अनलर्निंग के लिए आपको अपने अहंकार और पूर्वाग्रहों को छोड़ना होगा। यह आपको अपनी मान्यताओं को चुनौती देने के लिए मजबूर करता है। हम सूचना के युग में रहते हैं। इसलिए आपको लगातार बढ़ते हुए ज्ञान के आधार पर हर परिस्थिति का सामना करना सीखना चाहिए। सीखने की यह चाहत आपको खुश रहने में मदद करेगी। कहना गलत नहीं होगा कि असली खुशी और सफलता पाने के लिए लर्न(learn) करने से ज़्यादा ज़रूरी है अनलर्न(Unlearn) करना। इस बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए हमने बात कि करियर कोच और मेंटल काउंसिलर ऋषि माथुर से।
किसी समझदार ने कहा था कि भविष्य के निरक्षर वे नहीं हैं जो पढ़ या लिख नहीं सकते हैं, बल्कि वे हैं जो सीखी हुई चीज़ भुला कर, परिस्थिति के अनुसार नई चीज़ सीख नहीं सकते हैं। सीखना आसान है। सीखा हुआ भूल कर दुबारा सीखना कठिन है।
चलिए जानें ऐसी 5 चीज़े जिन्हें अनलर्न (5 things to unlearn) करके बारे आप अपनी खुशी की तरफ कदम बढ़ा सकती हैं:
करियर कोच और मेंटल काउंसिलर ऋषि माथुर इस बारे में बात करते हुए कहते हैं कि यदि आप क्रोधित, उदास, ईर्ष्यालु, चिंतित, या कोई अन्य नकारात्मक भावना महसूस करते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। सभी भावनाएं स्वाभाविक हैं।भावनाएं आपको परिभाषित नहीं करती हैं। आप उनके साथ क्या करते हैं और आप उनका सामना कैसे करते हैं, यह आपकी परिपक्वता को परिभाषित करता है।
खुशी सिर्फ मन की एक अवस्था है जो आपके कार्यों और आपके जीवन की घटनाओं से उत्पन्न होती है। लक्ष्य के रूप में खुशी का पीछा करना बेमानी। इसे खुद्द आके जीवन मेंआने और जाने दीजिए।
अच्छा है कि आप तर्कसंगत निर्णय ही लें। लोगों या खुद को भावनात्मक रूप से आंकना बंद करें। अपने जीवन में निर्णय लेने के लिए अपने दिल की बात के साथ तर्क को भी मिलाएं। करियर कोच और मेंटल काउंसिलर माथुर के अनुसार “ज़रूरी नहीं कि आपका लिया हर निर्णय सही ही होगा। लेकिन कम से कम आपको इसका पछतावा नहीं होगा क्योंकि आपने अपने मन की आवाज़ के साथ दिमाग को भी सोचने और सुनने के लिए समय निकाला। जानवरों के पास तर्क प्रणाली नहीं होती है। उनके पास जन्म से ही सिर्फ अंतर्ज्ञान यानी आंतरिक बुद्धि है जिसे वे अनदेखा नहीं करते हैं।
दयालु, प्यार करने वाले और समझदार बनने की पूरी कोशिश करें।पूरी दुनिया की अपेक्षाओं को पूरा करना आपकी नन्हे कन्धों की ही जिम्मेदारी नहीं है। लोगों को प्रभावित करने की कोशिश न करें। प्रशंसा से बड़ा कोई नशा नहीं है इस नशे से भी हर नशे की तरह तौबा करना बेहद ज़रूरी है। यदि आप लोगों के समूह के साथ फिट होने की कोशिश करती हैं, तो आप खुद को कॉन्फिडेंट और सहज महसूस नहीं करेंगी। जब आप सहज रहेंगी तो आपको समय बिताने के लिए सही लोग मिलेंगे।
अकेले समय बिताना आपके जीवन और आपकी भलाई के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है। इस बारे में काउंसिलर माथुर का यह कहना है कि अकेले रहना दरअसलआपको अपने जीवन की योजना बनाने और उसे सही तरह से करने के लिए समय और वातावरण देने में सहायक है। अपने साथ अपनी सोलो मीटिंग मिस न करें। अपने जीवन को परखें। इरादे सेट करें और बड़े पैमाने पर इसपर काम करें।
हां, काम ज़रूरी है पर इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आपका काम ही ज़रूरी है अपने काम के बीच में आपको भी अपने लिए समय निकालना चाहिए।
एक मजबूत कार्य नीति होने का एक हिस्सा अपना ख्याल रखना ही है, क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपके काम पर असर पड़ेगा। लोगों की यह गलत धारणा यह है कि आपको अपने काम को प्रदर्शित करने के लिए अपनी नींद, व्यायाम और आराम का त्याग करना चाहिए ताकि आप बता सकें कि आप काम के लिए समर्पित हैं।
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