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Work from Home: आपको कोरोनावायरस के साथ-साथ तनाव से भी बचा रहा है

जर्मनी में हुए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया कि घर से काम करते हुए लोगों ने कम तनाव महसूस किया और परिवार के साथ उनके संबंध पहले से बेहतर हुए।
Updated On: 8 Jan 2021, 10:41 am IST
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घर पर ही अपने लिए एक वोर्किंग स्पेस मेन्टेन करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

क्या आप भी ऑफिस की कॉफी, साथियों की गपशप और घर से दफ्तर तक की यात्रा मिस कर रहीं हैं? दरअसल वर्क फ्रॉम होम करते हुए ज्यादातर का हाल ऐसा ही है। पर आपकी सेहत कुछ और ही कह रही है। जर्मनी में हुए एक सर्वेक्षण में यह सामने आया कि घर से काम करते हुए लोगों ने कम तनाव महसूस किया और परिवार के साथ उनके संबंध पहले से बेहतर हुए।

कोविड-19 के कारण दुनिया भर में लॉकडाउन चल रहा है। इसमें स्कूल-कॉलेज ही नहीं दफ्तर भी बंद हैं। भारत में अनलॉक 2.0 होने के बावजूद ज्यादातर लोग घर से ही काम कर रहे हैं। इस अभ्यास से वे खुश भी हैं। घर से काम करने के दौरान कर्मचारियों में तनाव कम और उनकी काम की उत्पादकता बेहतर दिखाई दे रही है। हालांकि, कर्मचारी ऑफिस के माहौल और सहयोगियों काफी याद करते हैं। जर्मनी में हाल ही में किए गए एक शोध में यह खुलासा हुआ है।

75 फीसदी लोग खुश हैं घर से काम करके

जर्मनी के रिसर्च इंस्टीट्यूट ने 7,000 लोगों पर एक सर्वेक्षण किया गया। इस सर्वेक्षण में सामने आया कि 75 फीसदी लोग नए कामकाजी अभ्यास से बेहद खुश हैं। इससे वे खुद को ज्यादा स्ट्रेस फ्री महसूस कर रहे हैं, जिससे उनकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है। कोरोनावायरस महामारी के कारण दुनियाभर में ज्यादातर लोग घर से ही काम कर रहे हैं।

लोगों ने बताया कि इस दौरान उन्‍होंने कम तनाव महसूस किया। चित्र: शटरस्‍टॉक

परिवार के साथ अच्छा संतुलन

आईजीईएस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए शोध में 7,000 कर्मचारियों पर सर्वे किया गया है। महामारी से पहले और बाद में घर से काम करने के प्रति इनके व्यवहार को देखा गया। शोध में पाया गया है कि घर से काम करने के दौरान कर्मचारियों में तनाव कम हुआ, उनके कामकाज की उत्पादकता बढ़ी और उन्हें परिवार व कामकाज में संतुलन बिठाने में भी आसानी हुई। इस दौरान उनके परिवार और बच्चों के साथ संबंध बेहतर हुए।

75 फीसदी लोग नए कामकाजी अभ्यास से इतने खुश थे कि उन्होंने कहा कि वे महामारी के बाद भी इसे जारी रखना चाहते हैं। हालांकि, सर्वे किए गए लोगों में से आधे लोगों ने कहा कि उनके निजी क्षेत्र में उनके पेशेवर जिंदगी के प्रवेश से उन्हें काफी परेशानी हुई। सर्वे में 75 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपने कार्यालय के सहयोगियों को बहुत याद करते हैं।

कुछ लोगों के लिए वर्क फ्रॉम होम उनके निजी स्‍पेस में दखल लग रहा है। चित्र: शटरस्‍टॉक

तनाव में आई कमी

शोध में देखा गया कि जर्मनी में घर से काम करने के दौरान तनाव महसूस करने वाले लोगों की संख्या 21 फीसदी से घटकर 15 फीसदी हो गई। महामारी के कारण घर से काम करने की पद्धति को बढ़ावा दिया गया। जिन्होंने कभी तनाव महसूस नहीं किया उनकी संख्या भी 9 फीसदी तक बढ़ी और 48 से बढ़कर 57 फीसदी हो गई।

प्रमुख शोधकर्ता एंड्रियस स्ट्रॉम ने कहा, घर से काम करने से न सिर्फ वायरल संक्रमण का खतरा कम हुआ, बल्कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर हुआ। उन्होंने कहा कि कंपनियों को इस शोध के परिणामों पर ध्यान देना चाहिए और महामारी के बाद अपने कर्मचारियों और वर्क मॉड्यूल पर सही फैसला लेना चाहिए।

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स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

खैर, वाकई कुछ लोग घर से काम करके खुश हैं। यात्राओं में बर्बाद होने वाले समय की तो बचत हुई ही है। यह संक्रमण का बचाव का भी अच्छाॉ तरीका है। पर वर्क फ्रॉम बर्नआउट के शिकार लोग भी कम नहीं हैं। अब ये आप पर हैं कि आप इस न्यूा नॉर्मल को कैसे डील करते हैं।

(पीटीआई से प्राप्‍त इनपुट के साथ)

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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