क्या आप कभी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जिसके साथ आप अपनी सोल से कनेक्ट कर पाते हैं? उन लोगों से आप बहुत गहरा और भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं। अगर ऐसा है तो आपको समझ आ गया होगा कि कुछ लोग क्यों सोल टाई संबंधों को मानते हैं। किसी से जुड़ाव आपको किसी भी तरह के तनाव से दूर रख सकता है, लेकिन यदि आप एक अस्वस्थ सोल टाई संबंध में होते हैं, तो यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है। जिससे कोडिपेंडेंसी जैसी चीजों का सामना आपको करना पड़ सकता है।
ईसाई धर्म और कुछ नए युग की मान्यताओं में सोल टाई पर आध्यात्मिक और धार्मिक संदर्भों में चर्चा की जाती रही है। यह शब्द दो व्यक्तियों के बीच आध्यात्मिक संबंध को दिखाता है, जो आमतौर पर गहरे भावनात्मक, शारीरिक या यौन संबंध से उत्पन्न होता है।
ईसाई अध्ययनों में, आत्मा के संबंधों (soul ties) को अक्सर सकारात्मक रूप में देखा जाता है। सकारात्मक सोल टाई संबंध स्वस्थ और लाभकारी होते हैं। जो रिश्तों को मजबूत बनाकर आपसी समर्थन और विकास को बढ़ाते हैं। दूसरी ओर सोल टाई संबंध नकारात्मक भी हो सकते हैं। जो व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की बजाए उसके व्यक्तित्व को नुकसान पहुंचाते हैं।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट रुचि रूह बताती हैं कि सोल टाई व्यक्तियों के बीच गहरे भावनात्मक और आध्यात्मिक संबंध को कहा जा सकता है। वो ये भी बताती है कि रिश्ता खत्म होने के बाद भी सोल टाई किसी की भावनाओं, विचारों और व्यवहार को प्रभावित कर सकता है। आत्मीय संबंध पार्टनर, दोस्तों या परिवार के सदस्यों के बीच हो सकते हैं। इन संबंधों की विशेषता यह होती है कि ये बहुत ही इंटेंस संबंध होते हैं।
भावनात्मक स्तर पर दूसरे व्यक्ति से गहराई से जुड़ा हुआ महसूस करना, अक्सर प्यार, पैशन और लालसा जैसी मजबूत भावनाओं का अनुभव करना।
रिश्ते से आगे बढ़ना चुनौतीपूर्ण लगता है, भले ही वह खत्म हो गया हो या अब स्वस्थ न हो।
रुचि रूह बताती है कि ऐसा महसूस होना कि आप मौखिक संचार के बिना भी एक-दूसरे के विचारों और भावनाओं को समझ सकते हैं।
एक-दूसरे के साथ एक पावरफुल शारीरिक आकर्षण और कैमिस्ट्री महसूस करना, जो अक्सर इंटेंस सेक्सुअल डिजायर की विशेषता होती है।
कोडिपेंडेंसी – यदि किसी रिश्ते में कोई एक पार्टनर अत्यधिक निर्भर हो जाता है, जिसमें एक या दोनों पार्टनर इमोशनल वेलिडेशन, आत्म-मूल्य और खुद की चीजों को पूरा करने के लिए एक-दूसरे पर निर्भर होने लगते हैं।
खुद की पहचान को खत्म करना – एक या दोनों पार्टनर स्वयं और व्यक्तिगत पहचान की भावना खो देते हैं, रिश्ते में उलझ जाते हैं और अपनी आवश्यकताओं, लक्ष्यों और हितों को नजरअंदाज करने लगते हैं।
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बहुत अधिक ओब्सेसिव हो जाना – लगातार दूसरे व्यक्ति के बारे में सोचना, पोजेजिव या ईर्ष्या महसूस करना, और ऐसे व्यवहार करना जो सामने वाले को नियंत्रित करने वाला हो उस समय ये रिश्ते खराब हो सकते हैं।
आइसोलेशन होना – रिश्ता एक या दोनों पार्टनर को दोस्तों, परिवार और अन्य सोशल नेटवर्क से अलग कर देता है। जिससे सामाजिक रूप से आप अलग-थलग हो जाते हैं और केवल पार्टनर पर निर्भरता रह जाती है।
रुचि रूह बताती है कि किसी के साथ मजबूत संबंध महसूस करना रोमांचक है, लेकिन इसे अपनी भावनात्मक सुरक्षा की उपेक्षा करने का कारण न बनने दें। जो आप स्वीकार करने को तैयार हैं और जो सीमा पार करता है उसे साफ तौर पर बताएं। इससे न केवल आपको स्वयं के प्रति सच्चा बने रहने में मदद मिलेगी, बल्कि दूसरों के साथ स्पष्ट बाउंडरी निर्धारित होंगी।
किसी भी रिश्ते से बाहर निकलना या दूर जाना दुखद हो सकता है। इसलिए ईमानदार होना और समझना जरूरी है कि आपको इस व्यक्ति को छोड़ने की जरूरत क्यों है। जब आप किसी को ईमानदारी से अपनी बात बताते है और उसके पीछे का कारण भी देते है तो वो व्यक्ति आपकी बातों को ज्यादा अच्छे से सुनता और समझता है।
सोल टाई संबंध को तोड़ने के बाद अपनी रोज की आदतों को समायोजित करने से मदद मिल सकती है। ये जान लें की बदलाव आप पर बहुत भरी न हों। हर चीज़ के बारे में अधिक सोचने से आपको बुरा महसूस हो सकता है। इसके अपने बारे में अच्छा महसूस करना बहुत जरूरी है।
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