कहते हैं, कि ब्रहम मुहूर्त वो समय होता है, जब देवता धरती पर आते हैं और उस वक्त सभी धार्मिक स्थलों के दरवाज़ों को खोला जाता है। ब्रहम मुहूर्त में देवताओं को नमन किया जाता है। उन्हें स्नान करवाकर स्थापित करने का विधान है। इतना ही नहीं ब्रहम मुहूर्त का कनेक्शन कहीं न कहीं हमारी हेल्थ, माइंड और फ्रेशनेस से है। रिसर्च की मानें, तो प्रात: काल उठने से हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं और शरीर में उर्जा का संचार होता है।
अक्सर महिलाएं दिनभर काम करने के बाद थकान का अनुभव करने लगती हैं। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त में उठना संभव नहीं है। दरअसल, ब्रह्म मुहूर्त में न केवल शुद्ध माहौल का अनुभव होता है बल्कि प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन की भी प्राप्ति होती है। इसका प्रभाव हमारी लंग्स पर पड़ता है और हम लंबा जीवन और स्वस्थ जीवन जीने के लिए तैयार हो जाते हैं।
मन सभी चिंताओं से खुद ब खुद दूर रहने लगता है और शांति महसूस होने लगती है। मानसिक शांति के बोध के लिए सूरज उगने से पहले उठें और मेडिटेशन करना न भूलें। इससे स्मरण शक्ति बढ़ती है। धीरे धीरे मन में प्रसन्नता उत्पन्न होने लगती है। इसका प्रभाव चेहरे के साथ साथ पूरे शरीर में नज़र आने लगता है।
अगर आप ब्रहम मुहूर्त में उठते हैं, तो आपको कुछ भी स्मरण करने में दिक्कत नहीं आती है। दरअसल, वो वक्त ऐसा होता है। जब हमें अपने आस पास ईश्वर की मौजूदगी का एहसास होने लगता है। हर तरफ सन्नाटा होने से मन शांति में लीन हो जाता है और जो भी आप पढ़ते हैं, वो आपको आसानी से याद होने लगता है। ये ऐसा वक्त होता है कि कोई भी धार्मिक ग्रंथ हो या कोई स्टडी मैटीरियल हो, वो आसानी से आपके मस्तिष्क में बैठ जाता है।
अक्सर स्टूडेंटस सुबह उठकर पढ़ना पसंद करते हैं। पढने के साथ साथ लिखने के लिए भी ये वक्त उत्तम रहता है। इस वक्त विचार गहराई से उत्पन्न होते हैं और मन में उठने वाले शुद्ध विचारों को हम किताब में आसानी से उकेर सकते हैं।
अक्सर लोग नींद पूरी करने के लिए वीकेण्ड का इंजत़ार करते हैं। वो भले ही ज्यादा घंटे सो जाते हैं मगर फिर भी नींद की क्वालिटी उच्च स्तर की नहीं हो पाती है। एक्सपर्ट की मानें, तो ज्यादा सोने का संबध किसी भी तरीके से नींद की क्वालिटी से नहीं होता है। अगर आप सूरज निकलने से पहले उठ जाते हैं, तो आप रात को अच्छी नींद सो सकते हैं। अच्छी नींद से हमारा तात्पर्य नींद गहरी होने से है। थोड़ा जल्दी उठने से आप गहरी नींद ले सकते हैं।
हम जीवन में हर रोज़ खुद से अनुशासन में रहने का वादा करते है। फिर भी किसी न किसी कारण उसे मेंटेन नही कर पाते हैं। कारण सुबह समय से न उठना और रात को देर तक जागना। ऐसे में सबसे पहले जल्दी उठने की कोशिश करें। अगर आप जल्दी उठ जाते हैं, तो जाहिर है, आप जल्दी सोएंगे भी। वहीं से जीवन में डिसिप्लिन की शुरूआत हो जाती है। जल्दी उठना और जल्दी सोना, इन्हीं दो चीजों से आप जीवन में अनुशासन ला सकते हैंं।
अगर आप जल्दी उठने की आदत को दिनचर्या का हिस्सा बना लेते हैं, तो इससे आपकी कार्य कुशलता में सुधार आता है। साथ ही आप ज्यादा प्रोडक्टिव हो पाते हैं। देर तक सोने वाले लोग अक्सर काम में पूरा सौ प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। इसके चलते उनके काम अधिकतर अधूरे रह जाते हैं।
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