अल्जाइमर्स के रिस्क को भी कम कर सकता है योग का नियमित अभ्यास, यहां हैं ब्रेन के लिए 3 जरूरी आसन
अल्ज़ाईमर एक ऐसा रोग है जो व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करने का काम करता है। नींद न आना, चीजें रखकर भूल जाना और छोटी छोटी बातों को लेकर परेशान होना। इस रोग के प्राथमिक लक्षण हैं। एनसीबीआई के मुताबिक इस वक्त विश्वभर में 50 मीनियल लोग इस रोग से ग्रस्त हैं। रिसर्च में पाया गया है कि हर 5 साल बाद से आंकड़ा दो गुना हो जाता है। ऐसे में साल 2050 तक 152 मीलियन लोगों के अल्ज़ाइमर से ग्रस्त होने की संभावना जताई जा रही है। इस रोग से ग्रस्त अधिकतर लोगों की उम्र 60 से ज्यादा पाई गई है। इस समस्या से बाहर आने के लिए योगासन एक बेहतरीन उपाय है। जानते हैं किन योगासनों के ज़रिए इस समस्या को सुलझाया जा सकता है (Yoga poses for Alzheimer)।
इस बारे में योग गुरू आचार्य प्रतिष्ठा का कहना है कि योगाभ्यास के ज़रिए मस्तिष्क, सांस और दिमाग में सही तालमेल बैठाया जा सकता है। ऐसे में योग का निरंतर अभ्यास ज़रूरी है।
जानते हैं वो योगासन जो हमें अल्ज़ाइमर की समस्या से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
1. पश्चिमोत्तानासन योग
अल्ज़ाईमर और मानसिक तनाव को दूर करने में प्रभावी पश्चिमोत्तानासन को करने से शरीर में उर्जा का संचार होता है। इसे नियमित तौर पर करने से नींद न आना और तनाव जैसी समस्याएं दूर होने लगती है। इससे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। साथ ही मस्तिष्क में पूर्ण रूप से ब्लड फ््लो होने लगता है। ऐसे में इस योग का अभ्यास दिन में दो बार करें।
योग को करने की प्रक्रिया
इसे करने के लिए मैट पर बैठ जाएं। अब टांगों को सीधा कर लें। योग को करने के दौरान पंजों से लेकर घुटनों तक सीधा रखें। घुटनों के मुड़ने से आप सिर को टांगों पर टिका नहीं पाएंगे।
अब सिर को थाइज़ पर टिका लें। उसके बाद दोनों बाजूओं को सीधा करें। इसके बाद दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकड़ लें और दोनों हाथों को पीछे से एक दूसरे में जकड़ लें।
इस दौरान लंबी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें। सांस छोड़ते हुए उपर की ओर उठें और टांगों को रिलैक्स मोड पर रखें। इस मुद्रा में शरीर को 5 से 10 सेकण्ड तक रखें।
इस योग को तीन से चार बार दोहराएं।
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कस्टमाइज़ करें2. शीर्षासन योग
सिर के बल किए जाने वाले इस योग को शीर्षासन कहा जाता है। इससे मस्तिष्क में रक्त संचार नियमित तौर पर होता है, जिससे भूलने की समस्या धीरे धीरे कम होने लगती है। इसके अलावा किसी भी काम में फोक्स बढ़ने लगता है। मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए किए जाने वाले इस योगाभ्यास से कार्य क्षमता में सुधार दिखने लगता है।
योग मुद्रा को करने की प्रक्रिया
इसे करने के लिए घुटनों को ज़मीन से लगाकर बैठ जाएं। अब सिर को भी मैट पर रखें।
आप चाहें, तो सिर के नीचे तकिया रख सकती हैं। इसके बाद दोनों हाथों को आपस में जोड़कर सिर पर टिका लें।
धीरे धीरे कमर को उपर की ओर उठाएं। इसके बाद अब पैरों को भी उपर की ओर ले जाएं।
अब अपने दोनों घुटनों को मोड़कर उपर की ओर उठने का प्रयत्न करें। मुड़े हुए घुटनों को सीधा कर लें।
इस योगासन को दीवार की ओर मुंह करके करें। शुरूआत में आप दीवार का सहारा भी ले सकते हैं।
3. वज्रासन योग
मन में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए वज्रासन बेहद फायदेमंद योग मुद्रा है। इसका नियमित तौर पर अभ्यास करने से अल्ज़ाईमर का जोखिम कम हो जाता है। इसके अलावा वे लोग जो डाइजेशन संबधी समस्याओं से परेशान रहते हैं। उन्हें भी ये योग करना चाहिए।
योग मुद्रा को करने की प्रक्रिया
इस योगासन को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। इससे पैरों की मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ने लगता है।
वे लोग जो पैर सुन्न होने की शिकायत करते हैं। ये योग उनके लिए बेहद कारगर है। अब अपने हिप्स को दोनों पैरों के तलवों पर टिका लें।
इस योग को करने के दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों को थाइज़ पर टिका लें। आंखे बंद करके गहरी सांस लें और फिर धीरे धीरे छोड़ें।
मन को सुकून प्रदान करने वाले इस योगासन में आप 3 से 4 मिनट तक बैठें। इस मुद्रा में बैठकर प्राणायाम और अनुलोम विलोम समेत कई योगासन किए जा सकते है।
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