सालों पुराने संबंध सिर्फ एक झूठ से ख़त्म हो जाते हैं! आलम यह है कि झूठ सुनना किसी को पसंद नही, परंतु झूठ बोलते सब हैं। जी हां, आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा। इस दुनिया में रहने वाले सभी लोग झूठ बोलते हैंं। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि लोग आखिर क्यों झूठ बोलते हैं।
झूठ बोलने के पीछे वैज्ञानिक कारण।
मशहूर मनोवैज्ञानिक और चिकित्सक, ब्रूनो वेरस्युरे (Bruno Verschuere) का मानना है कि “झूठ बोलना इंसानी फितरत है और ये चलने या बोलने जितनी ही आम प्रक्रिया है। एक बच्चा अपने विकास पथ में 2 से 3 साल के बीच ही झूठ बोलना सीख लेता है। साथ ही ऐसा देखने को मिला है कि 13 से 17 साल के बच्चे सबसे ज्यादा झूठ का सहारा लेते हैं।”
तो आखिर लोग झूठ क्यों बोलते है और इसके पीछे की सही वजह क्या है? ऐसा माना जाता है कि लोग खुद को या दूसरों को नुकसान से बचाने, गोपनीयता बनाए रखने और शर्मिंदगी से बचने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं:
किसी भी तरह की सजा से बचना झूठ बोलने के सबसे मुख्य कारणों में से एक है। चाहें बच्चे हो या वयस्क, झूठ बोलने की सबसे आम वजह है सजा से बचना। कई बच्चे ऐसे होते हैं जो टीचर की डांट से बचने के लिए झूठ बोल देते हैं।
साथ ही वयस्क भी अक्सर झूठ का सहारा लेते हैं जब उन्हें लगता है कि उन्हें किसी भी वजह के लिए बेइज्जत होना पड़ सकता है। जैसे शराब पीने की आदत को छुपाना, एक गुनहगार अपने अपराध को छुपाने के लिए तब तक झूठ बोलता है, जब तक वह पकड़ा न जाए।
कई बार हमारे जीवन में इतने प्यारे लोग सामने आते हैं कि हम सच बोल कर उनका दिल नहीं दुखाना चाहते। इसलिए हम अक्सर झूठ बोलकर उन्हें ख़ुशी देने की कोशिश करते हैं। इसके साथ ही, यह डर भी छुपा होता है कि कहीं सच बोलने से हम उन्हें खो न दें। वहीं कई बार लोग दूसरों को छोटा और खुद को बड़ा साबित करने के लिए भी झूठ का सहारा लेते हैं।
खुद को किसी मुसीबत की घड़ी से निकालने के लिए या नियमों का पालन न करने की वजह से लोग कई बार झूठ का सहारा लेते हैं। एक बच्चा अक्सर तब झूठ बोलता है जब उसे डर होता है कि, उसकी शैतानी पकड़ी जाएगी। खुद को सही साबित करने के लिए, अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए लोग अक्सर झूठ का सहारा लेते हैं।
कई लोग अपनी पर्सनल लाइफ को मां-बाप के सामने गोपनीय रखने की वजह से झूठ बोलते हैं। अंडर कवर एजेंट्स अपने देश की सुरक्षा के लिए अन्य देशों के सामने अक्सर झूठ बोलते हैं।
झूठ बोलने से हमारे चरित्र का पतन होता है और नैतिकता के लिहाज़ से यह सर्वथा अनुचित है।
झूठ की शुरुआत बचपन से ही होती है। झूठ केवल तभी उचित ठहराया जा सकता है, जब तक सामने वाले के दिल को ठेस न पहुंचे।
यह भी पढ़ें – छोटी-छोटी परेशानियों पर टेंशन लेने लगती हैं, तो ये 6 टिप्स करेंगे टेंशन फ्री रहने में आपकी मदद
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।