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Women’s Health Month : पीरियड का मतलब डाउन होना नहीं है, जानिए क्यों जरूरी है इस शब्द को छोड़ देना

जब आप अपनी नैसर्गिक समस्याओं के लिए नकारात्मक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है और आप पहले की तुलना में ज्यादा मूड स्विंग्स का अनुभव करती हैं।
पीरियड के लिए कभी डाउन शब्द का इस्तेमाल नहीं करें और लोगों को भी बताएं । चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 15 May 2023, 18:44 pm IST
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अक्सर महिलाएं अपनी हेल्थ को लेकर लापरवाह होती हैं। जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए अक्सर वे अपनी समस्याओं को इग्नोर करती हैं। वे उन्हें परेशानी बढ़ाने वाला मान लेती हैं। या फिर उसके लिए अपराधबोध से भी घिर जाती हैं। पीरियड के दौरान वे क्रेम्प्स (Period Cramps), ब्लोटिंग (Period Bloating) और हेवी फ्लो (Heavy flow) से गुजर सकती हैं। यही वजह है कि वे कई बार इस तरह की टर्म्स का इस्तेमाल करती हैं, जो बताता है कि वे इस स्थिति को लेकर झिझक रहीं हैं। जैसे पीरियड के लिए डाउन होना। एक विशेषज्ञ से जानते हैं क्यों जरूरी है इस तरह के संकोच (period shame) और अपराध बोध से बाहर आना।

खुल कर बातचीत करनी चाहिए

गायनेकोलोजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार कहती हैं कि हर महिला को अपने अंगों और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के प्रति जागरूक होना चाहिए। सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी किसी भी समस्या के प्रति गिल्ट पालने की बजाय समस्याओं को स्वीकार कर उन पर खुल कर बातचीत भी करनी चाहिए।

विमेंस हेल्थ मंथ (Women Health Month-May)

यूं तो हर महीने महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। समय-समय पर उन्हें स्वास्थ्य जांच भी अवश्य करानी चाहिए। साल भर में एक बार तो यह कार्यक्रम जरूर होना चाहिए। अ प्रोग्राम ऑफ़ द अमेरिकन सेक्सुअल हेल्थ आर्गेनाईजेशन महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और सर्विकल कैंसर से बचाव का प्रयास करने के लिए मई महीने को विमेंस हेल्थ मंथ घोषित किया।
अमेरिका ((Women Health Month in America)के साथ-साथ भारत (Women Health Month in India) में भी अब मई महीने को विमेंस हेल्थ मंथ (Women Health Month) घोषित किया गया है। इस महीने में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत के बारे में बताया जाता है।

क्यों करती हैं महिलाएं पीरियड के लिए डाउन शब्द का इस्तेमाल

गायनेकोलॉजिस्ट और सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में महिलाओं से पूछती हैं, आपमें से ज्यादातर महिलाएं पीरियड स्टार्ट होने पर ऐसा क्यों कहती हैं, ‘ मैं डाउन हो गई हूं। क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? यह मुहावरा कहां से आया? हम लोग इस शब्द का इसलिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि हर दूसरी महिला पीरियड के लिए इस शब्द का प्रयोग करती है।

पीरियड को गर्व के साथ स्वीकार करें और इसके बारे में लोगों को भी बताएं।। चित्र : शटरस्टॉक

क्या हम देखा-देखी में ऐसा करते हैं या पीरियड शब्द का इस्तेमाल करने से डरते हैं? क्या सचमुच क्रेम्प्स, ब्लोटिंग, हेवी फ्लो और मूड स्विंग के कारण महिलाएं इस शब्द का प्रयोग करती हैं?

स्वास्थ्य समस्या से अधिक गिल्ट फील का असर (Guilt feel) 

ज्यादातर महिलाएं जिनसे डॉ. अंजलि कुमार ने बात की, उन्होंने जवाब दिया कि इस दौरान वे डाउन फील नहीं करती हैं। उन्हें सिर्फ इस बात का एहसास होता है कि पीरियड के कारण उनके सभी काम में बाधा आएगी। उनका काम रुक जाएगा, इसलिए पीरियड के लिए डाउन शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।

समस्याओं को स्वीकार करें और खुलकर बताएं (talk on period) 

वास्तव में मेंस्ट्रुएशन साइकिल या पीरियड पर ही सेक्सुअल हेल्थ टिका हुआ है। इसके कारण ही एम्ब्रायो बन पाते हैं। इसके कारण ही प्रेगनेंसी सक्सेस हो पाती है और एक नया जीवन आ पाता है। इसलिए हम इसे बाधा के रूप में क्यों मानें। इसे गर्व के साथ स्वीकार करें और इसके बारे में लोगों को भी बताएं।
अगली बार जब आप पीरियड होंगी, तो यह न कहें-मैं डाउन हूं। आप अच्छी भावना महसूस करते हुए कहें- इन दिनों मेरा पीरियड चल रहा है

स्पोटिंग के लिए एंग्जायटी सही नहीं है (period shame)

कई बार पीरियड के दौरान अनएक्सपेक्टेड स्पोटिंग भी हो जाती है। डॉ. अंजलि कहती हैं स्पोटिंग देखकर भी महिलाएं घबरा जाती हैं। उन्हें यह नियमित पीरियड के अनुकूल नहीं लगता है। संभव है कि कभी-कभार अनपेक्षित ब्लीडिंग का अनुभव होने लगता है। इसके लिए एंग्जायटी या डिप्रेस फील करना सही नहीं है

पीरियड के दौरान कभी-कभार अनपेक्षित ब्लीडिंग का अनुभव होने लगता है। चित्र : शटरस्टॉक

यह सोचें कि आप अकेली नहीं हैं, जिसे अनपेक्षित ब्लीडिंग हो रही है। इस सामान्य घटना के पीछे के तथ्यों को जानने की कोशिश करें। यह समझना जरूरी है कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए क्या मायने रखता है। यदि यह समस्या का रूप ले रहा है, तो गायनेकोलोजिस्ट से मिलने में देरी नहीं करें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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