स्थिति का अच्छी तरह मूल्यांकन कर पाते हैं और उसके बाद होने वाली प्रतिक्रियाओं के बारे में भी समझ पाते हैं। किसी के तर्क या शब्दों के जाल में फंसने की बजाए आप सोच-समझ कर निर्णय लें। आप खुद तय करें कि आपको किसी भी मसले पर कैसे प्रतिक्रिया देनी है।
यह इतना मुश्किल भी नहीं है। अपने डेस्क से 10 मिनट का ब्रेक लेना आपके काम पर किसी तरह का नकारात्म्क असर नहीं डालेगा। आंखों को स्क्रीन से हटाएं, आंख बंद करके अपने आप को महसूस करें, थोड़ी देर उठें, बाहर टहलें, एक या दो मिनट तक गहरी सांस लें। काम से थोड़ी देर ब्रेक लेने या ध्यान करने का अर्थ है कि आप अपने आप में मौजूद हैं, इसे महसूस करने के लिए थोड़ा सा समय निकालना।
आखिरी बात
अपने हर दिन को एक फिल्म की तरह देखें- आप किस मूमेंट पर खुद को पॉज देना चाहेंगी, या स्लो मोशन में आगे बढ़ना चाहेंगी? तब जब सुबह का रिफ्रेशिंग कप आपके हाथ में है या तब जब आप अपने काम में खूब गहनता से डूबी हुईं हैं। अपने बारे में खुद फैसले लें और आगे बढ़ें।
एक सुंदर अल्प विराम, खुद के लिए।
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