किशोरावस्था (teenage) एक अनूठा और रचनात्मक समय हैं। ऐसे समय में बच्चे कई शारीरिक, मानसिक और सामाजिक बदलाव से गुजरते हैं। अगर आपके घर में कोई बच्चा अपने टीनएज लाइफ (teenage life) को जी रहा हैं, तो आपको उनके व्यवहार में बदलाव जरूर दिखता होगा। तुरंत गुस्सा होना, खुश होना, चिढ़ जाना, रोने लगना, जिद करना, आदि ऐसे सामान्य व्यवहार लक्षण हैं। भले ही मूड स्विंग सामान्य हैं लेकिन ये लक्षण कभी भी बच्चें के मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
माता-पिता और घर के लोगों को उनके व्यवहार पर नजर रखने के साथ-साथ उम्र के इस नाजुक पड़ाव को पार करने में मदद करनी चाहिए। इसके लिए हम बता रहें है कुछ संकेत और उपाय।
राष्ट्रीय सर्वेक्षण (National Survey Data) के आंकड़ों के नए विश्लेषण के अनुसार, जब अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शेयर करने की बात आती हैं, तो मूड डिसऑर्डर (mood disorder) वाले टीनेजर के लिए यह कठिन समय होता हैं। नेशनल अलायंस ऑन मेंटल इलनेस (NAMI) की ओर से द हैरिस पोल द्वारा 2021 का मूड डिसऑर्डर सर्वे (mood disorder survey) किया गया था। टीनेजर्स को अपने मूड का इलाज करने के निर्णय और उससे जुड़ी बदनामी के बारे में अधिक चिंता का अनुभव होता है। जब वे इलाज की तलाश करते हैं, तो उन्हें सस्ती, पेशेवर देखभाल तक पहुंचने में अधिक कठिनाई होती है।
NAMI के मुख्य चिकित्सा अधिकारी केन डकवर्थ, एमडी ने कहा, “बहुत से टीनेजर मानसिक विकार विकसित कर लेते हैं। इसके साथ ही वे युवा जो अपने जीवन के ऐसे समय में होते हैं जब वे अपने दम पर जीने, करियर शुरू करने और परिवार शुरू करने के बारे में सोचते हैं, उन्हे भी मानसिक दबाव का सामना करना पड़ता हैं।”
केन डकवर्थ कहते हैं, “वे अक्सर शर्म के प्रति गहराई से संवेदनशील होते हैं। मानसिक बीमारी, उपचार के विकल्पों के बारे में काल्पनिक विचार और देखभाल की लागत से अंधे हो जाते हैं, जो एक महत्वपूर्ण बाधा हो सकती है।”
किसी व्यक्ति में मेंटल डिसॉर्डर का पता लगाने के लिए, चिकित्सक आमतौर पर उदास मनोदशा, शॉक या डिप्रेशन की तलाश करते हैं। हालाँकि, किशोरावस्था (teenage) में, ये संकेत उनके बदलते ग्रेड, दोस्तों में अरुचि या चिड़चिड़ापन के रूप में दिखाई दे सकते हैं।
इसके अलावा, कुछ लक्षण यह स्पष्ट करते हैं कि व्यक्ति मानसिक विकारों से जूझ रहा हैं:
नींद में बदलाव
लगातार गिल्टी महसूस करना
ऊर्जा स्तर में कमी
एकाग्रता में कमी
भूख ना लगना
प्रेरणा का स्त्रोत ना मिल पाना
आत्महत्या के विचार
यदि किसी व्यक्ति ने कम से कम दो सप्ताह के लिए लगभग हर दिन इनमें से पांच लक्षणों का अनुभव किया है, तो उसे डिप्रेशन या अन्य मानसिक विकार हो सकता है।
सामान्य एंग्जाइटी: दैनिक मामलों के बारे में अत्यधिक चिंता
सामाजिक भय: सोशल सर्कल में फिट ना होना और असुरक्षा की गंभीर भावनाएं
डिप्रेशन: उदासी, चिंता, या खालीपन की लगातार भावनाएं
12 से 17 साल के बच्चों में यह कुछ आम बीमारियां पाई हाती हैं।
किशोरों में मानसिक बीमारी के इलाज के लिए कई विकल्प हैं, जिनमें शामिल हैं:
तनाव की पहचान करना, जैसे पर्याप्त नींद न लेना, भोजन छोड़ना, या आम तौर पर दिन-प्रतिदिन की दिनचर्या की कमी, आदि। कारण का पता लगाने के बाद उनका उपचार करना।
काउंसेलिंग (Counselling), जिसे अक्सर दवाओं के साथ जोड़ा जाता है।
घर में खुशी का माहौल बनाना। यह निश्चित करें कि अपने बच्चों पर ग्रेड या अन्य प्रकार का कोई दबाव ना डालें।
उनकी भावनाओं को पूरी तरह समझे और समर्थन करें।
तो इस विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर यह प्रण लें कि खुद को और परिवार के लोगों को मेंटल डिसॉर्डर से पीड़ित नहीं होने देंगे!
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