आखिर क्यों हम टॉक्सिक लोगों के पास वापस चले जाते हैं, चलिये पता करते हैं
एक ऐसे रिश्ते की कल्पना करें, जिसमें आपका पार्टनर आपको हमेशा गैसलाइट करने की कोशिश करता है। वह आपको कभी भी प्रेरित नहीं करते और हमेशा नीचा दिखाते हैं। इसके अलावा, जब आप इन मुद्दों पर बात करने की कोशिश करते हैं, तो वे यह सब आप पर डाल देते हैं। इन सब के बावजूद आप उनसे दूर होने की आपकी सारी कोशिशें फेल हो जाती हैं और आप लौटकर वापस उन्हीं के पास आ जाती हैं। आखिर क्यों?
आप अकेले नहीं हैं जो टॉक्सिक रिश्तों में बंधे हुये हैं। यह आपका साथी, माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त या कोई भी हो सकता है, जिनसे आपके लिए दूर जाना मुश्किल है। मगर याद रखें, ये लोग लंबे समय में आपके लिए अच्छे नहीं हैं। इनके साथ रहना आपको इमोशनली (कभी-कभी शारीरिक रूप से) डैमेज कर सकता है। यह भावना कभी-कभी आत्मघाती भी हो सकती है।
टॉक्सिक रिलेशनशिप में होने पर इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. आप किसी को नहीं बदल सकते
हमारा दिल हमेशा यही उम्मीद करता है कि जिसे हम प्यार करते हैं वो हमारे लिए बदल जाएगा। मगर सच तो यह है कि ऐसा वास्तव में होता नहीं है। अगर कोई है जो आपकी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है, तो उन्हें काट देना ही बेहतर है। किसी ऐसे व्यक्ति के पास न भागें जो आपके लिए टॉक्सिक है।
2. अपने आत्मसम्मान को कम न करें
कभी-कभी, हमें एहसास नहीं होता है, लेकिन हमारे पार्टनर द्वारा की जाने वाली चीज़ें वास्तव में हमारे लिए टॉक्सिक हो सकती हैं। वे लगभग हमेशा आपके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाते हैं, वे वास्तव में इसके लायक नहीं है।
3. पावर इम्बैलेंस
हम में से अधिकांश लोग प्यार की परिभाषा को गलत समझ लेते हैं। यही वजह है कि एक व्यक्ति आमतौर पर रिश्ते पर नियंत्रण रखता है, जबकि दूसरा अपनी जरूरतों को दबा देता है। शक्ति असंतुलन कभी-कभी भय और जबरदस्ती भी पैदा कर सकता है। समय के साथ, वे और भी बदतर हो सकते हैं।
4. दुर्व्यवहार कभी भी स्वीकार्य नहीं है
चाहे वह शारीरिक या भावनात्मक शोषण हो, यह स्वीकार्य नहीं है। ज्यादातर मामलों में, ऐसा तब होता है जब आप एक नारसिस्ट (narcissist) के साथ रहते हैं। हिंसक व्यवहार आपको आहत और डरा भी सकता है, और अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो उन्हें तुरंत छोड़ दें।
क्या होता है जब आप एक टॉक्सिक रिश्ते को सहते हैं?
दुर्भाग्य से, बहुत से लोग एक टॉक्सिक रिश्ते में रहते हैं, और वर्षों तक दुर्व्यवहार सहते हैं। उनके इस दुख की भरपाई कोई भी नहीं कर सकता है। वे कभी-कभी आत्महत्या तक कर लेते हैं। लेकिन हम आत्महत्या को कैसे रोक सकते हैं? क्या संकेतों की पहचान करने का कोई तरीका है?
प्रसिद्ध क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट भावना बर्मी कहती हैं – “हम आत्महत्या का पता नहीं लगा सकते हैं, लेकिन अगर हम जागरूक हैं तो हम कुछ संकेतों की पहचान कर सकते हैं। जब किसी व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं तो उसका व्यवहार और बात करने का तरीका गड़बड़ा जाता है। उन्हें नींद नहीं आती है, भूख में कमी और आलस्य होता है, साथ ही व्यक्तिगत सुधार की दिशा में कोई प्रयास नहीं होता है।
बर्मी का कहना है कि भले ही किसी ने अतीत में आत्महत्या का प्रयास किया हो, वे सही तरह के सपोर्ट के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
“यह तब हो सकता है जब वे आशावाद और सकारात्मकता बनाए रखें। इसके लिए जीवन में एक निश्चित उद्देश्य होना चाहिए, या एक जुनून जो उन्हें प्रेरित करता है। हमें भी उनके आत्म-मूल्य को बढ़ाने में मदद करने के लिए वहां होना चाहिए।”
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