मनोवैज्ञानिक बता रही हैं आपको वे 4 ईजी स्‍टेप्‍स, जिन्‍हें फॉलो कर आप तनाव में भी रह सकती हैं खुश

खुशी को ढूंढना आसान नहीं है। लेकिन अपने जीवन में कुछ बदलाव करके, आप खुशी और संतोष की भावना के ज्‍यादा करीब पहुंच सकती हैं।
Apurva Singh Verma Updated: 10 Dec 2020, 11:51 am IST
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चुनौतीपूर्ण समय में, सबसे पहले अपना स्वयं का ख्याल रखना जरूरी है तभी आप दूसरों का भी ख्‍याल रख पाएंगी। क्योंकि अगर आप स्‍वयं ही तनाव में हैं, तो दूसरों को खुशी कैसे दे सकती हैं।

आपकी इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए, हम यहां कुछ छोटे बदलाव आपको बता रहे हैं, जिन्‍हें फॉलो करके आप अपनी तनावपूर्ण दिनचर्या में भी खुश रहने के मौके जुटा सकती हैं। इनके लगातार अभ्‍यास से आप अपने जीवन को ज्‍यादा संतोषपूर्ण भी बना सकती हैं।

1 आभार का अभ्यास करें

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार  कृतज्ञता सिर्फ एक स्वस्थ व्यवहार नहीं है। यह एक सकारात्मक भावना है, जो चुनौतीपूर्ण समय में भी लोगों में सकारात्मक बदलाव लाती है। कृतज्ञता की भावना लगातार सबसे लचीला हैप्‍पीनेस बूस्टर में से एक है और यही कारण है कि यह पहली बात है जो मैं आपको अपने डेली रूटीन में शामिल करनी है।

How to be happy
सकारात्‍मक होने पर आप अपने आसपास ज्‍यादा खुशी महसूस कर पाती हैं। चित्र : शटरस्टॉक

कृतज्ञता एक भावना है जो प्रशंसा के समान ही सकारात्‍मक प्रभाव डालती है। आप बस अपने लिए एक कृतज्ञता बुक बनाना शुरू करें। जिसमें आप तीन चीजें लिख सकती हैं जिनके प्रति आप सबसे ज्‍यादा आभारी हैं। यह किसी को प्रशंसा संदेश भेजने जितना ही आसान है। आप इस प्रक्रिया में अपने परिवार को भी शामिल कर सकते हैं, यह एक पारिवारिक अनुष्ठान बन सकता है।

2 अपने दैनिक जीवन को माइंडफुल तरीके से जिएं

माइंडफुलनेस आपको अपने निर्णयों पर ज्‍यादा फोकस करना सिखाती है। यह भविष्‍य की चुनौतियों पर चिंता करने की बजाए मौजूदा समय में जीने के लिए प्रेरित करती है। यह हमें आंतरिक और बाहरी रूप से हमारे साथ क्या चल रहा है इसके बारे में अधिक जागरूक बनाने में मदद कर सकता है। यदि आप माइंडफुलनेस से अनजान हैं, तो आपको ध्‍यान देना चाहिए कि कोई अपने विचारों, भावनाओं या कार्यों के प्रति कैसे इतना जागरुक रहता है और आप उससे लाभ उठा सकती हैं।

बढ़ रही एंग्जायटी को योग से कम करने की कोशिश करें। चित्र : शटरस्टॉक

शुरूआत में भले ही यह आपके लिए मुश्किल हो सकता है। पर वास्तव में यह आपको खुद को महसूस करना सिखाता है। विभिन्‍न शोध बताते हैं कि यह बेहतर स्वास्थ्य, मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली, बेहतर लचीलापन, और कम चिंता जैसे लाभ पहुंचाता है। माइंडफुलनेस के लिए आप इन तकनीकों को आसानी से आज़मा सकती हैं:

  • तीन मिनट का बॉडी स्कैन : गहरी सांस लेने से शुरू करें और फिर अपने शरीर पर अपना ध्यान लाएं और फिर धीरे-धीरे अपने शरीर के प्रत्येक भाग पर ध्यान केंद्रित करें, ध्यान दें कि आप वहां कैसा महसूस कर रही हैं और इसे आराम दें!
  • पांच इंद्रियों का व्यायाम: अपनी पांच इंद्रियों, पांच चीजें जो आप देख सकते हैं, चार चीजें आप महसूस कर सकते हैं, तीन चीजें जो आप सुन सकते हैं, दो चीजें जिन्‍हें सूंघ सकती हैं और आखिरकार एक चीज जिसे आप स्वाद ले सकती हैं, उसका ध्‍यान करें।
  • स्क्वायर ब्रीदिंग : चार की गिनती पर सांस लें, अपनी सांस रोकें और मस्तिष्‍क में विचार करें। और चार की गिनती पर अपनी सांस छोड़ दें। इस क्रिया को 4-5 बार दोहराएं।

3 नियमित रूप से व्यायाम करना न भूलें

व्यायाम से उल्लेखनीय शारीरिक लाभ मिलता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ ही, प्रतिरक्षा में वृद्धि, बेहतर नींद, और निश्चित रूप से वजन घटाने में भी मददगार है।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें मानसिक और भावनात्‍मक लाभ मिलता है। अनुसंधान से पता चलता है कि व्यायाम चिंता, अवसाद, और अन्य मनोवैज्ञानिक चिंताओं को कम करता है, जबकि लोगों के मूड में सुधार कर, उन्हें और अधिक आत्मविश्वास पूर्ण बनाने के साथ ही खुशी भी देता है।

  • exercise mental health
    दौड़ना, योग, चलना या तैरना – हर तरह का व्यायाम आपके लिए अच्छा है। चित्र : शटरस्टॉक
    • अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए, नियमित व्यायाम की आदत शुरू करें। आपको जिम जाने आवश्यकता नहीं है। किसी भी प्रकार का व्यायाम काम करेगा – चाहे वह तेज चलना है, योग, बैडमिंटन जैसे अपने पसंदीदा गेम को खेलना हो, या सिर्फ आपके कमरे में नृत्य करना है।

    4 आत्म-करुणा का अभ्यास करें

खुद की आलोचना करने की बजाए अपने बारे में ज्‍यादा सॉफ्ट होकर निर्णय लें। अपनी देखभाल करें और अपनी क्षमताओं को समझने की कोशिश करें। मानसिक कल्याण के लिए भावनात्‍मक लचीलापन महत्वपूर्ण और लाभदायक है। आत्म-आलोचना से चिंता, अवसाद, जीवन में असंतोष, और कम आत्मसम्मान की भावना बढ़ती है।

इसके विपरीत अपने प्रति करुणा रखना, आपके मस्तिष्क की देखभाल और आत्म-जागरूकता प्रणालियों को सक्रिय करने में मदद करता है। जिससे यह विश्वास करना आसान हो जाता है कि आप सक्षम और योग्य हैं। यह आपको दूसरों से तुलना करने की संभावना कम करता है, और असुरक्षित महसूस करने की भावना को बढ़ाता है।

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importance of self-talk
दूसरों की बजाए खुद से प्रेम करना ज्‍यादा महत्वपूर्ण है। चित्र : शटरस्टॉक

यह आपको आशावादी बनाता है और खुशी, जुनून और उत्तेजना जैसी सकारात्मक भावनाओं के लिए प्रेरित करता है। इससे आपके संबंध बेहतर होते हैं, काम में अधिक उत्पादकता आती है  और आप ज्‍यादा खुश रह पाती हैं।

जैसे आप अपने परिवार, दोस्‍तों, प्रियजनों को प्‍यार और देखभाल देती हैं, वैसे अपने मन और मस्तिष्‍क को भी दें। यह आपके लिए ज्‍यादा जरूरी है।

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लेखक के बारे में

Apurva Singh Verma is psychologist and an outreach and content Associate at Mpower, Mumbai ...और पढ़ें

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