कोविड -19 में दे रहीं हैं बच्‍चे को जन्‍म ? ये टिप्स और ट्रिक्स करेंगे आपको भावनात्मक रूप से तैयार

प्रेगनेंसी में छोटी-छोटी बातों पर भी तनाव हो जाता है, फि‍र तो यह खतरनाक संक्रामक बीमारी का समय है। आप परेशान न हों, एक्सपर्ट के ये टिप्स आपको मेंटली मजबूत होने में मदद करेंगे।
बच्‍चे का जन्‍म तनाव की नहीं खुशी की बात है, फि‍जूल की बातों से खुद को परेशान न करें। चित्र: शटरस्‍टॉक
Dr Sapna Bangar Updated: 25 Apr 2022, 18:20 pm IST
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फिलहाल जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से परेशान है, तब गर्भवती महिलाओं कि चिंता और भी ज्‍यादा बढ़ गई है। संक्रमण द्वारा फैलने वाली यह बीमारी किसे, कब अपनी चपेट में ले लेगी, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है।

इतनी विकट परिस्थिति में अपना और अपने बच्चे का ख्याल रखना एक बड़ी चुनौती है। हम यहां कुछ टिप्स और ट्रिक्स सांझा कर रहें हैं। जिनको जानने के बाद आप भावनात्मक रूप से मज़बूत होकर इस मुश्किल समय का सामना आसानी से कर पाएंगी।

Covid-19 और लॉकडाउन ने अचानक हमारी ज़िन्दगी को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। हम सबने अपनी आने वाली ज़िन्दगी के बारे में कुछ प्लान्स बना रखे थे। बहुत सी चीज़े ऐसी थी जो निश्चित समय पर ही होनी थी। अगर आप गर्भवती है और अपने प्रसूति के समय के नज़दीक आने से चिंतित है? तो घबराइये नही! भले ही यह कठिन समय है। निश्चित रूप से आपने ऐसा कुछ भी नहीं सोचा था, पर सारी दुनिया इसका मुकाबला कर रही है।

आम से हालातों में बच्चे को जन्म देना आसान नहीं, और अब इस महामारी में यह कितना मुश्किल है हम समझ सकते हैं। लेकिन ! ज़रा आप ही सोचिये कि इस तरह अपने आपको और अपने बच्चे को मानसिक तनाव में रखना कहां की समझदारी है?

इस सबसे बच्चे के शारीरिक विकास पर भी अच्छा असर तो नहीं पड़ने वाला? अभी तो आपके मातृत्व  की शुरुआत हुई है। बहुत सी चुनौतियों का सामना करना है। अभी से इतना ज़्यादा स्ट्रेस लेना ठीक नही। बिलकुल भी नहीं !

हम समझ सकते हैं कि जबसे इस अनिश्चित महामारी ने  सवालों का घेरा बना लिया है।  बस तभी से आप चाहकर भी खुश नहीं रह पाती। तो अब इस सिचुएशन से कैसे निपटे ? यहां दिए गए 5 सुझाव आपके काम आ सकते हैं। यह सुझाव आपकी मदद करेंगे इस महामारी के दौरान भावनात्मक रूप से मज़बूत होने में :-

एक नया मेहमान आपके घर आने वाला है, इसके लिए कुछ अच्‍छी कल्‍पनाएं कीजिए। चित्र: शटरस्‍टॉक

योजना बी और सी को रखें तैयार

भारत में बच्चे का जन्म त्यौहार की तरह होता है। बहुत से रिश्तेदार हैं, जो बहुत से तोहफे लाते हैं। प्रसूति के बाद बहुत न्‍यू मॉम और बेबी की बहुत खास सेवा होती है। पर फिलहाल के लिए आप इन सभी योजनाओं को स्थगित कर सकती हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और उसकी गाइडलाइन्स का पालन करते हुए ऐसे कोई भी कार्य होने की अनुमति तो वैसे भी नहीं है।

बहुत से हॉस्पिटल्स में विज़िटर्स को आने कि अनुमति भी नहीं है। अपने डॉक्टर से बात करके आप इसकी जानकारी पहले से ही ले सकती हैं। अपने पति के साथ मिलकर इस पर अच्छी सी योजना भी बना सकती हैं।

सकारात्मक सोचें

हमेशा अपने मन में और अपने आसपास सकारात्मक सोच रखें। वह नेगेटिव खबरें न देखें जिससे आपके अंदर नेगेटिव बातें हरचल पैदा करें। अच्छा सोचे ! कल्पना करें कि जब आपकी गोद में आपका बच्चा होगा, तब आप कैसा महसूस करेंगी?

विपरीत परिस्थितियों की कल्पना न करें। ऐसा करने से क्या लाभ ? बल्कि अपने मन में आने वाली हर विपरीत सोच को चुनौती दें। खुद से कहें कि सब अच्छा होगा, तो क्या हुआ अगर अभी मुश्किलें है ! यह समय अस्थाई है जल्द ही गुज़र जायेगा।

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टेक्नोलॉजी का करें उपयोग

परिवारवालों और दोस्तों से जुड़ने के लिए आप टेक्नोलॉजी का बड़ा अच्छा उपयोग कर सकती हैं। अन्य महिलाओं से बात करें जो मां बनने वाली हों। उनसे बातें कर के आप अपने एक्सपेरिएंस सांझा कर सकती हैं। उपयोगी जानकारी एकत्रित करें जैसे :- हेल्पलाइन नंबर, ज़रूरी टिप्स एंड ट्रिक्स, झटपट बन जाने वाली रेसेपी और बच्चों के लिए ज़रूरी चीज़े।

ये सभी आपके बड़े काम आएंगे। खासकर आपके बच्चे के जन्म के बाद। आप यह करने के अलावा ऑनलाइन क्लॉसेस भी ज्वाइन कर सकती हैं। यह सब कीजिये या आप अपने इनोवेटिव दिमाग का उपयोग कर कुछ नया भी कर सकती हैं। लेकिन याद रखिये हमेशा नेगेटिव सोच और लोगों से दूर रहिए।

रिलेक्‍सेशन खोजें

शिशु के जन्म के बारे में चिंता और तनाव को दूर करने के लिए विज़ुअलाइज़ेशन उपयोगी साबित हो सकता है। आराम करने, गहरी सांस लेने और कल्पना करने का अभ्यास करें। कल्पना करें एक सुखद स्मृति के बारे में या उस जगह के बारे में सोचें, जो आपको शांत करती है जब भी आप चिंतित होने लगती है।

ऑनलाइन सपोर्ट भी इन दिनों बहूत काम आ सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

योग जैसी आरामदायक एक्सरसाइज या आपके घर की परिधि में घूमना आपको एक्टिव बनाए रखेगा। यह गर्भवती महिलाओं को शांत बनाता है, डिलीवरी के लिए तैयार करता है और लेबर पेन के दौरान किसी भी तरह की घबराहट से भी बचाता है।

सपोर्ट सिस्‍टम तैयार रखें

इस समय आपको मदद के लिए अपने पड़ोसियों पर निर्भर रहना पड़ सकता है। इस कठिन समय में सपोर्ट मांगना गलत नहीं होगा। इस वक़्त हर कोई सामाजिक भलाई के लिए खुशी से योगदान दे रहा है। ठीक है ! यदि आप घबराये हुए हैं और किसी पर भी भरोसा करना उचित नहीं समझते, तो किसी प्रोफेशनल से बात करें। वह आपको सही गाइड कर पाएंगे।

याद रखिए! आप अकेली नहीं हैं, शायद हम इस वक़्त आपके साथ ना रह रहें हो। पर हमारी परिस्थिति आपसे कुछ अलग नहीं है। इस वक़्त हम सभी कहीं न कहीं एक ही नाव में सवार ऐसे यात्री हैं, जो फिलहाल तूफ़ान थमने का इंतज़ार कर रहें हैं।

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लेखक के बारे में

Dr Bangar is the head of MPower centre in Mumbai. She is specialist child and adolescent psychiatrist with a certificate of clinical training from the UK. She completed her undergraduate medical degree and postgraduate degree in psychiatry from Nair Hospital in Mumbai, prior to going to the UK. ...और पढ़ें

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