तापमान लगातार गिर रहा है और कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन दुनिया भर में आतंक में इजाफा कर रहा है। ये सर्दियां विशेष रूप से कठिन हो रही हैं क्योंकि इस कठोर मौसम को कोरोनोवायरस से बढ़ते तनाव का साथ मिल गया है। जिसके परिणामस्वरूप अनिश्चितता बढ़ गई है। ये सभी चीजें हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल रही हैं। सच कहा जाए, तो हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य पर अब और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
लोग अपने शारीरिक स्वास्थ्य पर तो ध्यान देना सीख गए हैं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य को अब भी वे नजरंदाज ही कर रहे हैं। यदि सर्दियां इसका कारण हैं,तो आप निश्चित रूप से आप अकेली नहीं हैं, जो इन दिनों उदासी का सामना कर रहीं हैं। हालांकि, कुछ चीजें हैं जो आप अपनी मानसिक स्थिति को सुधारने के लिए कर सकते हैं।
किताबों में वह क्षमता होती है जो अपने शब्दों और लोगों की मदद से आपको एक नई जगह पर ले जाती है और नए तरह के लोगों से मिलवाती है। सोशल डिस्टेंसिंग, जो हमें हमारे अपनों से दूर रहने के लिए विवश कर रही है, उसके बीच भी यह एक अच्छा तरीका है जिसमें हम अपने आप से जुड़ सकते हैं।
ससेक्स यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया कि केवल 6 मिनट पढ़ने के बाद प्रतिभागियों ने अपने तनाव के स्तर में 68% की कमी देखी।
यदि आप उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में खाना पकाने की कोशिश नहीं की थी, तो हमारी सलाह है कि आप इसे अब आजमाएं। न केवल खाना खाने, बल्कि खाना पकाने की प्रक्रिया भी असीम आनंद और संतुष्टि लेकर आती है।
जर्नल ऑफ पॉजिटिव साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग खाना पकाने जैसी रचनात्मक गतिविधियों में समय बिताते हैं, वे दूसरों की तुलना में अधिक खुश रहते हैं।
यूं भी अभी रेस्तरां सुरक्षित नहीं हैं, तो घर पर अच्छा खाना पकाने से बेहतर आइडिया और क्या हो सकता है!
सर्दियां कम उजाले के साथ आती हैं और सोशल डिस्टेंसिंग में पहले से ही सूरज के नीचे बैठने के समय को कम कर दिया है। जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल हेल्थ में प्रकाशित एक शोध में सूर्य के प्रकाश के निचले स्तर और संज्ञानात्मक स्थिति में गिरावट के बीच संबंध पाया गया।
इसलिए यह कहा जा सकता है कि सूर्य के प्रकाश में आपकी इमोशनल हेल्थ को बढ़ावा मिल सकता है। कोशिश करें कि आप ऐसे समय में घूमने जाएं जब आपको कम लोग मिलें, जैसे कि दोपहर का समय। आप चाहें तो अपने कमरों में शीशों को इस तरह रख सकते हैं, जिससे कि खिड़की से आने वाली धूप उनसे टकराकर पूरे कमरे में फैल जाए।
अपने स्थान को गर्म और आरामदायक बनाना आपके मन और शरीर के लिए भी आरामदायक हो सकता है। अपने आसपास इनडोर पौधों को शामिल करने का प्रयास करें। ये न केवल घर के अंदर की हवा को शुद्ध करते हैं, बल्कि आपके मूड में भी सुधार ला सकते हैं। जनरल ऑफ फिजियोलॉजी एंथ्रोपोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार पौधे, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तनाव को भी कम कर सकते हैं।
इसके अलावा आप वातावरण को और अच्छा बनाने के लिए सुगंधित मोमबत्तियों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। एसोसिएशन फॉर साइकोलॉजिकल साइंस के एक शोध से पता चला है कि फूलों की खुशबू से आपके अंदर खुशी की भावनाएं बढ़ती हैं।
सर्दियां आपको सुस्त बना सकती हैं और ऐसे में काम करने का विचार असंभव सा लगता है। पर जरूरी है कि शारीरिक गतिविधियों के पारंपरिक तरीकों को हटाकर कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो। उदाहरण के तौर पर आप नृत्य कर सकती हैं, दौड़ लगा सकती हैं या फिर लंबी पैदल यात्रा कर सकती हैं।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहना जरूरी है क्योंकि यह आपके शरीर में एंडोर्फिंस या फिर हैप्पी हार्मोन को रिलीज करता है जो कि आपके मूड को बढ़ाता है।
पालतू जानवर होने से न केवल आपको उछल कूद करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह आपकी इमोशनल हेल्थ में भी सुधार करेगा। इसके अलावा, आपको एक ऐसा साथी भी मिलेगा जो आपका साथ कभी नहीं छोड़ेगा। एजिंग एंड मेंटल हेल्थ नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि पालतू जानवर होने से व्यक्ति अकेलापन कम महसूस करता है।
हम समझते हैं कि यह एक कठिन समय है, लेकिन आप इन टिप्स की मदद से अप्रत्याशित समय में कुछ आराम पा सकती हैं!
यह भी पढ़ें – क्या आपको भी बात-बात पर गुस्सा आता है? तो जानिए इसके 5 बेसिक कारण और उबरने के उपाय