हाल में कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें कंसेंट नहीं मिलने के कारण व्यक्ति को दुर्व्यवहार झेलना पड़ा। यौन उत्पीड़न सहना पड़ा। विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में कंसेंट यानी सहमति के बारे में पर्याप्त बात नहीं की जाती है। यह जानने के बावजूद कि यह बातचीत, प्रेम और पार्टनरशिप के बीच की आधारशिला है। ज्यादातर लोग इस बारे में न अधिक जानते हैं और न अधिक जानना पसंद करते हैं। यहां पर हम सहमति का मतलब किसी पार्टनर के साथ शारीरिक या यौन गतिविधि के संदर्भ में भी देखा जा सकता है। हमें सहमति के लिए हां सुनने के साथ-साथ ना सुनने की भी आदत डालनी चाहिए। सामने वाले व्यक्ति के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए यह जरूरी (consent for relationship) है।
सेक्सोलोजिस्ट और स्टोरीटेलर सीमा आनंद अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘ कंसेंट को अच्छी तरह समझना जरूरी है। यह एक स्टेट ऑफ़ माइंड है। दूसरे व्यक्ति का सिर्फ नहीं कहना ही काफी नहीं है। इस नहीं को सामने वाले को सुनने और इसका मतलब समझने की आदत भी डालनी चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप यदि किसी को चाहते हैं, तो बदले में सामने वाला भी आपको चाहता हो। किसी को इसके लिए दवाब (Pressurize) नहीं डाला जा सकता है। दवाब देने के कारण ही इव टीजिंग की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।
सीमा कहती हैं, ईव टीजिंग कल्चर के ज्यादातर मामलों के लिए बोलिवुड जिम्मेदार है। अक्सर फिल्मों में दिखाया जाता है कि हीरो अपनी बात मनवाने के लिए हीरो दवाब देता है। वह हीरोइन को हर तरह से परेशान करता है, हर सीमा को लांघ जाता है। अंत में वह हीरो से प्यार करने लगती है। ऐसा वास्तविक जीवन में नहीं होता है। यदि आप कंसेंट की महत्ता को नहीं समझ पा रहे हैं, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि कई कानून हैं , जिनकी मदद से इसे समझा जा सकता है।
सहमति सिर्फ सेक्सुअल कंसेंट के लिए हां या नहीं कहना मात्र नहीं है। सीधे शब्दों में सहमति साझेदारों के बीच आपसी सहमति है कि वे क्या अनुभव करना चाहते या चाहती हैं। यह किसी के सम्मान से जुड़ा हुआ मामला भी हो सकता है। यह किसी रिश्ते में आपसी निर्णय लेने की क्षमता को भी दर्शाता है। सहमति के लिए नहीं का मतलब नहीं होता है। इसमें दूसरे व्यक्ति के लिए यह समझना जरूरी हो जाता है कि सामने वाला व्यक्ति किस चीज़ को लेकर सहज है और किस चीज को लेकर नहीं। सहमति पाने के लिए किसी भी प्रकार का दवाब स्वीकार्य नहीं हो सकता है।
यदि सहमति मिल जाती है, तो यह काफी आनंददायक स्थिति हो सकती है। यदि सहमति नहीं मिलती है, तो छूने और चूमने से लेकर किसी भी प्रकार की सेक्सुअल एक्टिविटी कानून के खिलाफ हो सकती है। यह सेक्सुअल एबूज का मामला हो सकता है, जिसके लिए कठोर दंड मिल सकता हैं।
किसी ने सहमति दी है या नहीं, यह जानने का एकमात्र तरीका यह है कि वे आपको बताएं। लोगों को यह बताना हमेशा आसान नहीं होता कि आप किसी चीज़ से खुश नहीं हैं। कभी-कभी आप जिस व्यक्ति के साथ होते हैं, खाते-पीते भी हैं, आपको यह लग सकता है कि वह पसंद कर रहा है या कर रही है। ऐसा आपको लग सकता है, लेकिन संभव है कि आपकी बातें, विचार पसंद आने के बावजूद वे आपसे प्यार नहीं करते हों। वे लव और रिलेशनशिप के मामले में आपके साथ असहज महसूस करते हों। किसी भी प्रकार के इजहार से पहले सामने वाले का कंसेंट लेना जरूरी है। यह जानने के लिए बातचीत जरूरी है।
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