10-3-2-1-0 स्लीप रूल है रात की अच्छी नींद का फाॅर्मूला, रेसिंग माइंड से भी मिलेगा छुटकारा

नींद पूरी न होने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भीअसर नज़र आता है। ऐसे में 10-3-2-1-0 का स्लीप रूल आपकी मदद कर सकता है। सोने से 10 घंटे पहले इसकी शुरूआत की जाती है, जिससे शरीर को सोने से लिए तैयार किया जा सके।
Neen apki recovery ke liye bahut zaruri hai
10-3-2-1-0 स्लीप रूल से नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
Published On: 9 Jan 2025, 08:00 pm IST
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जीवन में दिनों दिन बढ़ने वाले तनाव से दिन का चैन को रात की नींद खोने लगी है। कहीं न कहीं लेट लाइट मूवी और देर तक खाना खाने की आदत नींद में खलल का कारण साबित होती है। नींद पूरी न होने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी उसका असर नज़र आने लगता है। ऐसे में 10-3-2-1-0 का स्लीप रूल (10-3-2-1-0 sleep rule) आपकी मदद कर सकता है। इससे न केवल दिनचर्या व्यवस्थिति होने लगती है बल्कि नींद न आने की समस्या से भी बचा जा सकता है। जानते हैं इस स्लीप रूटीन के फायदे और इसे दिनचर्या में शामिल करने की टिप्स भी।

10-3-2-1-0 स्लीप रूल किसे कहा जाता है (10-3-2-1-0 sleep rule)

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि 10-3-2-1-0 स्लीप रूल (10-3-2-1-0 sleep rule) का मकसद नींद के दौरान आने वाली बाधा को दूर करना है। दरअसल, अधिकतर लोग सोने से पहले देर तक स्क्रीन देखते है, जिससे बॉडी की सर्केडियन रीदम प्रभावित होती है। साथ ही देर रात कॉफी पीना और खान खाने से नींद आने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। इस रूल को फॉलो करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है। सोने से 10 घंटे पहले इस रूल की शुरूआत की जाती है, जिससे शरीर को सोने से लिए तैयार किया जा सके।

Sleep quality ko badhayein
10-3-2-1-0 स्लीप रूल का मकसद नींद के दौरान आने वाली बाधा को दूर करना है।

स्लीप रूल को कैसे फॉलो करें (Tips to follow 10-3-2-1-0 sleep rule)

1. 10 घंटे पहले कैफीन से दूर रहे

अगर आप रात को 10 बजे सोना चाहती है, तो 10 घंटे कैफीन से दूरी बना लें। कॉफी और चाय का सेवन करने से ब्रेन देर तक एक्टिव रहता है और एनर्जी का लेवल बना रहता है। ऐसे में रात में भरपूर नींद के लिए कैफीन से दूर रहें। एमडीपीआई के रिसर्च के अनुसार काफी का सेवन करने से उसका असर शरीर पर छ घंटे तक बना रहता है। अगर आप गर्म पेय पदार्थों क सेवन करना चाहते हैं, तो चाय व कॉफी को सूप और ग्रीन टी से रिप्लेस कर लें। इससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है।

2. 3 घंटे पहले मील्स और अल्कोहल से बचें

रात को सोने से कुछ देर पहले खाना खाने और अल्कोहल इनटेक से दूरी बनाकर रखें। इससे बॉडी की सर्केडियन रीदम गड़बड़ा जाती है। इससे नींद न आने की समस्या बनी रहती है और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ने लगता है। अगर आपको सोने से पहले कुछ खाने की क्रेविंग होने लगती है, तो उस वक्त फाइबर और प्रोअीन से भरपूर लाइट स्नैक्स लें। इसके अलावा दिनभर में समय से खाना खाने से नाइट टाइम क्रेविंग की समस्या से बचा जा सकता है।

Late night eating se kaise bachein
रात को सोने से कुछ देर पहले खाना खाने और अल्कोहल इनटेक से दूरी बनाकर रखें।

3. 2 घंटे पहले काम को बंद कर दें

अगर आप लेपटॉप पर काम कर रही हैं, तो सोने से दो घंटे पहले अपने ब्रेन को रिलैक्स रखें और साइन ऑफ करके लैपटॉप बंद कर दें। मोबाइल को भी बंद कर दें और फिज़िकल रिलैक्सेशन पर फोकस करे। इसके लिए सोने से पहले योगासन और बेड टाइम एक्सरसाइज़ करे। इससे शरीर की मोबिलिटी बनी रहती है और भरपूर नींद भी आती है। इससे तनाव की समस्या हल होने लगती है और व्यक्ति में एनर्जी का स्तर बढ़ने लगता है।

4. 1 घंटा पहले स्क्रीन से दूरी बना लें

साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार रात में आर्टिफिशल लाईट के संपर्क में शरीर पर उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सोने से लिए ब्रेन शरीर को संकेत देने के लिए मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन करता है। मगर रात को सोने से पहले स्मार्टफोन जैसे नीली रोशनी वाले उपकरण का उपयोग करने से मेलाटोनिन का स्राव कम हो जाता है। इससे रात में समय पर नींद नहीं आ पाती है। इस सिथति से बचने के लिए बेडरूम को पूरी तरह से स्क्रीन फ्री ज़ोन बनाकर रखे। इसके अलावा फोन को नाइट टाइम मोड पर रखे। साथ ही चाहें, तो सोने से पहले किताब पढ़ने की आदत डालें।

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सोने से पहले स्मार्टफोन जैसे नीली रोशनी वाले उपकरण का उपयोग करने से मेलाटोनिन का स्राव कम हो जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. स्नूज़ बटन को 0 बार दबाएं यानि न प्रेस करें

समय से न सोने के कारण नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसके चलते अधिकतर लोग स्नूज़ का बटन हर 5 मिनट के बाद दबाते है। इससे समय पर कार्य करने में विलम्भ होने लगता है। ऐसे में शरीर को दिनभर एक्टिव और एनर्जेटिक बनाए रखने के लिए उठने के बाद स्नूज़ बटन को न दबाएं और अलार्म बजते ही जल्द उने का प्रयास करें। विले ऑनलाइन लाइब्रेरी जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च के अनुसार लोगों में बढ़ने वाली स्लीप डिसऑर्डर की समस्या के चलते स्नूज बटन का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। इस समस्या से बचने के लिए रात को समय से सोने की हेबिट बिल्ड करें।

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इस स्लीपिंग रूल को फॉलो करने से पहले रखें इन बातों का ख्याल

1. बेडरूम को स्क्रीन फ्री रखें

सोने से पहले गैजेट्स के इस्तेमाल से बचें। इसके लिए अपने कमरे में स्क्रीन न रखें। साथ ही ब्रेन को रिलैक्स रखने के लिए किताबें पढ़े और योग का अभ्यास करे। इससे मानसिक स्वास्थ्य को फायदा मिलता है।

2. नैप लेने से बचें

दोपहर में कुछ मिनटों की नैप रात की नींद में बाधा का काम करती है। इससे रात को समय से नींद न आने की समस्या बनी रहती है, जिससे अगली सुबह जल्दी उठने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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दोपहर में कुछ मिनटों की नैप रात की नींद में बाधा का काम करती है। चित्र : शटरस्टॉक

3. दिनभर शरीर को एक्टिव रखें

वे लोग जो पूरा दिन किसी न किसी कार्य में व्यस्त रहते हैं, उन्हें रात में नींद के लिए किसी प्रकार की समस्या नहीं झेलनी पड़ती है। दिनभर काम करने से शरीर रात में सोने से लिए खुद ब खुद तैयार होने लगता है और अच्छी नींद आती है।

4. सोने का समय तय कर लें

सोने के लिए एक समय निर्धारित कर लें। इससे समय पर नींद आने लगती है और व्यक्ति का ब्रेन भी एक्टिव बना रहता है। साथ ही तनाव और डिप्रेशन की समस्या से भी बचा जा सकता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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