हम सिर्फ उन्हीं की बात मानते हैं, जिन पर भरोसा करते हैं, जानिए कैसे काम करते हैं मोटिवेशनल बिलीफ

क्या आपने यह महसूस किया है कि आप केवल उन बातों और लोगों पर ध्यान देते हैं, जिन पर आप विश्वास करना चाहते हैं? यदि ऐसा है तो हम बात रहे है इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प और प्रमाणित बातें।
Kisi bhi pareshani ko discussion se dur karein
अगर आपको ऑफिस या घर में कुछ खोने का संकेत मिलता है, तो उस बारे में चिंतित होने की जगह उन चीजों पर चर्चा करें। । चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 16 Sep 2021, 14:11 pm IST
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गर्ल्स, कभी आपने सोचा है कि जब तक एक-दूसरे पर भरोसा बना रहता है, तब तक हमें एक-दूसरे की बातें भी अच्छी लगती हैं। वहीं जब भरोसा टूटने लगत है या रिश्तों में दरार आने लगती है, तो किसी अच्छी सलाह के पीछे भी हमें पॉलीटिक्स नजर आने लगती है। यह असल में हमारे मोटिवेशनल बिलीफ के कारण होता है। कई बार यह हमारे रिश्तों की दशा-दिशा भी तय करता है। यकीन नहीं आता, तो इस शोध को पढ़िए। 

क्या कहता है शोध ?

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित जर्नल ऑफ़ द यूरोपियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के अनुसार समान मानसिकता वाले लोग एक-दूसरे के करीब होते हैं। उनके विचारों का आदान-प्रदान पक्षपाती रूप से होता है। यानी वे पहले से यह मान चुके होते हैं कि अमुक विचार सहीं हैं। 

जबकि पिछले शोध में यह पाया गया था कि व्यक्ति अपना हर निर्णय केवल उससे जुड़े सबूत और अपने अनुभव के आधार पर करता है। इस शोध में आपकी वैचारिक साम्यता और पारस्परिक विश्वास भी आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है। इस तरह की प्रक्रिया मोटिवेशनल बिलीफ (motivational belief) को जन्म देती है। 

apne rishte ko behtar banane ke liye vishwas hona zaroori hai
अपने रिश्‍ते को बेहतर बनाने के लिए विश्वास होना जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

कैसे काम करता है आपका मोटिवेशनल बिलीफ ?

आपका मोटिवेशनल बिलीफ (motivational belief) पक्षपात का कारण हो सकता है, क्योंकि इसमें आप पहले से अनुमान लगाने लगते हैं और चाहते है कि वो बात या घटना सच हो। उदाहरण के लिए, इस तरह के विश्वास शेयर बाजार से जुड़ी परफॉर्मेंस में दिखता है। यहां आप पहले से अनुमान लगाते हैं और चाहते हैं कि स्टॉक मार्केट आपके हिसाब से चले। 

इस अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिए शोधकर्ताओं ने एक और प्रयोग किया जिसमें उन्होंने यह पता लगाया कि क्या मोटिवेशनल बिलीफ को दूसरों के साथ बांटने से इस पर विश्वास गहरा होता है। इसका परिणाम उन्होंने आईक्यू (IQ) टेस्ट के आधार पर किया। जिसमें देखा गया कि मोटिवेशनल बिलीफ को बांटने वाले लोग हाई आईक्यू (IQ) की श्रेणी में पाए गए। 

नकारात्मक लोगों को भी बदल सकते हैं सकारात्मक लोग 

इससे एक और महत्वपूर्ण बदलाव दिखा कि नकारात्मक सोच रखने वाले लोग जब कोई सकारात्मक विचार के व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो उनकी सोच भी बदलने लगती है। यह उन्हे सकारात्मक दिशा की ओर प्रेरित करता है। यह लो आईक्यू (IQ) के लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है। 

sakaratmak logo ke kareeb rehne se badhega motivational belief
सकारात्मक लोगों के करीब रहने से बढ़ेगा मोटीवेशनल बिलीफ। चित्र : शटरस्टॉक

इस शोध से यह साबित हुआ है कि आप कोई भी खबर या बिलीफ को तब ही सच मानते हैं, जब वह आपके विचार से मेल खाता है। अच्छी या बुरी सोच रखना पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है। इसी आधार पर आप अपने जीवन के निर्णय लेते हैं। आपकी सोच या मोटिवेशनल बिलीफ आपको समान सोच वाले व्यक्ति के प्रति पक्षपाती विचार को जन्म देती है और आप उसके करीब रहना पसंद करते है। 

इसीलिए, आप अपने निर्णय तथा सोच स्वयं विकसित करते हैं। तो वक्त या गया है कि एक सकारात्मक और उपयोगी सोच को विकसित करें। 

यह भी पढ़ें: इस शोध के अनुसार बहुत सारा खाली समय होना भी पहुंचा सकता है मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान

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